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कर्नाटक : कैबिनेट विस्तार के साथ मुख्यमंत्री के बदलने की अटकलें - speculations of cabinet expansion

कर्नाटक में मुख्यमंत्री का चेहरा बदले जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं. सूत्रों का कहना है कि कर्नाटक भाजपा और आरएसएस का एक बड़ा धड़ा एक ऐसे चेहरे की वकालत मुख्यमंत्री पद के लिए कर रहा है, जो संघ का करीबी और भरोसेमंद हो. हालांकि, मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इन अटकलों को खारिज कर दिया है.

Chief Minister of Karnataka
बीएस येदियुरप्पा
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Published : Sep 19, 2020, 8:09 PM IST

Updated : Sep 19, 2020, 9:11 PM IST

नई दिल्ली : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा तीन दिवसीय दिल्ली दौरे पर आए थे. वैसे तो वह प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से राज्य के लिए अनेक तरह के अनुदान संबंधित बातचीत के लिए आए थे, लेकिन उनका दौरा ऐसे समय में था, जब कर्नाटक में राज्य कैबिनेट के विस्तार और मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है.

कोरोना संकट के लगभग छह महीने बीत जाने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का दिल्ली के लिए यह पहला दौरा था. इससे पहले वह मार्च में दिल्ली आए थे, जहां पार्टी के अनेक नेताओं से मुलाकात के बाद उन्होंने खुद यह बात कही थी कि राज्य के कैबिनेट विस्तार पर चर्चा हुई है. मगर पिछले छह महीने में न तो कैबिनेट विस्तार हुआ और न ही कोई बड़े निर्णय लिए गए.

आधिकारिक तौर पर तो येदियुरप्पा ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर कर्नाटक के लिए आपदा कोष से पैसे जारी करने की मांग की. इसके अलावा उन्होंने राज्य के 30 में से 22 जिलों के बाढ़ प्रभावित होने से संबंधित जानकारी भी प्रधानमंत्री को दी और राज्य की सहायता के लिए 8,071 करोड़ रुपये भी मांगे.

इसके अलावा सीएम येदियुरप्पा ने भी एनडीआरएफ के नियमों में भी बदलाव करने की मांग की और प्रधानमंत्री से अपर कृष्णा-2 और अपर भद्रा को नेशनल प्रोजेक्ट घोषित करने की भी मांग की. मगर इन तमाम आधिकारिक एजेंडे के साथ-साथ अगर कहें तो सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा सीएम की कुर्सी बचाना और राज्य में कैबिनेट विस्तार पर बातचीत करना था.

येदियुरप्पा का यह दौरा ऐसे समय में था, जब राज्य में इस बात की चर्चा काफी जोर-शोर से चल रही है कि राज्य के मुख्यमंत्री पद पर आरएसएस के एक चहेते चेहरे को बैठाया जा सकता है. बहरहाल येदियुरप्पा पार्टी आलाकमान से मिलकर यह तय कर लेना चाहते थे कि उनकी कुर्सी पर कोई खतरा तो नहीं.

येदियुरप्पा ने प्रधानमंत्री से मिलने के साथ ही कई कैबिनेट मंत्रियों के अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात कर राज्य के कैबिनेट विस्तार से संबंधित विस्तृत बातचीत की.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि येदियुरप्पा का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण था और पार्टी अध्यक्ष के साथ उनकी मुलाकात के दौरान कई मुद्दों पर बातचीत हुई, विशेष तौर पर कैबिनेट विस्तार से पहले येदियुरप्पा प्रत्येक नाम पर आलाकमान की इजाजत लेना चाहते थे.

यह भी पढ़ें- सरकार ने श्रम मंत्रालय के तीन विधेयक लोक सभा से वापस लिए

इस दौरे के दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने यह बात खुद मीडिया से कही कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ कैबिनेट विस्तार को लेकर उनकी विस्तृत चर्चा हुई है. हालांकि, मुख्यमंत्री के बदलाव पर सवाल किए जाने पर येदियुरप्पा ने यह बात साफ तौर पर कही कि यह तमाम बातें मात्र अटकलें हैं और इस पर कोई विश्वास नहीं करता. वह अपने कार्यकाल को पूरा करेंगे.

कर्नाटक के विपक्षी दल येदियुरप्पा के बेटे विजेंद्र पर सुपर सीएम की तरह काम करने के आरोप लगा रहे हैं. इन बातों का खंडन करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि यह विपक्ष की चाल है.

मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा 78 साल के हो चुके हैं और अभी ढाई साल का कार्यकाल बाकी है. सूत्रों की मानें तो कर्नाटक भाजपा और आरएसएस का एक बड़ा धड़ा एक ऐसे चेहरे की वकालत मुख्यमंत्री पद के लिए कर रहा है, जो संघ का करीबी और भरोसेमंद हो.

