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इंदौर के 'राहुल' के लिए आफत बना 'गांधी' सरनेम, जानें पूरा मामला

ऐसा लगता है कि राहुल गांधी नाम के सितारे गर्दिश में हैं. यह कहानी मध्यप्रदेश के इंदौर में रहने वाले 22 वर्षीय शख्स का है. इनका मानना है कि राहुल गांधी नाम होने के कारण काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. जानें क्या है मामला...

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Published : Jul 30, 2019, 10:14 PM IST

Updated : Jul 30, 2019, 11:53 PM IST

राहुल गांधी नाम बना आफत

इंदौर: कांग्रेस राहुल गांधी पूरे देश में प्रसिद्ध हैं. हालांकि, उनकी ये प्रसिद्धि मध्यप्रदेश के एक युवा के लिए परेशानी का सबब बन गई है. यह कहानी इंदौर मध्यप्रदेश के रहने वाले 22 वर्षीय राहुल गांधी का है. राहुल बताते हैं कि, 'उनका नाम सुनकर लोगों को विश्वास ही नहीं होता. लोग उन्हें फर्जी और झूठा मानते हैं.

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राजनैतिक कारणों से परेशान हैं, लेकिन एक दूसरे राहुल गांधी का भी जीना मुहाल हो गया. इनकी मुसीबत के पीछे कोई राजनीतिक कारण नहीं, बल्कि पहले वाले राहुल गांधी का प्रसिद्धि है.

इंदौर निवासी राहुल के अनुसार, 'मेरे पास पहचान पत्र के लिए एक मात्र दस्तावेज आधार कार्ड है. मैं जब भी सीम कार्ड खरीदने या अन्य किसी भी कार्य के लिए जाता हूं, तो लोग मुझे शक की नजर से देखते है या फर्जी समझते हैं. इस वजह से वह सोच रहें है अब इस नाम से छुटकारा पा लें.'

इंदौर के 'राहुल' के लिए आफत बना 'गांधी' सरनेम

'किसी अजनबी या अंजान व्यक्ति से फोन पर बात करने पर वह फर्जी समझ कर फोन काट देता है या पूछता है राहुल गांधी इंदौर में कब से रहने लगा.'
राहुल गांधी ने बताया, 'उनके पिताजी राजेश मालवीय बीएसएफ के जवान थें. वह अर्धसैनिक बल में धुलाई का काम करते थें. उच्च अधिकारी उनके पिताजी को प्यार से 'गांधी' नाम से पुकारा करते थे.'

पढ़ें- मोदी सरकार को मिली ऐतिहासिक कामयाबी, 3 तलाक बिल RS में पारित

मेरे पिताजी का 'गांधी' उपनाम से विशेष लगाव हो गया. इस कारण उन्होनें विद्यालय में 'राहुल मालवीय' से बदलकर मेरा नाम 'राहुल गांधी' करा दिया.

राहुल ने पांचवीं कक्षा में विद्यालय छोड़ दिया था. उन्हें राजनीति और नेताओं से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है.

उन्होनें बताया,' मैं कानूनी तरीके से अपने नाम में बदलाव करने की सोच रहा हूं.'

इंदौर: कांग्रेस राहुल गांधी पूरे देश में प्रसिद्ध हैं. हालांकि, उनकी ये प्रसिद्धि मध्यप्रदेश के एक युवा के लिए परेशानी का सबब बन गई है. यह कहानी इंदौर मध्यप्रदेश के रहने वाले 22 वर्षीय राहुल गांधी का है. राहुल बताते हैं कि, 'उनका नाम सुनकर लोगों को विश्वास ही नहीं होता. लोग उन्हें फर्जी और झूठा मानते हैं.

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राजनैतिक कारणों से परेशान हैं, लेकिन एक दूसरे राहुल गांधी का भी जीना मुहाल हो गया. इनकी मुसीबत के पीछे कोई राजनीतिक कारण नहीं, बल्कि पहले वाले राहुल गांधी का प्रसिद्धि है.

इंदौर निवासी राहुल के अनुसार, 'मेरे पास पहचान पत्र के लिए एक मात्र दस्तावेज आधार कार्ड है. मैं जब भी सीम कार्ड खरीदने या अन्य किसी भी कार्य के लिए जाता हूं, तो लोग मुझे शक की नजर से देखते है या फर्जी समझते हैं. इस वजह से वह सोच रहें है अब इस नाम से छुटकारा पा लें.'

इंदौर के 'राहुल' के लिए आफत बना 'गांधी' सरनेम

'किसी अजनबी या अंजान व्यक्ति से फोन पर बात करने पर वह फर्जी समझ कर फोन काट देता है या पूछता है राहुल गांधी इंदौर में कब से रहने लगा.'
राहुल गांधी ने बताया, 'उनके पिताजी राजेश मालवीय बीएसएफ के जवान थें. वह अर्धसैनिक बल में धुलाई का काम करते थें. उच्च अधिकारी उनके पिताजी को प्यार से 'गांधी' नाम से पुकारा करते थे.'

पढ़ें- मोदी सरकार को मिली ऐतिहासिक कामयाबी, 3 तलाक बिल RS में पारित

मेरे पिताजी का 'गांधी' उपनाम से विशेष लगाव हो गया. इस कारण उन्होनें विद्यालय में 'राहुल मालवीय' से बदलकर मेरा नाम 'राहुल गांधी' करा दिया.

राहुल ने पांचवीं कक्षा में विद्यालय छोड़ दिया था. उन्हें राजनीति और नेताओं से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है.

उन्होनें बताया,' मैं कानूनी तरीके से अपने नाम में बदलाव करने की सोच रहा हूं.'

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PRI ESPL NAT WRG
.INDORE BES12
MP-GANDHI NAMESAKE
This Rahul wants to drop Gandhi surname!
Indore, Jul 30 (PTI) Congress leader Rahul Gandhi might
have been grappling with organisational challenges, but his
22-year-old namesake from Indore in Madhya Pradesh is worried,
not over political reasons, but because of the famous name.
         Fed up with the difficulties he encounter while
convincing others that he was not a "fake" person, this
textile trader is now mulling to get rid of the famous
surname.
         "I have a Aadhaar card as the only document of my
identity. When I furnish a copy of this document to purchase a
mobile SIM card or for any other work, people consider me a
fake person because of my name...they look at me with
suspicion," Rahul, a resident of Akhand Nagar, told PTI on
Tuesday.
         "When I introduce myself to unknown people over phone,
many of them abruptly hang up asking how did Rahul Gandhi come
to live in Indore? They consider me a fake caller," he rues.
         Disclosing the story behind his 'Gandhi' surname,
Rahul recalled that top officials of the BSF used to address
his father late Rajesh Malviya, who had worked as a washerman
in the paramilitary force, as "Gandhi".
         "Gradually, my father also developed an attachment to
Gandhi surname and adopted it. My name was enrolled as Rahul
Gandhi instead of Rahul Malviya when I was admitted to
school," he recalled.
         Rahul, a class five dropout, said he had nothing to do
with party politics but has been facing difficulties because
of his title.
         "I am now considering changing my surname through
legal process," he said. PTI HWP ADU MAS
NSK
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07301625
NNNN
Last Updated : Jul 30, 2019, 11:53 PM IST
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