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तमिलनाडु : प्रधानमंत्री किसान योजना घोटाले की जांच में तेजी

तमिलनाडु सरकार ने गरीबों को लाभ पहुंचाने वाली प्रधानमंत्री किसान योजना में 110 करोड़ रुपये से अधिक के बड़े घोटाले का खुलासा किया है. धोखाधड़ी करके 110 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान ऑनलाइन निकाल लिया गया.

PM kisan scheme scam
किसान योजना घोटाला
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Published : Sep 11, 2020, 8:26 PM IST

चेन्नई : तमिलनाडु के राज्य कृषि सचिव ने सचिवालय में प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में 110 करोड़ का घोटाला हुआ है, जिसमें से 32 करोड़ रुपये की वसूली की है.

इस योजना के तहत सरकार किसानों के बैंक खातों में हर साल 6000 रुपये जमा करती है. यह राशि तीन बराबर किस्तों में किसानों के खाते में डाली जाती है.

योजना में घोटाले के बारे में बात करते हुए गगनदीप सिंह बेदी ने कहा कि यह घोटाला उन मध्यस्थों ने किया है, जो योजना के तहत नामांकन करने के लिए प्रदान की गई स्व पंजीकरण सुविधा के माध्यम से कंप्यूटर केंद्रों पर काम करते हैं.

कल्लाकुरिची, विल्लुपुरम, कुड्डलोर, तिरुवन्नमलाई, वेल्लोर, रानीपेट, सलेम, धर्मपुरी, कृष्णगिरि और चेंगलपेट जिले के करीब छह लाख लोगों की ने फर्जी विवरण के साथ पंजीयन किया है.

पढ़ें :- असम : पीएम किसान योजना में किसानों के फर्जी नाम पर धांधली का मामला

इस मामले में एग्रीकल्चर स्कीम से जुड़े 80 अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है.

राज्य सरकार ने अपराध शाखा अपराध जांच विभाग (सीबीसीआईडी) को जांच के आदेश दिए हैं.

चेन्नई : तमिलनाडु के राज्य कृषि सचिव ने सचिवालय में प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में 110 करोड़ का घोटाला हुआ है, जिसमें से 32 करोड़ रुपये की वसूली की है.

इस योजना के तहत सरकार किसानों के बैंक खातों में हर साल 6000 रुपये जमा करती है. यह राशि तीन बराबर किस्तों में किसानों के खाते में डाली जाती है.

योजना में घोटाले के बारे में बात करते हुए गगनदीप सिंह बेदी ने कहा कि यह घोटाला उन मध्यस्थों ने किया है, जो योजना के तहत नामांकन करने के लिए प्रदान की गई स्व पंजीकरण सुविधा के माध्यम से कंप्यूटर केंद्रों पर काम करते हैं.

कल्लाकुरिची, विल्लुपुरम, कुड्डलोर, तिरुवन्नमलाई, वेल्लोर, रानीपेट, सलेम, धर्मपुरी, कृष्णगिरि और चेंगलपेट जिले के करीब छह लाख लोगों की ने फर्जी विवरण के साथ पंजीयन किया है.

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इस मामले में एग्रीकल्चर स्कीम से जुड़े 80 अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है.

राज्य सरकार ने अपराध शाखा अपराध जांच विभाग (सीबीसीआईडी) को जांच के आदेश दिए हैं.

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