उनका मानना है कि यदि येदियुरप्पा अपने कार्यकाल को पूरा कर लेते हैं तो अगले विधानसभा चुनाव में भी मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में येदियुरप्पा के अलावा कोई और विकल्प तैयार नहीं हो पाएगा. इन बातों को लेकर ही येदियुरप्पा दिल्ली में आकर आलाकमान के सामने यह निश्चित कर लेना चाहते थे कि उनकी कुर्सी सलामत रहे और वह अपना कार्यकाल पूरा कर सकें. सूत्रों के अनुसार, आलाकमान ने साफ तौर पर येदियुरप्पा को फिलहाल तो कुछ नहीं कहा, लेकिन कैबिनेट विस्तार को लेकर हरी झंडी जरूर दिखा दी है.

नई दिल्ली : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा तीन दिवसीय दिल्ली दौरे पर आए थे. वैसे तो वह प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से राज्य के लिए अनेक तरह के अनुदान संबंधित बातचीत के लिए आए थे, लेकिन उनका दौरा ऐसे समय में था, जब कर्नाटक में राज्य कैबिनेट के विस्तार और मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है.

कोरोना संकट के लगभग छह महीने बीत जाने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का दिल्ली के लिए यह पहला दौरा था. इससे पहले वह मार्च में दिल्ली आए थे, जहां पार्टी के अनेक नेताओं से मुलाकात के बाद उन्होंने खुद यह बात कही थी कि राज्य के कैबिनेट विस्तार पर चर्चा हुई है. मगर पिछले छह महीने में न तो कैबिनेट विस्तार हुआ और न ही कोई बड़े निर्णय लिए गए.

आधिकारिक तौर पर तो येदियुरप्पा ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर कर्नाटक के लिए आपदा कोष से पैसे जारी करने की मांग की. इसके अलावा उन्होंने राज्य के 30 में से 22 जिलों के बाढ़ प्रभावित होने से संबंधित जानकारी भी प्रधानमंत्री को दी और राज्य की सहायता के लिए 8,071 करोड़ रुपये भी मांगे.

इसके अलावा सीएम येदियुरप्पा ने भी एनडीआरएफ के नियमों में भी बदलाव करने की मांग की और प्रधानमंत्री से अपर कृष्णा-2 और अपर भद्रा को नेशनल प्रोजेक्ट घोषित करने की भी मांग की. मगर इन तमाम आधिकारिक एजेंडे के साथ-साथ अगर कहें तो सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा सीएम की कुर्सी बचाना और राज्य में कैबिनेट विस्तार पर बातचीत करना था.

येदियुरप्पा का यह दौरा ऐसे समय में था, जब राज्य में इस बात की चर्चा काफी जोर-शोर से चल रही है कि राज्य के मुख्यमंत्री पद पर आरएसएस के एक चहेते चेहरे को बैठाया जा सकता है. बहरहाल येदियुरप्पा पार्टी आलाकमान से मिलकर यह तय कर लेना चाहते थे कि उनकी कुर्सी पर कोई खतरा तो नहीं.

येदियुरप्पा ने प्रधानमंत्री से मिलने के साथ ही कई कैबिनेट मंत्रियों के अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात कर राज्य के कैबिनेट विस्तार से संबंधित विस्तृत बातचीत की.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि येदियुरप्पा का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण था और पार्टी अध्यक्ष के साथ उनकी मुलाकात के दौरान कई मुद्दों पर बातचीत हुई, विशेष तौर पर कैबिनेट विस्तार से पहले येदियुरप्पा प्रत्येक नाम पर आलाकमान की इजाजत लेना चाहते थे.

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इस दौरे के दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने यह बात खुद मीडिया से कही कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ कैबिनेट विस्तार को लेकर उनकी विस्तृत चर्चा हुई है. हालांकि, मुख्यमंत्री के बदलाव पर सवाल किए जाने पर येदियुरप्पा ने यह बात साफ तौर पर कही कि यह तमाम बातें मात्र अटकलें हैं और इस पर कोई विश्वास नहीं करता. वह अपने कार्यकाल को पूरा करेंगे.

कर्नाटक के विपक्षी दल येदियुरप्पा के बेटे विजेंद्र पर सुपर सीएम की तरह काम करने के आरोप लगा रहे हैं. इन बातों का खंडन करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि यह विपक्ष की चाल है.

मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा 78 साल के हो चुके हैं और अभी ढाई साल का कार्यकाल बाकी है. सूत्रों की मानें तो कर्नाटक भाजपा और आरएसएस का एक बड़ा धड़ा एक ऐसे चेहरे की वकालत मुख्यमंत्री पद के लिए कर रहा है, जो संघ का करीबी और भरोसेमंद हो.

उनका मानना है कि यदि येदियुरप्पा अपने कार्यकाल को पूरा कर लेते हैं तो अगले विधानसभा चुनाव में भी मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में येदियुरप्पा के अलावा कोई और विकल्प तैयार नहीं हो पाएगा. इन बातों को लेकर ही येदियुरप्पा दिल्ली में आकर आलाकमान के सामने यह निश्चित कर लेना चाहते थे कि उनकी कुर्सी सलामत रहे और वह अपना कार्यकाल पूरा कर सकें. सूत्रों के अनुसार, आलाकमान ने साफ तौर पर येदियुरप्पा को फिलहाल तो कुछ नहीं कहा, लेकिन कैबिनेट विस्तार को लेकर हरी झंडी जरूर दिखा दी है.

Last Updated : Sep 19, 2020, 9:11 PM IST
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