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रेलवे के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं, लोकसभा में गोयल ने दिया जवाब

लोकसभा में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे के निजीकरण नहीं होने की बात कही. साथ ही कहा कि अभी तक रेलवे में जो भी रिक्त पद हैं, उन पर भर्ती प्रक्रिया जारी है......

केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल.
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Published : Jul 10, 2019, 4:46 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा में रेलवे के निजीकरण के मुद्दे पर पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय रेलवे के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है.

सूत्रों के अनुसार100 दिनों के एक्शन प्लान को आगे बढ़ाते हुए रेलवे नई दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस को निजी कंपनियों को सौंपने के बारे में सोच रही है. हालांकि, एक लिखित उत्तर में, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'अभी तक ऐसा कोई विचार नहीं किया गया है.'

वहीं, रेलवे के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल (पीपीपी) को अपनाने के प्रस्ताव पर, सरकार को रेलवे यूनियन के साथ-साथ संसद के विभिन्न राजनीतिक दलों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है. दरअसल, इनका कहना था कि रेलवे का निजीकरण बेरोजगारी को बढा़एगा.

पढ़ें: रेलवे में 2.94 लाख नौकरियां, सरकार कर रही है नियुक्तियां

लोकसभा में एक सवाल के जवाब में, रेल मंत्री ने बताया कि पिछले दशक में रेलवे में 4.61 लाख लोगों की भर्ती की गई थी और इस साल के एक जून तक रेलवे में 2.98 लाख से भी अधिक अभी खाली पड़े हैं, जिसके लिये अभी भर्ती प्रक्रिया चल रही है.

लोकसभा में लिखित उत्तर देते हुए गोयल ने कहा कि 1991 में रेलवे कर्मचारियों की संख्या 16,54,985 थी. ये संख्या 2019 में 12,48,101 लाख है. गोयल ने जवाब में कहा कि कर्मचारियों की संख्या के कारण रेलवे की सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है.

नई दिल्ली: लोकसभा में रेलवे के निजीकरण के मुद्दे पर पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय रेलवे के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है.

सूत्रों के अनुसार100 दिनों के एक्शन प्लान को आगे बढ़ाते हुए रेलवे नई दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस को निजी कंपनियों को सौंपने के बारे में सोच रही है. हालांकि, एक लिखित उत्तर में, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'अभी तक ऐसा कोई विचार नहीं किया गया है.'

वहीं, रेलवे के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल (पीपीपी) को अपनाने के प्रस्ताव पर, सरकार को रेलवे यूनियन के साथ-साथ संसद के विभिन्न राजनीतिक दलों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है. दरअसल, इनका कहना था कि रेलवे का निजीकरण बेरोजगारी को बढा़एगा.

पढ़ें: रेलवे में 2.94 लाख नौकरियां, सरकार कर रही है नियुक्तियां

लोकसभा में एक सवाल के जवाब में, रेल मंत्री ने बताया कि पिछले दशक में रेलवे में 4.61 लाख लोगों की भर्ती की गई थी और इस साल के एक जून तक रेलवे में 2.98 लाख से भी अधिक अभी खाली पड़े हैं, जिसके लिये अभी भर्ती प्रक्रिया चल रही है.

लोकसभा में लिखित उत्तर देते हुए गोयल ने कहा कि 1991 में रेलवे कर्मचारियों की संख्या 16,54,985 थी. ये संख्या 2019 में 12,48,101 लाख है. गोयल ने जवाब में कहा कि कर्मचारियों की संख्या के कारण रेलवे की सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है.

Intro:New Delhi: In a response to a question on the issue of privatization of Railways, in Lok Sabha, the Union Minister of Railways, Piyush Goyal informed that there is no proposal to privatise Indian Railways.

The response came against the backdrop of a proposal of national transporter to give two trains to the private operators.


Body:As the sources have suggested that going ahead with it's 100 days Action Plan, Railways have identified New Delhi-Lucknow Tejas Express to be handed over to the private players. However, in a written reply, Railway Minister Piyush Goyal said, "no specific passenger train has been identified to be run by private players so far."

Over the proposal of adopting Public Private Partnership model (PPP) for railways, the government has faced a strong protest from the Railway Union as well as from the various political parties in the Parliament, who raised their concerns over issue of unemployment which will be caused by privatisation of Railways.

In a separate reply in Lok Sabha, Railway Minister informed that more that 4.61 lakh people were recruited in Railways over the last decade and more than 2.98 lakh positions were vacant at Railways as on June 1, this year. He also said that the recruitment process is going on for over 2.98 lakh employees.


Conclusion:"The number of employees were 16,54,985 in 1191 ajdb12,48,101 in 2019. However, this has not affected the service of Railways," Goyal said in a written reply.
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