नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि वह मराठा आरक्षण मामले की रोजाना आधार पर सुनवाई करेगा. इस संबंध में वह अगले महीने सुनवाई की तारीख तय करेगा. इसके पहले शीर्ष अदालत 15 जुलाई बुधवार को मामले पर अंतरिम आदेश पारित करेगी. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे इस संबंध में अपनी लिखित दलीलें व बहस की समय सीमा दाखिल करें.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की बेंच बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने मराठों को एसईबीसी अधिनियम के तहत शिक्षा और रोजगार में 12-13% रिजर्वेशन दिया था. याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि यह आदेश इंदिरा साहनी फैसले में संविधान पीठ द्वारा तय 50% आरक्षण की सीमा को तोड़ता है.
एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि अब कुल रिजर्वेशन 72 प्रतिशत है. जजों की बेंच ने कहा कि वह प्रतिदिन मामले की सुनवाई करना चाहती है और अगले महीने इसके लिए तारीख तय करेगी. अधिवक्ता आपस में विचार-विमर्श कर समय तय करें.
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अधिवक्ताओं ने इस याचिका में तत्काल तारीख देने के लिए दबाव डाला, लेकिन न्यायाधीशों ने इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि वह सभी मामलों की सुनवाई के बाद अगले सप्ताह अंतरिम आदेश पारित करेगी.