चूरू : अब तक आपने परिंदों का आशियाना पेड़ों पर या इंसानों के लिए बनाई गई इमारत के किसी कोने में ही देखा होगा. यह बात अपने आप में ही अनोखी है कि परिंदे 'फ्लैट' में रहते हैं. सुनने में थोड़ा आपको अटपटा भी लग रहा होगा, लेकिन राजस्थान के चूरू में बने इस फ्लैट को देखकर यकीन हो जाएगा कि यह बात सच है.
तस्वीरों में दिख रही यह रंग-बिरंगी बहुमंजिला इमारत पक्षियों के लिए बनाई गई है. इस इमारत में फ्लैट बने हुए हैं. पक्षियों का यह फ्लैट चूरू के सालासर में है. पक्षियों के इस आशियानें को राज्य में मॉडल और हाइटेक गोशाला के रूप में पहचान बना चुकी सालासर बालाजी गोशाला संस्थान ने बनवाया है.
नौ मंजिला पक्षी विहार
नौ मंजिल इस इमारत में करीब 900 पक्षी एक साथ रह सकते हैं. यानी कि हर मंजिल में 100 पक्षी रह सकते हैं. यह इमारत लगभग 55 फीट ऊंची है. इमारत में पक्षियों के ठहरने के लिए 4 फ्लोर और एक हॉल बना हुआ है. इसके साथ एंट्री के लिए 144 दरवाजे बने हुए हैं. यानी हर मंजिल में कुल 16 गेट हैं.
इन फ्लैट्स को सालासर पुजारी परिवार ने बनवाया है, जिन्होंने इसे 'पक्षी विहार' नाम दिया है. पक्षियों के इस आशियानें के पास ही एक चुग्गा घर भी बनाया गया है. जहां जाकर ये पक्षी अपना पेट भर सकते हैं और फ्लैट में आकर आराम कर सकते हैं. यह पक्षी विहार गोलाकार है. इसे एल्युमिनियम की शीट से तैयार किया गया है.
इस इमारत की खास बात यह है कि सड़क से इसकी ऊंचाई करीब 5 फीट है. जिसकी वजह से बिल्ली और कुत्ते जैसे जानवर यहां तक नहीं पहुंच सकते. इसके साथ ही इमारत में रहने वाले पक्षी सर्दी-गर्मी, आंधी-तूफान और बारिश से भी बच सकेंगें.
जिलेभर में 1000 से ज्यादा घोसलें
सालासर की बालाजी गोशाला संस्थान की ओर से जिले भर में जिला मुख्यालय, सालासर और अन्य स्थानों पर पेड़ों के ऊपर एक हजार से ज्यादा कृत्रिम घोसलें भी लगाए गए हैं, ताकि पक्षी इन घोसलों में आराम से रह सकें. इन घोसलों की डिजाइन भी इस तरह से की गई है कि पक्षी बारिश, आंधी और धूप से बच सकते हैं.
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गोशाला परिसर में भी है छोटा पक्षी विहार
एक छोटा पक्षी विहार गोशाला परिसर में भी है. हालांकि यह पक्षी विहार कागज के गत्तों और खाली कार्टन से बनाया गया है. इसमें भी सैकड़ों की संख्या में पक्षी रह रहे हैं. छोटे पक्षी विहार में ज्यादातर वे पक्षी हैं, जो घायल होकर आए हैं. यहां पर इनका इलाज भी किया जा रहा है.