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SC के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय उचित : तस्लीम रहमानी

तस्लीम रहमानी ने कहा कि एआईएमपीएलबी द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करना गलत नहीं है. यदि फैसला मुस्लिम पक्ष में जाता तो हिन्दू पक्ष भी कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करता. पढ़ें पूरी खबर...

तस्लीम रहमानी
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Published : Nov 18, 2019, 8:01 PM IST

नई दिल्ली : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है. मुस्लिम पॉलिटिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमपीसीआई) के अध्यक्ष डॉक्टर तस्लीम रहमानी ने इस निर्णय का स्वागत किया है.

तस्लीम रहमानी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम मंदिर के पक्ष में नहीं आता तो हिन्दू पक्षकार भी सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करते और जब मुस्लिम पक्षकार ऐसा कर रहे हैं तो इसमें किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए.

तस्लीम रहमानी से ईटीवी भारत ने की बातचीत.

उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि इस पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट इंसाफ करे, क्योंकि पिछ्ले 30 सालों में इस देश में झूठ और नफरत की बुनियाद पर हिन्दू-मुसलमान को अलग करने की कोशिश की गयी है.'

रहमानी ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गयी हो. सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई फैसले पर पुनर्विचार करने के बाद बदले हैं.

गौरतलब है कि भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के फैसले को सांप्रदायिक बताया है. इसपर तस्लीम रहमानी ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि 1985 के बाद से आज तक मुसलमानों द्वारा बाबरी मस्जिद के लिए किसी भी तरीके का प्रदर्शन नहीं किया गया है.

तस्लीम ने कहा कि भाजपा और उसके संगठन - विश्व हिन्दू परिषद द्वारा बार-बार इसके लिए प्रदर्शन किया जाता रहा है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ना किसी भी तरीके से गलत नहीं है.

पढ़ें : अयोध्या फैसले पर AIMPLB का कदम महज सांप्रदायिक ड्रामा : राकेश सिन्हा

स्मरण रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर गत नौ नवम्बर को अपना फैसला सुनाया था. इसमें अयोध्या की 2.77 एकड़ विवादित जमीन पक्षकार रामलला विराजमान को देने और सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में पांच एकड़ जमीन देने की बात कही गयी थी.

नई दिल्ली : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है. मुस्लिम पॉलिटिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमपीसीआई) के अध्यक्ष डॉक्टर तस्लीम रहमानी ने इस निर्णय का स्वागत किया है.

तस्लीम रहमानी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम मंदिर के पक्ष में नहीं आता तो हिन्दू पक्षकार भी सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करते और जब मुस्लिम पक्षकार ऐसा कर रहे हैं तो इसमें किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए.

तस्लीम रहमानी से ईटीवी भारत ने की बातचीत.

उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि इस पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट इंसाफ करे, क्योंकि पिछ्ले 30 सालों में इस देश में झूठ और नफरत की बुनियाद पर हिन्दू-मुसलमान को अलग करने की कोशिश की गयी है.'

रहमानी ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गयी हो. सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई फैसले पर पुनर्विचार करने के बाद बदले हैं.

गौरतलब है कि भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के फैसले को सांप्रदायिक बताया है. इसपर तस्लीम रहमानी ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि 1985 के बाद से आज तक मुसलमानों द्वारा बाबरी मस्जिद के लिए किसी भी तरीके का प्रदर्शन नहीं किया गया है.

तस्लीम ने कहा कि भाजपा और उसके संगठन - विश्व हिन्दू परिषद द्वारा बार-बार इसके लिए प्रदर्शन किया जाता रहा है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ना किसी भी तरीके से गलत नहीं है.

पढ़ें : अयोध्या फैसले पर AIMPLB का कदम महज सांप्रदायिक ड्रामा : राकेश सिन्हा

स्मरण रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर गत नौ नवम्बर को अपना फैसला सुनाया था. इसमें अयोध्या की 2.77 एकड़ विवादित जमीन पक्षकार रामलला विराजमान को देने और सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में पांच एकड़ जमीन देने की बात कही गयी थी.

Intro:नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) द्वारा बाबरी-राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर मुस्लिम पॉलीटिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमपीसीआई) के अध्यक्ष डॉक्टर तस्लीम रहमानी ने उनके इस निर्णय का स्वागत किया है।

तस्लीम रहमानी ने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम मंदिर के पक्ष में नहीं आता तो हिंदू पक्षकार भी सुप्रीम कोर्ट में दोबारा पुनर्विचार याचिका दाखिल करते और जब मुस्लिम पक्षकार ऐसा कर रहे हैं तो इसमें किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए।




Body:उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि इस पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट इंसाफ करे क्योंकि पिछ्ले 30सालों में इस देश में झूट और नफरत की बुनियाद पर हिन्दू-मुस्लमान धर्म के लोगों को अलग करने की कोशिश की गयी है।

तस्लीम रहमानी ने कहा कि यह पहली बार नहीं जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गयी हो, सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई फ़ैसले दोबारा विचार करने के बाद बदले भी हैं ।




Conclusion:भाजपा से राज्य सभा सांसद राकेश सिन्हा द्वारा एआईएमपीएलबी के पुनर्विचार याचिका के फैसले को सांप्रदायिक बताया है। इसपर तस्लीम रहमानी ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि 1985 के बाद से आज तक मुसलमानों द्वारा बाबरी मस्जिद के लिए किसी भी तरीके का प्रदर्शन नहीं किया गया है, भाजपा और उसके संगठन - विश्व हिंदू परिषद द्वारा बार-बार इसके लिए प्रदर्शन किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ना किसी भी तरीके से गलत नहीं है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर 9 नवंबर को अपना फैसला सुनाया था जिसमें अयोध्या की 2.77 लेकर विवादित जमीन रामलला विराजमान को राम मंदिर बनाने के लिए दी है। जबकि मुस्लिम पक्षों मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन देने का निर्देश सरकार को दिया गया है।
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