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कोरोना के डर से तीन साल के मासूम को नहीं मिला इलाज, मौत के बाद जांच के आदेश

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Published : Aug 2, 2020, 10:29 PM IST

केरल के एर्नाकुलम जिले में एक बच्चे के सिक्का निगलने की मौत हो गई है. बच्चे के मौत कथित तौर पर अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही से हुई है. क्योंकि बच्चा कंटेनमेंट जोन से आता था. इसलिए अस्पताल ने इलाज करने से मना कर दिया. इस मामले में राज्य की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने जांच के आदेश दिए हैं.

अस्पताल की लापरवाही से तीन साल के मासूम की मौत
अस्पताल की लापरवाही से तीन साल के मासूम की मौत

तिरुवनंतपुरम : इलाज के अभाव में केरल के एर्नाकुलम जिले में एक तीन साल के बच्चे की मौत हो गई है. ऐसा आरोप पीड़ित के रिश्तेदारों ने लगाया है. इस मामले में केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं.

दरअसल रविवार को एर्नाकुलम जिले में एक तीन वर्षीय बच्चे ने सिक्का निगल लिया था. इस बात की जानकारी उसके माता-पिता को चली. इसके बाद बच्चे के अभिभावकों ने बच्चे को आनन-फानन में अस्पताल ले कर गए.

जहां अस्पताल के अधिकारियों ने कथित तौर पर कहा कि बच्चे को केले और चावल खिलाएं, जिससे सिक्का शरीर से स्वाभिक रूप से बाहर निकल जाएगा. यदि बच्चे को ज्यादा दिक्कत हो रही है तो उसे दूसरे अस्पताल में ले कर जाएं.

पीड़ित के अभिभावकों ने अस्पताल प्रशासन पर यह भी आरोप लगाए हैं कि वे लोग कंटेनमेंट जोन से आते थे. इसलिए अस्पताल ने इलाज करने से मना कर दिया.

इस मामले में राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. स्वास्थ मंत्री ने स्वास्थ्य प्रधान सचिव को निर्देश दिए हैं कि वे इस मामले की जल्द से जल्द जांच करें और जांच की रिपोर्ट उन्हें सौंपें. शैलजा ने कहा कि अगर कोई चूक हुई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने आरोप लगाया कि बच्चे की मृत्यु हो गई क्योंकि सरकार की स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों ने उपचार करने इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने बच्चे का इलाज करने से मना किया और मौत का कारण बनें. उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने इसे यह सरकार की विफलता करार दिया है.

तिरुवनंतपुरम : इलाज के अभाव में केरल के एर्नाकुलम जिले में एक तीन साल के बच्चे की मौत हो गई है. ऐसा आरोप पीड़ित के रिश्तेदारों ने लगाया है. इस मामले में केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं.

दरअसल रविवार को एर्नाकुलम जिले में एक तीन वर्षीय बच्चे ने सिक्का निगल लिया था. इस बात की जानकारी उसके माता-पिता को चली. इसके बाद बच्चे के अभिभावकों ने बच्चे को आनन-फानन में अस्पताल ले कर गए.

जहां अस्पताल के अधिकारियों ने कथित तौर पर कहा कि बच्चे को केले और चावल खिलाएं, जिससे सिक्का शरीर से स्वाभिक रूप से बाहर निकल जाएगा. यदि बच्चे को ज्यादा दिक्कत हो रही है तो उसे दूसरे अस्पताल में ले कर जाएं.

पीड़ित के अभिभावकों ने अस्पताल प्रशासन पर यह भी आरोप लगाए हैं कि वे लोग कंटेनमेंट जोन से आते थे. इसलिए अस्पताल ने इलाज करने से मना कर दिया.

इस मामले में राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. स्वास्थ मंत्री ने स्वास्थ्य प्रधान सचिव को निर्देश दिए हैं कि वे इस मामले की जल्द से जल्द जांच करें और जांच की रिपोर्ट उन्हें सौंपें. शैलजा ने कहा कि अगर कोई चूक हुई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने आरोप लगाया कि बच्चे की मृत्यु हो गई क्योंकि सरकार की स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों ने उपचार करने इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने बच्चे का इलाज करने से मना किया और मौत का कारण बनें. उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने इसे यह सरकार की विफलता करार दिया है.

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