रायपुर : कीटनाशक, कीटों के लिए कम और इंसानों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो रहे हैं. खेती, सब्जी और फलों को कीड़े, रोग और खरपतवार से बचाने के लिए कई तरह से कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. केंद्र सरकार 27 पेस्टिसाइड को बैन करने की तैयारी में है. ETV भारत ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर गजेंद्र चंद्राकर से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कीटनाशकों के दुष्प्रभावों पर कई तरह की जानकारियां शेयर की.
डॉक्टर गजेंद्र चंद्राकर ने बताया कि बड़े पैमाने में फलों, सब्जियों और अनाज को कीड़े, रोग और खरपतवार से बचाने के लिए कई तरह के रसायन का छिड़काव किया जाता है, लेकिन कीटनाशक का उपयोग अब मानव जीवन के लिए ही संकट बनता जा रहा है. फल और सब्जी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए देशभर में कीटनाशकों और रासायनिक उत्पादों का इस्तेमाल काफी किया जा रहा है. बहुत से रिसर्च इसे लेकर किए जा रहे हैं. पेस्टिसाइड कीटों को मारने के काम में आता है, लेकिन हमारे शरीर में आते ही ये कई तरह के हार्मोनल इनबेलेंस क्रिएट करता है. खतरनाक कैंसर का भी कारण बनता है.
रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग
छत्तीसगढ़ में धान की ही खेती होती है लेकिन धान के मुकाबले सब्जियों और फलों में कीटनाशकों का उपयोग ज्यादा नुकसानदायक है. धान में कीटनाशकों का उपयोग जमीन की उर्वरा शक्ति को कमजोर कर देता है. सबसे बड़ी समस्या ये है कि रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग ऐसा है, जैसे बिना सिखाए हथियार सौंप दिया गया हो. कीटनाशकों का उपयोग बिना ट्रेनिंग के करना बहुत ज्यादा खतरनाक है. इसके लिए किसानों को जिले स्तर पर पर्याप्त ट्रेनिंग देने की व्यवस्था होनी चाहिए. हर जिले में टेस्टिंग लेबोरेटरी होनी चाहिए.
सब्जी और अनाज में कीटनाशक का उपयोग
इस दौरान डॉक्टर गजेंद्र चंद्राकर ने बताया कि बड़े पैमाने में फलों, सब्जियों और अनाज में कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है. इसमें प्याज, लौकी, भिंडी समेत अन्य सब्जियों में ज्यादा मात्रा में कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है. साथ ही उन्होंने कहा कि कीट पतंगों को मारने के लिए धान में भी भारी मात्रा में कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है, जिससे जो रासायन है वह धान में आ जाता है. ये इंसानों के लिए बड़ा खतरा है.
कीटनाशक बेहद घातक
कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका सिर्फ दस फीसदी हिस्सा ही कीड़ों और रोगों को मारने का काम आता है, बाकी बड़ा हिस्सा उस फल और अनाज में समा जाता है. ये खाने वालों को बीमार कर सकता है. विश्वविद्यालय में इसके लिए अलग से रिसर्च भी चल रहा है, जिसमें इस बात की पुष्टि हुई है कि कई कीटनाशक बेहद घातक हैं. इसके लिए अब सरकार लाल और पीले रंग के एलर्ट वाली दवाओं को बैन कर रही है. हो सकता है कि आने वाले समय में केवल हर्बल कीटनाशकों का ही छिड़काव किया जाएगा.
बेहद खतरनाक हैं ये 27 कीटनाशक, जिन्हें बैन करने की है तैयारी
20 लाख टन कीटनाशक का उपयोग
भारत में 100 से ज्यादा ऐसे कीटनाशक बिक रहे हैं, जो दूसरे एक या एक से ज्यादा देशों में प्रतिबंधित हैं. भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कीटनाशक उत्पादक देश है. विश्वभर में प्रति वर्ष लगभग 20 लाख टन कीटनाशक का उपयोग किया जाता है. भारतीय किसानों द्वारा धान, सब्जियों, फलों और मसालों की खेती के लिए उपयोग किया जाता है.