नागपुर : विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने मांग की है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या की नगर पालिका की सीमा से बाहर जमीन आवंटित की जाए.
केंद्रीय विहिप के उपाध्यक्ष चंपत राय ने .यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए गठिन होने वाले न्यास का अध्यक्ष नहीं बनना चाहिए.
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने बीते नौ नवंबर को दिए गए अपने फैसले में अयोध्या में विवादित जमीन पर राम मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया था. न्यायालय ने सुन्नी वफ्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन देने का निर्देश भी दिया है.
चंपत राय ने पत्रकारों से कहा कि पहले अयोध्या एक छोटी नगर पालिका थी, लेकिन दिसंबर 2018 में अयोध्या और फैजबाद नगर पालिकाओं को मिलाकर एक निगम बना दिया गया. बहरहाल, सुन्नी वक्फ बोर्ड को पुरानी अयोध्या नगर पालिका की सीमा के बाहर पांच एकड़ जमीन आवंटित की जानी चाहिए.
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राम मंदिर निर्माण के काम को देखने के लिए प्रस्तावित न्यास का प्रमुख भागवत को बनाने की कुछ साधुओं की मांग पर चंपत राय ने कहा कि यह नहीं होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि न्यास जनवरी 2020 तक गठित हो सकता है.
मुस्लिम पक्ष द्वारा उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करने के सवाल पर चंपत राय ने कहा कि यह उनका कानूनी अधिकार है.
उन्होंने कहा, 'ऐसे कदमों से हम प्रभावित नहीं होंगे. मुझे लगता है कि अगर कोई टंकण की गलती होगी या वाक्य विन्यास सही नहीं होगा या अदालत ने किसी दलील की व्याख्या नहीं की होगी, उसपर पुनर्विचार होगा. यह मैं आम आदमी के तौर पर कह रहा हूं.'