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शाहीन बाग : लगातार तीसरे दिन लोगों से मिले वार्ताकार, रास्ता खुलने पर गतिरोध बरकरार - शाहीन बाग में वार्ताकार

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकार वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और वकील साधना रामचंद्रन शाहीन बाग पहुंचे. दोनों ने वहां पिछले 69 दिनों से विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों से बात की. वार्ता के दौरान एक प्रदर्शनकारी ने कहा हम लिखित में चाहते हैं कि अगर हमला या गोली चलने की एक भी घटना हुई तो थानाध्यक्ष से लेकर पुलिस आयुक्त तक सभी पुलिस अधिकारियों को हटा दिया जाएगा.

mediation at shaheen bagh
शाहीन बाग में वार्ताकार
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Published : Feb 21, 2020, 6:47 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 2:33 AM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकार वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और वकील साधना रामचंद्रन शाहीन बाग पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बात की. रास्ते को खोले जाने को लेकर अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि प्रदर्शन स्थल के साथ लगती सड़क को यदि खोला जाता है तो उच्चतम न्यायालय प्रशासन उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश जारी करे. प्रदर्शनकारियों ने उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त वार्ताकारों से शुक्रवार को यह बात कही.

एक महिला प्रदर्शनकारी ने वार्ताकारों को बताया, 'इलाके की कई दूसरी सड़कें जब खुली हुई हैं तो वे हमें इस सड़क से हटाने पर क्यों जोर दे रहे हैं. दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाली यह एक मात्र सड़क नहीं है.'

प्रदर्शनकारियों से बात करते वार्ताकार.

हेगड़े ने कहा, 'आज शिवरात्रि है. बोलने का हमारा अधिकार है, बोलिए. आप जो कुछ भी कहना चाहते हैं कहिए. यहां प्रभावित सभी पक्षों के लिये एक संयुक्त फैसला लेते हैं.'

वार्ताकारों ने मामले पर प्रदर्शनकारियों से चर्चा के लिए दिल्ली पुलिस को भी मौके पर बुलाया. अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली और नोएडा के बीच कालिंदी कुंज रोड पर शुक्रवार को भी अवरोध जारी रहा और उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है.

दिल्ली पुलिस ने वार्ताकारों के समक्ष स्वीकार किया कि प्रदर्शनकारियों ने समानांतर सड़क अवरुद्ध नहीं की है लेकिन उन्होंने प्रदर्शन स्थल पर सुरक्षा देने के लिये अवरोधक लगाए हैं.

प्रदर्शनकारियों से बात करते वार्ताकार.

प्रदर्शनकारियों से बातचीत के बाद वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने संवाददाताओं से कहा कि अभी हम सोचेंगे कि दोबारा कब आएंगे, आएंगे जरूर, अभी हम चर्चा करेंगे और सोचेंगे इसके बाद फिर आएंगे.

रामचंद्रन ने कहा, 'जब हमने सड़कों का निरीक्षण किया तो पाया कि आप (प्रदर्शनकारी) सही थे. कई सड़कें खुली हैं जिन्हें पुलिस ने बंद कर रखा है. मैं यह कहते हुए बेहद व्यथित हूं कि नोएडा-फरीदाबाद मार्ग जो शुक्रवार को खुला था उसे पुलिस ने फिर बंद कर दिया है. जिस किसी ने भी यह किया है वह अब उच्चतम न्यायालय के प्रति जवाबदेह है.'

इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों को बताया कि उनके तंबू की समानांतर सड़क पर पुलिस ने बैरीकेड लगाए हैं . इसके अलावा शाहीन बाग-कालिंदी कुंज मार्ग को जोड़ने वाली दो अन्य सड़कों को भी अवरुद्ध किया गया है.

वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों से मामले पर चर्चा के लिये पुलिस को भी मौके पर बुलाया था.

साधना रामचंद्रन का बयान.

जानकारी के मुताबिक वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों से एक तरफ का रास्ता छोड़ने को कहा है. वार्ताकारों ने एसएचओ से प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा के संबंध में सवाल किए. इस पर एसएचओ ने प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा देने की बात कही है.

पुलिस ने बताया कि एम्बुलेंस और स्कूल बसों जैसे जरूरी वाहनों को ही इस सड़क से जाने की अनुमति दी जा रही है. पुलिस के एक अधिकारी ने वार्ताकारों को बताया कि समानांतर सड़क के साथ ही कुछ अन्य सड़कों को भी प्रदर्शन स्थल को सुरक्षा मुहैया कराने के लिये बंद किया गया है.

पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हमने प्रदर्शन स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये समानांतर सड़क पर बैरीकेड लगाए हैं. अगर सड़क यात्रियों के लिये खोल दी जाती है तो हम प्रदर्शनकारियों के लिये दोगुनी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.'

