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टीएमसी में ही रहेंगे शुभेंदु अधिकारी, सभी गलतफहमियां हुईं दूर : सौगत रॉय

तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शुभेंदु अधिकारी से मुलाकात की थी. इसके बाद टीएमसी ने दावा किया है कि अधिकारी के साथ सारे मसले सुलझ गए हैं और वह पार्टी छोड़कर नहीं जाने वाले हैं. पढ़ें विस्तार से...

शुभेंदु अधिकारी
शुभेंदु अधिकारी
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Published : Dec 2, 2020, 10:18 PM IST

Updated : Dec 3, 2020, 5:51 PM IST

कोलकाता : वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने बुधवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख नेता शुभेंदु अधिकारी और पार्टी नेतृत्व के बीच पैदा हुई सभी गलतफहमियां संवाद के जरिए दूर हो गई हैं और इसकी वजह से उत्पन्न हुए संकट का समाधान हो गया है.

तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार की रात अधिकारी से मुलाकात की. उसके बाद दावा किया गया कि सारे मुद्दे सुलझा लिये गए हैं.

यह मुलाकात अधिकारी के राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद हुई. तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में अपनी संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिये प्रशांत किशोर की सेवाएं ली हैं.

पार्टी के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय और सुदीप बंदोपाध्याय भी बैठक में मौजूद थे. पार्टी ने इन दोनों नेताओं को अधिकारी के साथ बातचीत शुरू करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. रॉय ने संवाददाताओं से कहा, 'संकट अब बंद अध्याय हो गया है. अधिकारी पार्टी में बने रहेंगे. कुछ गलतफहमियां थीं, जिन्हें बातचीत के जरिये सुलझा लिया गया है.'

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद ने विश्वास जताया कि अधिकारी और अभिषेक बनर्जी समेत अन्य नेता राज्य में पार्टी को और मजबूत बनाने के लिये साथ मिलकर काम करेंगे.

अधिकारी के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद खुश हो रहे विपक्ष का मजाक उड़ाते हुए रॉय ने कहा, 'हम उनके लिये बुरा महसूस कर रहे हैं क्योंकि पार्टी में विभाजन कराने की उनकी इच्छा पूरी नहीं हुई. पार्टी एकजुट है और भाजपा से पूरे दमखम से लड़ेगी.'

मंगलवार की बैठक के संबंध में अधिकारी की प्रतिक्रिया जानने के लिये उन्हें कई बार कॉल किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका.

यह भी पढ़ें- भाजपा के आक्रामक हिंदुत्व के जवाब में टीएमसी का मुद्दा होगा 'बंगाली अस्मिता'

गौरतलब है कि नंदीग्राम आंदोलन का चेहरा रहे अधिकारी ने पिछले हफ्ते राज्य के परिवहन, सिंचाई और जलमार्ग मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इससे अटकलें लगने लगी थीं कि वह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को छोड़ सकते हैं. गौरतलब है कि नंदीग्राम आंदोलन ने राज्य में वाम मोर्चा के शासन का अंत कर तृणमूल कांग्रेस को सत्ता में लाने में बड़ी भूमिका अदा की थी.

कई मौकों पर पार्टी नेतृत्व के प्रति शिकायतों का इजहार कर चुके असंतुष्ट विधायक अधिकारी पूर्वी मेदिनीपुर जिले के शक्तिशाली अधिकारी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता शिशिर अधिकारी और भाई दिव्येंदु अधिकारी क्रमश: तामलुक और कंठी लोकसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं.

यह भी पढ़ें- बंगाल की धरती पर शाह की मौजूदगी, बिमल गुरुंग ने भाजपा छोड़ टीएमसी को दिया समर्थन

अधिकारी का पश्चिमी मेदिनीपुर, बांकुड़ा, पुरुलिया, झाड़ग्राम और बीरभूम के कुछ हिस्सों और अल्पसंख्यक बहुल मुर्शिदाबाद जिले के अंतर्गत आने वाली 40-45 विधानसभा सीटों पर खासा प्रभाव है.

गौरतलब है कि राज्य की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए अगले वर्ष अप्रैल-मई में चुनाव होने की संभावना है.

कोलकाता : वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने बुधवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख नेता शुभेंदु अधिकारी और पार्टी नेतृत्व के बीच पैदा हुई सभी गलतफहमियां संवाद के जरिए दूर हो गई हैं और इसकी वजह से उत्पन्न हुए संकट का समाधान हो गया है.

तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार की रात अधिकारी से मुलाकात की. उसके बाद दावा किया गया कि सारे मुद्दे सुलझा लिये गए हैं.

यह मुलाकात अधिकारी के राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद हुई. तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में अपनी संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिये प्रशांत किशोर की सेवाएं ली हैं.

पार्टी के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय और सुदीप बंदोपाध्याय भी बैठक में मौजूद थे. पार्टी ने इन दोनों नेताओं को अधिकारी के साथ बातचीत शुरू करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. रॉय ने संवाददाताओं से कहा, 'संकट अब बंद अध्याय हो गया है. अधिकारी पार्टी में बने रहेंगे. कुछ गलतफहमियां थीं, जिन्हें बातचीत के जरिये सुलझा लिया गया है.'

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद ने विश्वास जताया कि अधिकारी और अभिषेक बनर्जी समेत अन्य नेता राज्य में पार्टी को और मजबूत बनाने के लिये साथ मिलकर काम करेंगे.

अधिकारी के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद खुश हो रहे विपक्ष का मजाक उड़ाते हुए रॉय ने कहा, 'हम उनके लिये बुरा महसूस कर रहे हैं क्योंकि पार्टी में विभाजन कराने की उनकी इच्छा पूरी नहीं हुई. पार्टी एकजुट है और भाजपा से पूरे दमखम से लड़ेगी.'

मंगलवार की बैठक के संबंध में अधिकारी की प्रतिक्रिया जानने के लिये उन्हें कई बार कॉल किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका.

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गौरतलब है कि नंदीग्राम आंदोलन का चेहरा रहे अधिकारी ने पिछले हफ्ते राज्य के परिवहन, सिंचाई और जलमार्ग मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इससे अटकलें लगने लगी थीं कि वह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को छोड़ सकते हैं. गौरतलब है कि नंदीग्राम आंदोलन ने राज्य में वाम मोर्चा के शासन का अंत कर तृणमूल कांग्रेस को सत्ता में लाने में बड़ी भूमिका अदा की थी.

कई मौकों पर पार्टी नेतृत्व के प्रति शिकायतों का इजहार कर चुके असंतुष्ट विधायक अधिकारी पूर्वी मेदिनीपुर जिले के शक्तिशाली अधिकारी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता शिशिर अधिकारी और भाई दिव्येंदु अधिकारी क्रमश: तामलुक और कंठी लोकसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं.

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अधिकारी का पश्चिमी मेदिनीपुर, बांकुड़ा, पुरुलिया, झाड़ग्राम और बीरभूम के कुछ हिस्सों और अल्पसंख्यक बहुल मुर्शिदाबाद जिले के अंतर्गत आने वाली 40-45 विधानसभा सीटों पर खासा प्रभाव है.

गौरतलब है कि राज्य की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए अगले वर्ष अप्रैल-मई में चुनाव होने की संभावना है.

Last Updated : Dec 3, 2020, 5:51 PM IST
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