कोरबा: जिला अस्पताल में कार्यरत सरकारी चिकित्सक डॉ. प्रभात पाणिग्रही पर 6 साल के बच्चे का गलत ऑपरेशन करने का आरोप लगा है. ऑपरेशन के बाद बच्चे की मौत हो गई है. यह ऑपरेशन बालको स्थित निजी अस्पताल में किया गया है. घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. मौके पर पहुंची पुलिस ने 3 डॉक्टरों पर एफआईआर दर्ज कर उचित जांच की बात कही है.
हर्निया के ऑपरेशन के लिए बुलाया अपने निजी अस्पताल में
परसाभाठा में रहने वाले मनोज केवट अपने 6 वर्षीय बच्चे दिव्यांश को लेकर पहले जिला अस्पताल पहुंचे थे. यहां मौजूद चिकित्सक प्रभात पाणिग्रही ने बच्चे का चेकअप किया और उसके बाद परिजनों से ऑपरेशन के लिए बच्चे को उनेके निजी अस्पताल में भर्ती करने की बात कही. डॉक्टर ने जिला अस्पताल में ऑपरेशन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने का हवाला दिया. परिजन बच्चे को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे.
डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
इलाज के दौरान बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों पर झूठी जानकारी देने और इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. इसे लेकर परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. साथ ही डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. सीएसपी सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचा. प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कराया गया.
तीन डॉक्टरों पर मुकदमा
बालको थाने में डॉ. प्रभात पाणिग्रही, सहयोगी डॉ. प्रतीकधर शर्मा और डॉ. ज्योति श्रीवास्तव के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का अपराध दर्ज किया गया है. रिपोर्ट मृत बच्चे के पिता मनोज केवट ने लिखवाई है, जिसमें लापरवाही बरतते हुए बिना संसाधन के ऑपरेशन करने और उसके बाद बच्चे की स्थिति बिगड़ने पर उसकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
इस पूरे मामले में डॉ प्रभात पाणिग्रही पर सबसे गंभीर आरोप लगे हैं, जिन्होंने बच्चे को निजी अस्पताल लाने के लिए परिजनों को कहा था. पाणिग्रही इसके पहले वेदांता के विभागीय बालको अस्पताल में पदस्थ थे, जहां से इस्तीफा देकर पिछले साल उन्होंने जिला अस्पताल में संविदा डॉक्टर के पद पर ज्वॉइन किया था.
पढ़ें- स्कूल ड्रॉप आउट रेट कम करने के लिए राज्यों संग काम करेगा शिक्षा मंत्रालय
इस मामले में पुलिस ने कहा है कि बच्चे के परिजनों की शिकायत पर तीन डॉक्टरों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. घटना की जांच के बाद ही बच्चे की मौत की असली वजह का पता चलेगा.