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कोरोना महामारी से प्रभावित पर्यटन और होटल उद्योग फिर से फले-फूलेगा : पर्यटन मंत्री

कोरोना महामारी की वजह से पर्यटन और होटल उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है लेकिन एक्सपर्ट उम्मीद जता रहे हैं कि जल्द माहौल बदलेगा और कोरोना के बाद नए कलेवर में पर्यटन और होटल उद्योग विकसित होता नजर आएगा.

पर्यटन और होटल उद्योग फिर से विकसित होगा
पर्यटन और होटल उद्योग फिर से विकसित होगा
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Published : Jun 10, 2020, 1:14 AM IST

नई दिल्ली : कोरोना महामारी और उसके बाद चार चरणों में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से पर्यटन और होटल उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. अब देश अनलॉक -1 के साथ आगे बढ़ रहा है और होटल, रेस्तरां और धार्मिक स्थानों को खोलने की अनुमति मिल गई है.

एएसआई के अंतर्गत आने वाले 820 संरक्षित स्मारक, जो कि पूजा स्थल हैं, उन्हें केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल की घोषणा के बाद खोला गया. लेकिन राज्यों द्वारा लागू यात्रा प्रतिबंधों के कारण और कोरोना के सामुदायिक संक्रमण के डर से घरेलू पर्यटन उद्योग अभी भी प्रभावित हो रहा है.

देश भर में कोरोना के सकारात्मक मामलों की संख्या में निरंतर वृद्धि के कारण यह स्पष्ट है कि देश जल्द ही सामान्य होने वाला नहीं है, जिससे इस उद्योग से जुड़े लोगों की समस्यांए और बढ़ सकती हैं.

बता दें कि यह उद्योग देश के जीडीपी में लगभग 10 प्रतीशत का योगदान देता है.

सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) के अनुसार, कोरोना वायरस फैलने के बाद उद्योग को 5 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है और पांच करोड़ लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है.

सभी प्रतिकूलताओं के बावजूद, केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जल्द सुधार की आशा जताई.

उन्होंने कहा कि देश भर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों से यह साफ है कि देश को कोरोना से संक्रमण से उबरने में समय लगेगा. पर्यटन और होटल उद्योग देश के जीडीपी में लगभग प्रतीशत का योगदान करता है.भारत ने न केवल इस महामारी के खिलाफ सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ी है, बल्कि अन्य देशों को भी बीमारी से लड़ने में मदद की है. भारत के नेतृत्व ने वैश्विक स्तर पर एक बेंचमार्क स्थापित किया है. इस महामारी के कारण होटल और पर्यटन उद्योग बुरी तरह से प्रभावित जरूर हुआ है, लेकिन भारत सरकार इस क्षेत्र को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है.

उन्होंने कहा कि भारत में पर्यटन की बहुत संभावना है और आने वाले समय में यह बड़े पैमाने पर उभर कर आएगा.

पढ़ें- आईआईटी मद्रास के शोधकर्ताओं ने की माइक्रोआरएनए की पहचान, जीभ कैंसर के इलाज में होगा कारगर

बता दें कि महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय इस विषय पर एक सप्ताह का लंबा वेबिनार आयोजित कर रहा है, जिसमें उद्योग के विशेषज्ञ उन मौजूदा मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं, जो इस क्षेत्र में बढ़ती समस्याओं से जूझ रहे हैं. दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति राजबीर सिंह ने कहा है कि कोविड-19 ने होटल और पर्यटन उद्योग को प्रभावित किया है, लेकिन यह जल्द ही उभरेगा और पेशेवरों के लिए नए अवसर लाएगा.