एक महिला प्रदर्शनकारी ने वार्ताकारों को बताया, 'सरकार सोचती है कि महिलाएं अशिक्षित हैं. हम सभी शिक्षित महिलाएं हैं जो जानती हैं कि हम किस लिए लड़ रहे हैं. हमें सीएए और एनआरसी के बारे में और जानकारी दे रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों को पीटा जा रहा है. पुलिस अगर हम पर गोली चलाने वाले लोगों को नहीं रोक सकती, तो वे ये दावा कैसे कर रहे हैं कि अगर समानांतर सड़क खुल जाती है तो वे हमारी सुरक्षा करेंगे.'

एक अन्य महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, 'हम लिखित में चाहते हैं कि अगर हमला या गोली चलने की एक भी घटना हुई तो थानाध्यक्ष से लेकर पुलिस आयुक्त तक सभी पुलिस अधिकारियों को हटा दिया जाएगा. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि एनआरसी जल्द नहीं आने जा रही, इसलिये उनसे एक परिपत्र जारी करने को कहिए जिसमें यह बात हो कि वे अब एनआरसी नहीं ला रहे हैं. हम चाहते हैं कि अगर प्रदर्शन स्थल के बगल वाली सड़क खोली जाती है तो उच्चतम न्यायालय हमारी सुरक्षा के लिए एक आदेश जारी करें.'

बता दें कि नोएडा को दक्षिण दिल्ली और फिर हरियाणा में फरीदाबाद से जोड़ने वाली सड़क 15 दिसंबर से ही शाहीन बाग में चल रहे संशोधित नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन के कारण बंद है. वहीं शुक्रवार को प्रदर्शन स्थल पर ही जुम्मे की नमाज भी अदा की गई.
शाहीन बाग में नमाज अदा की गई.

इससे पहले, गुरुवार को दूसरे दिन की बातचीत में वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों के सामने इस बात पर जोर दिया कि सड़क खुल जाए और प्रदर्शन भी चलता रहे. शाहीन बाग में ऐसा कोई रास्ता निकाला जाए. बीते दिन काफी देर तक आंदोलनकारियों और वार्ताकारों के बीच बातचीत का सिलसिला चलता रहा. अंत में जब कोई नतीजा निकलता नहीं दिखा तो बात करने लायक माहौल ना होने की बात कहकर साधना रामचंद्रन नाराज हो गईं और उन्होंने कहा कि मीडिया की गैरमौजूदगी में बात करेंगी.

ये भी पढ़ें-शाहीन बाग : दूसरे दिन भी लोगों से मिले वार्ताकार, प्रदर्शन को बताया मिसाल

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने गत सोमवार को कहा कि शाहीन बाग में सड़क अवरुद्ध करने से परेशानी हो रही है और प्रदर्शनकारियों को सुझाव दिया था कि वे किसी और जगह चले जाएं जहां कोई सार्वजनिक जगह अवरुद्ध न हो. उसने हालांकि लोगों के प्रदर्शन के अधिकार को बरकरार रखा था.

सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग प्रदर्शन की वजह से बंद पड़ी सड़क को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को वार्ताकार नियुक्त किया है. गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में गत 69 दिनों से प्रदर्शन जारी है.

(एक्सट्रा इनपुट- भाषा)

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकार वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और वकील साधना रामचंद्रन शाहीन बाग पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बात की. रास्ते को खोले जाने को लेकर अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि प्रदर्शन स्थल के साथ लगती सड़क को यदि खोला जाता है तो उच्चतम न्यायालय प्रशासन उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश जारी करे. प्रदर्शनकारियों ने उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त वार्ताकारों से शुक्रवार को यह बात कही.

एक महिला प्रदर्शनकारी ने वार्ताकारों को बताया, 'इलाके की कई दूसरी सड़कें जब खुली हुई हैं तो वे हमें इस सड़क से हटाने पर क्यों जोर दे रहे हैं. दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाली यह एक मात्र सड़क नहीं है.'

प्रदर्शनकारियों से बात करते वार्ताकार.

हेगड़े ने कहा, 'आज शिवरात्रि है. बोलने का हमारा अधिकार है, बोलिए. आप जो कुछ भी कहना चाहते हैं कहिए. यहां प्रभावित सभी पक्षों के लिये एक संयुक्त फैसला लेते हैं.'

वार्ताकारों ने मामले पर प्रदर्शनकारियों से चर्चा के लिए दिल्ली पुलिस को भी मौके पर बुलाया. अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली और नोएडा के बीच कालिंदी कुंज रोड पर शुक्रवार को भी अवरोध जारी रहा और उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है.

दिल्ली पुलिस ने वार्ताकारों के समक्ष स्वीकार किया कि प्रदर्शनकारियों ने समानांतर सड़क अवरुद्ध नहीं की है लेकिन उन्होंने प्रदर्शन स्थल पर सुरक्षा देने के लिये अवरोधक लगाए हैं.

प्रदर्शनकारियों से बात करते वार्ताकार.

प्रदर्शनकारियों से बातचीत के बाद वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने संवाददाताओं से कहा कि अभी हम सोचेंगे कि दोबारा कब आएंगे, आएंगे जरूर, अभी हम चर्चा करेंगे और सोचेंगे इसके बाद फिर आएंगे.

