चेन्नई : तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित विवादों में घिर गए हैं. उन्हें राजनीतिक दलों के विरोध का सामना करना पड़ा है. राजनीतिक दलों ने नीट पास करने वाले विद्यार्थियों को हॉरिजोंटल आरक्षण के तहत सरकारी मेडिकल काॅलेजों में प्रवेश देने वाले बिल को मंजूरी देने में देरी पर राज्यपाल को घेरा है.
राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने तमिलनाडु की विपक्षी पार्टी डीएमके अध्यक्ष स्टालिन को पत्र लिखकर कहा था कि विधेयक पर निर्णय लेने में उन्हें 3-4 सप्ताह का समय लगेगा. इस पर न केवल विपक्ष, बल्कि सत्ताधारी एआईएडीएमके के सहयोगियों ने भी राज्यपाल की आलोचना की है.
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राज्यपाल के बिल को मंजूरी देने में देरी करने से सरकार भी परेशान है. कहा जा रहा है कि बिल को मंजूरी देने के लिए राज्यपाल ने सरकार पर 10% ईडब्ल्यूएस कोटा स्वीकार करने के लिए दबाव डाला है.
माना जा रहा है कि राज्यपाल ऐसा केंद्र सरकार के इशारे पर कर रहे हैं. इस मुद्दे पर माकपा ने तो राज्यपाल को हटाने तक की मांग कर दी है.