नई दिल्ली : कांग्रेस समेत देश के 16 विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है.
बजट सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार के संबंध में गुलाम नबी आजाद ने कहा, हम 16 राजनीतिक दलों की तरफ से एक बयान जारी कर रहे हैं कि हम राष्ट्रपति के अभिभाषण, जो कल संसद में दिया जाएगा, का बहिष्कार करते हैं. इस फैसले के पीछे प्रमुख कारण यह है कि विधेयकों (फार्म कानून) को विपक्ष के बिना, सदन में जबरन पारित किया गया.
आम आदमी पार्टी भी शामिल
आप के सांसद संजय सिंह ने कहा, हम लोग तीन कृषि कानूनों का विरोध करते रहे हैं और करते रहेंगे, इसलिए आम आदमी पार्टी महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी और हमारे लोकसभा के सांसद भगवंत मान और राज्य सभा के हम तीन सांसद कल राष्ट्रपति के अभिभाषण कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे.
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति कोविंद के संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ शुक्रवार को बजट सत्र का आगाज होगा.
पढ़ें :- किसान नेताओं के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी, पासपोर्ट सरेंडर की तैयारी
किसानों के प्रति एकजुटता
विपक्षी दलों के नेताओं ने एक बयान जारी कर कहा, किसानों की मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार अहंकारी, अड़ियल और अलोकतांत्रिक बनी हुई है. सरकार की असंवेदनशीलता से स्तब्ध हम विपक्षी दलों ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग दोहराते हुए और किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए यह फैसला किया है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया जाएगा.
बहिष्कार में शामिल हैं ये पार्टियां
बयान में कहा गया है कि कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, सपा, राजद, माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, आरएसपी, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस(एम) और एआईयूडीएफ ने संयुक्त रूप से यह फैसला किया है.