रामचंद्रन ने कहा, 'जब हमने सड़कों का निरीक्षण किया तो पाया कि आप (प्रदर्शनकारी) सही थे. कई सड़कें खुली हैं जिन्हें पुलिस ने बंद कर रखा है. मैं यह कहते हुए बेहद व्यथित हूं कि नोएडा-फरीदाबाद मार्ग जो शुक्रवार को खुला था उसे पुलिस ने फिर बंद कर दिया है. जिस किसी ने भी यह किया है वह अब उच्चतम न्यायालय के प्रति जवाबदेह है.'

इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों को बताया कि उनके तंबू की समानांतर सड़क पर पुलिस ने बैरीकेड लगाए हैं . इसके अलावा शाहीन बाग-कालिंदी कुंज मार्ग को जोड़ने वाली दो अन्य सड़कों को भी अवरुद्ध किया गया है.

वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों से मामले पर चर्चा के लिये पुलिस को भी मौके पर बुलाया था.

साधना रामचंद्रन का बयान.

जानकारी के मुताबिक वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों से एक तरफ का रास्ता छोड़ने को कहा है. वार्ताकारों ने एसएचओ से प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा के संबंध में सवाल किए. इस पर एसएचओ ने प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा देने की बात कही है.

पुलिस ने बताया कि एम्बुलेंस और स्कूल बसों जैसे जरूरी वाहनों को ही इस सड़क से जाने की अनुमति दी जा रही है. पुलिस के एक अधिकारी ने वार्ताकारों को बताया कि समानांतर सड़क के साथ ही कुछ अन्य सड़कों को भी प्रदर्शन स्थल को सुरक्षा मुहैया कराने के लिये बंद किया गया है.

पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हमने प्रदर्शन स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये समानांतर सड़क पर बैरीकेड लगाए हैं. अगर सड़क यात्रियों के लिये खोल दी जाती है तो हम प्रदर्शनकारियों के लिये दोगुनी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.'

एक महिला प्रदर्शनकारी ने वार्ताकारों को बताया, 'सरकार सोचती है कि महिलाएं अशिक्षित हैं. हम सभी शिक्षित महिलाएं हैं जो जानती हैं कि हम किस लिए लड़ रहे हैं. हमें सीएए और एनआरसी के बारे में और जानकारी दे रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों को पीटा जा रहा है. पुलिस अगर हम पर गोली चलाने वाले लोगों को नहीं रोक सकती, तो वे ये दावा कैसे कर रहे हैं कि अगर समानांतर सड़क खुल जाती है तो वे हमारी सुरक्षा करेंगे.'

एक अन्य महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, 'हम लिखित में चाहते हैं कि अगर हमला या गोली चलने की एक भी घटना हुई तो थानाध्यक्ष से लेकर पुलिस आयुक्त तक सभी पुलिस अधिकारियों को हटा दिया जाएगा. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि एनआरसी जल्द नहीं आने जा रही, इसलिये उनसे एक परिपत्र जारी करने को कहिए जिसमें यह बात हो कि वे अब एनआरसी नहीं ला रहे हैं. हम चाहते हैं कि अगर प्रदर्शन स्थल के बगल वाली सड़क खोली जाती है तो उच्चतम न्यायालय हमारी सुरक्षा के लिए एक आदेश जारी करें.'

बता दें कि नोएडा को दक्षिण दिल्ली और फिर हरियाणा में फरीदाबाद से जोड़ने वाली सड़क 15 दिसंबर से ही शाहीन बाग में चल रहे संशोधित नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन के कारण बंद है. वहीं शुक्रवार को प्रदर्शन स्थल पर ही जुम्मे की नमाज भी अदा की गई.
शाहीन बाग में नमाज अदा की गई.

इससे पहले, गुरुवार को दूसरे दिन की बातचीत में वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों के सामने इस बात पर जोर दिया कि सड़क खुल जाए और प्रदर्शन भी चलता रहे. शाहीन बाग में ऐसा कोई रास्ता निकाला जाए. बीते दिन काफी देर तक आंदोलनकारियों और वार्ताकारों के बीच बातचीत का सिलसिला चलता रहा. अंत में जब कोई नतीजा निकलता नहीं दिखा तो बात करने लायक माहौल ना होने की बात कहकर साधना रामचंद्रन नाराज हो गईं और उन्होंने कहा कि मीडिया की गैरमौजूदगी में बात करेंगी.

ये भी पढ़ें-शाहीन बाग : दूसरे दिन भी लोगों से मिले वार्ताकार, प्रदर्शन को बताया मिसाल

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने गत सोमवार को कहा कि शाहीन बाग में सड़क अवरुद्ध करने से परेशानी हो रही है और प्रदर्शनकारियों को सुझाव दिया था कि वे किसी और जगह चले जाएं जहां कोई सार्वजनिक जगह अवरुद्ध न हो. उसने हालांकि लोगों के प्रदर्शन के अधिकार को बरकरार रखा था.

सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग प्रदर्शन की वजह से बंद पड़ी सड़क को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को वार्ताकार नियुक्त किया है. गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में गत 69 दिनों से प्रदर्शन जारी है.

(एक्सट्रा इनपुट- भाषा)

Last Updated : Mar 2, 2020, 2:33 AM IST
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