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विक्रम लैंडर के साथ संचार स्थापित करना महत्वपूर्ण : अंतरिक्ष मामलों की जानकार - ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन

विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिग करने में असफल रहा है और इसरो से इसका संचार भी टूट गया है. लेकिन आर्बिटर ने इसकी तस्वीर लेकर इसरो को भेजा है. जानिए क्या है इस पर विशेषज्ञों की राय...

ईटीवी से बात करती राजेश्वरी पिल्लई राजगोपालन
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Published : Sep 10, 2019, 12:03 AM IST

Updated : Sep 30, 2019, 2:07 AM IST

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर का पता लगा लिया है. इसके बाद अंतरिक्ष विज्ञान विशेषज्ञों का मानना ​​है कि विक्रम लैंडर के साथ संचार संपर्क स्थापित करना एक महत्वपूर्ण बात है.

ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की अंतरिक्ष नीति पहल की प्रमुख राजेश्वरी पिल्लई राजगोपालन ने ईटीवी भारत से कहा कि चंद्रयान-2 का चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग न होने से हम सबको झटका लगा है लेकिन आर्बिटर अभी काम कर रहा है.

राजेश्वरी पिल्लई राजगोपालन से बातचीत

आठ सितंबर को इसरो प्रमुख के सिवन ने कहा कि हमने चंद्रमा की सतह पर लैंडर विक्रम का पता चला है. आर्बिटर ने इसकी तस्वीरें ली है. इससे एक उम्मीद जगी है. हम सब इसके साथ संचार स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं.

राजेश्वरी ने कहा कि चंद्रमा की सतह पर लैंडर का लैडिंग कराना कठिन था. लेकिन इसके साथ संचार स्थापित करना महत्वपूर्ण बात है. हम प्रतिदिन लैंडर के साथ संचार स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं.

पढ़ेंः ISRO ने खोज निकाला लैंडर 'विक्रम', संपर्क साधने की कर रहे हैं कोशिश

चंद्रयान-2 भारत का दूसरा चंद्र मिशन है. इसका निर्माण चंद्रमा के दक्षिणी सतह पर उतारने के लिए किया था. जिसे दुनिया में अभी तक किसी भी देश ने नहीं किया है.

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर का पता लगा लिया है. इसके बाद अंतरिक्ष विज्ञान विशेषज्ञों का मानना ​​है कि विक्रम लैंडर के साथ संचार संपर्क स्थापित करना एक महत्वपूर्ण बात है.

ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की अंतरिक्ष नीति पहल की प्रमुख राजेश्वरी पिल्लई राजगोपालन ने ईटीवी भारत से कहा कि चंद्रयान-2 का चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग न होने से हम सबको झटका लगा है लेकिन आर्बिटर अभी काम कर रहा है.

राजेश्वरी पिल्लई राजगोपालन से बातचीत

आठ सितंबर को इसरो प्रमुख के सिवन ने कहा कि हमने चंद्रमा की सतह पर लैंडर विक्रम का पता चला है. आर्बिटर ने इसकी तस्वीरें ली है. इससे एक उम्मीद जगी है. हम सब इसके साथ संचार स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं.

राजेश्वरी ने कहा कि चंद्रमा की सतह पर लैंडर का लैडिंग कराना कठिन था. लेकिन इसके साथ संचार स्थापित करना महत्वपूर्ण बात है. हम प्रतिदिन लैंडर के साथ संचार स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं.

पढ़ेंः ISRO ने खोज निकाला लैंडर 'विक्रम', संपर्क साधने की कर रहे हैं कोशिश

चंद्रयान-2 भारत का दूसरा चंद्र मिशन है. इसका निर्माण चंद्रमा के दक्षिणी सतह पर उतारने के लिए किया था. जिसे दुनिया में अभी तक किसी भी देश ने नहीं किया है.

Intro:'Establishing communication linkages with Vikram lander is a critical thing'

New Delhi: After Indian space research organisation(ISRO) locating the Vikram Lander on the moon's surface, space science experts feel that establishing communication linkages with Vikram lander is a critical thing.


ETV Bharat spoke to Rajeshwari Pillai Rajagopalan, head of space policy initiative of Observer research foundation, where she said that Chandrayaan- 2 has faced a setback as we could not so soft landing on the lunar surface but we still have the functional orbiter which has sent us the imagery.

On 8th September, ISRO chief K Sivan was quoted as saying that "we have found the location of lander Vikram on the lunar surface. The orbiter has clicked its image. we are trying to re establish contact with it".

"You had a hard landing of the lander on the lunar surface but establishing the communication linkages with the lander is the critical thing. As we progress day by day the chances of establishing the contact becomes slimmer." said Rajeshwari.

Chandrayaan 2 is India's second lunar expedition which was designed to shed light on Moon's south pole which has been never explored before this by any other country.


Body:kindly use.


Conclusion:
Last Updated : Sep 30, 2019, 2:07 AM IST
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