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एएफटी में न्यायिक सदस्य की नियुक्ति मामले पर सुप्रीम कोर्ट से नोटिस जारी

सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (एएफटी) में न्यायिक सदस्य की नियुक्ति मामले को सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. इस क्रम में मुख्य न्यायाधीश की अगुआई में तीन जजों की बेंच ने संबंधित पार्टियों को नोटिस जारी कर कारण बताने के लिए कहा है कि मामलों को क्यों स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए.

Judicial Members in Armed Forces Tribunals
आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल में न्यायिक सदस्य
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Published : Jul 16, 2020, 12:42 PM IST

Updated : Jul 16, 2020, 1:29 PM IST

नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (एएफटी) में न्यायिक सदस्य की नियुक्ति मामले को स्वत: संज्ञान लिया है. इस क्रम में मुख्य न्यायाधीश की अगुआई में तीन जजों की बेंच ने संबंधित पार्टियों को नोटिस जारी कर कारण बताने के लिए कहा है कि मामलों को क्यों स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए.

सिक्किम हाईकोर्ट को 6 जून, 2020 को प्राप्त एक पत्र के आधार पर दर्ज स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे, आर. सुभाष रेड्डी और ए.एस. बोपन्ना की पीठ ने यह नोटिस जारी किया.

सीजेआई ने संबंधित पार्टियों को नोटिस जारी कर उन्हें कारण बताने के लिए कहा है कि क्यों मामलों को स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए. बेंच ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को यह जानकारी दी, जो एक अन्य मामले में पेश हुए थे.

पढ़ें-हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश हुए स्थायी, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से मिली मंजूरी

बेंच ने बताया कि अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल एक अन्य मामले में पेश हुए हैं. यह एक ऐसा मामला है जिसमें डिवीजन बेंच द्वारा तय करने की आवश्यकता है. हम इसे नजदीकी अदालत में स्थानांतरित करना चाह रहे हैं क्योंकि सिक्किम में न्यायाधीश उपलब्ध नहीं हैं.

बेंच ने कहा, 'यह एक ऐसा मामला है, जिसमें सॉलिसिटर जनरल पेश हुए और जिसे सिक्किम हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच द्वारा तय किए जाने की आवश्यकता है. हम इसे नजदीकी अदालत में स्थानांतरित करना चाह रहे हैं क्योंकि सिक्किम में न्यायाधीश उपलब्ध नहीं हैं.'

नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (एएफटी) में न्यायिक सदस्य की नियुक्ति मामले को स्वत: संज्ञान लिया है. इस क्रम में मुख्य न्यायाधीश की अगुआई में तीन जजों की बेंच ने संबंधित पार्टियों को नोटिस जारी कर कारण बताने के लिए कहा है कि मामलों को क्यों स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए.

सिक्किम हाईकोर्ट को 6 जून, 2020 को प्राप्त एक पत्र के आधार पर दर्ज स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे, आर. सुभाष रेड्डी और ए.एस. बोपन्ना की पीठ ने यह नोटिस जारी किया.

सीजेआई ने संबंधित पार्टियों को नोटिस जारी कर उन्हें कारण बताने के लिए कहा है कि क्यों मामलों को स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए. बेंच ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को यह जानकारी दी, जो एक अन्य मामले में पेश हुए थे.

पढ़ें-हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश हुए स्थायी, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से मिली मंजूरी

बेंच ने बताया कि अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल एक अन्य मामले में पेश हुए हैं. यह एक ऐसा मामला है जिसमें डिवीजन बेंच द्वारा तय करने की आवश्यकता है. हम इसे नजदीकी अदालत में स्थानांतरित करना चाह रहे हैं क्योंकि सिक्किम में न्यायाधीश उपलब्ध नहीं हैं.

बेंच ने कहा, 'यह एक ऐसा मामला है, जिसमें सॉलिसिटर जनरल पेश हुए और जिसे सिक्किम हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच द्वारा तय किए जाने की आवश्यकता है. हम इसे नजदीकी अदालत में स्थानांतरित करना चाह रहे हैं क्योंकि सिक्किम में न्यायाधीश उपलब्ध नहीं हैं.'

Last Updated : Jul 16, 2020, 1:29 PM IST
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