विश्वविद्यालय की डीन प्रोफेसर नीना सिंह ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस उद्योग में टच फ्री चेक इन और गेस्ट रूम में कम सुविधाएं आदि जैसे कई बदलाव देखने को मिलेंगे. स्थिति ठीक होते ही नए प्रकार के पर्यटन जैसे वेलनेस और योग उभरेंगे. विशेषज्ञों के अनुसार जब स्थिति सामान्य हो जाएगी और लोग यात्रा करने के लिए शुल्क मुक्त हो जाएंगे तब उद्योग पूरी तरह से काम करना शुरू कर देगा.

नई दिल्ली : कोरोना महामारी और उसके बाद चार चरणों में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से पर्यटन और होटल उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. अब देश अनलॉक -1 के साथ आगे बढ़ रहा है और होटल, रेस्तरां और धार्मिक स्थानों को खोलने की अनुमति मिल गई है.

एएसआई के अंतर्गत आने वाले 820 संरक्षित स्मारक, जो कि पूजा स्थल हैं, उन्हें केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल की घोषणा के बाद खोला गया. लेकिन राज्यों द्वारा लागू यात्रा प्रतिबंधों के कारण और कोरोना के सामुदायिक संक्रमण के डर से घरेलू पर्यटन उद्योग अभी भी प्रभावित हो रहा है.

देश भर में कोरोना के सकारात्मक मामलों की संख्या में निरंतर वृद्धि के कारण यह स्पष्ट है कि देश जल्द ही सामान्य होने वाला नहीं है, जिससे इस उद्योग से जुड़े लोगों की समस्यांए और बढ़ सकती हैं.

बता दें कि यह उद्योग देश के जीडीपी में लगभग 10 प्रतीशत का योगदान देता है.

सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) के अनुसार, कोरोना वायरस फैलने के बाद उद्योग को 5 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है और पांच करोड़ लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है.

सभी प्रतिकूलताओं के बावजूद, केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जल्द सुधार की आशा जताई.

उन्होंने कहा कि देश भर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों से यह साफ है कि देश को कोरोना से संक्रमण से उबरने में समय लगेगा. पर्यटन और होटल उद्योग देश के जीडीपी में लगभग प्रतीशत का योगदान करता है.भारत ने न केवल इस महामारी के खिलाफ सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ी है, बल्कि अन्य देशों को भी बीमारी से लड़ने में मदद की है. भारत के नेतृत्व ने वैश्विक स्तर पर एक बेंचमार्क स्थापित किया है. इस महामारी के कारण होटल और पर्यटन उद्योग बुरी तरह से प्रभावित जरूर हुआ है, लेकिन भारत सरकार इस क्षेत्र को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है.

उन्होंने कहा कि भारत में पर्यटन की बहुत संभावना है और आने वाले समय में यह बड़े पैमाने पर उभर कर आएगा.

पढ़ें- आईआईटी मद्रास के शोधकर्ताओं ने की माइक्रोआरएनए की पहचान, जीभ कैंसर के इलाज में होगा कारगर

बता दें कि महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय इस विषय पर एक सप्ताह का लंबा वेबिनार आयोजित कर रहा है, जिसमें उद्योग के विशेषज्ञ उन मौजूदा मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं, जो इस क्षेत्र में बढ़ती समस्याओं से जूझ रहे हैं. दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति राजबीर सिंह ने कहा है कि कोविड-19 ने होटल और पर्यटन उद्योग को प्रभावित किया है, लेकिन यह जल्द ही उभरेगा और पेशेवरों के लिए नए अवसर लाएगा.

विश्वविद्यालय की डीन प्रोफेसर नीना सिंह ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस उद्योग में टच फ्री चेक इन और गेस्ट रूम में कम सुविधाएं आदि जैसे कई बदलाव देखने को मिलेंगे. स्थिति ठीक होते ही नए प्रकार के पर्यटन जैसे वेलनेस और योग उभरेंगे. विशेषज्ञों के अनुसार जब स्थिति सामान्य हो जाएगी और लोग यात्रा करने के लिए शुल्क मुक्त हो जाएंगे तब उद्योग पूरी तरह से काम करना शुरू कर देगा.

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