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बाहुड़ा यात्रा : श्रीमंदिर लाए गए भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा

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Published : Jul 1, 2020, 8:07 AM IST

Updated : Jul 1, 2020, 4:46 PM IST

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भाई-बहन संग निजधाम रवाना होंगे महाप्रभु

12:15 July 01

बाहुड़ा यात्रा

श्रीमंदिर लाए गए भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा.

11:58 July 01

श्रीमंदिर के लिए निकला भगवान बलभद्र

10:39 July 01

पहौंडी की रस्म शुरू

10:27 July 01

गुंडिचा मंदिर परिसर में छेरा पहरा की रस्म करते पुरी नरेश

gundicha
गुंडिचा मंदिर परिसर में छेरा पहरा की रस्म करते पुरी नरेश

08:15 July 01

रथ पर सवार भगवान बलभद्र

महाप्रभु जगन्नाथ अपनी बहन देवी सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र के साथ गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर वापस लौट रहे हैं. 

देवताओं की यात्रा शुरू हो चुकी है. चक्रराज सुदर्शन, ठाकुर बलभद्र उसके बाद देवी सुभद्रा और अंत में महाप्रभु जगन्नाथ एक के बाद एक अपने रथों के साथ निकलना शुरू हो रहे हैं. 

08:01 July 01

पहौंडी की रस्म शुरू, रथारूढ़ किए जा रहे हैं विग्रह

रथ पर सावर भगवान बलभद्र

गुंडिचा मंदिर परिसर में पहौंडी की रस्म शुरू हो गई है. भगवान जगन्नाथ समेत तीनों विग्रहों को बारी-बारी से रथों पर आसीन किया जाएगा. इस प्रक्रिया को पहौंडी कहा जाता है.

07:47 July 01

मीडिया से बातचीत करते डीजीपी अभय

06:26 July 01

बाहु़ड़ा अथवा वापसी की रथ यात्रा

मंदिर में तैयारियां हुई शुरू

पुरी : भगवान जगन्नाथ आज गुंडिचा मंदिर से वापस श्रीमंदिर में लौटेंगे. गुंडिचा मंदिर भगवान जगन्नाथ के जन्मस्थान के रूप में भी जाना जाता है. हिंदी मास के मुताबिक आषाढ़ महीने में होने वाली भव्य रथ यात्रा के 8 दिनों के बाद 9वें दिन भगवान श्रीमंदिर लौटते हैं. गुंडिचा मंदिर को मौसीबाड़ी भी कहा जाता है. 

इस दिन महाप्रभु जगन्नाथ अपनी बहन देवी सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र के साथ गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर वापस लौटते हैं. इस यात्रा को बाहुड़ा यात्रा या रिटर्न कार फेस्टिवल भी कहा जाता है.

गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीते 23 जून की सुबह पुरी में भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथ यात्रा निकाली गई थी. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 23 जून की शाम गुंडिचा मंदिर पहुंचा था. बता दें कि इस साल कोरोना महामारी के कारण सुप्रीम कोर्ट और पुरी जिला प्रशासन के दिशानिर्देशों के तहत इस यात्रा को पूरा किया गया. 

यह भी पढ़ें: गुंडिचा मंदिर पहुंची भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा

इससे पहले हर साल होने वाली पुरी की ऐतिहासिक रथ यात्रा में लाखों की संख्या में देश-विदेश के लोग शामिल होते थे. इसकी तुलना में इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण बहुत ही कम श्रद्धालु रथ यात्रा के अनुष्ठान में शामिल हुए.

12:15 July 01

बाहुड़ा यात्रा

श्रीमंदिर लाए गए भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा.

11:58 July 01

श्रीमंदिर के लिए निकला भगवान बलभद्र

10:39 July 01

पहौंडी की रस्म शुरू

10:27 July 01

गुंडिचा मंदिर परिसर में छेरा पहरा की रस्म करते पुरी नरेश

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गुंडिचा मंदिर परिसर में छेरा पहरा की रस्म करते पुरी नरेश

08:15 July 01

रथ पर सवार भगवान बलभद्र

महाप्रभु जगन्नाथ अपनी बहन देवी सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र के साथ गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर वापस लौट रहे हैं. 

देवताओं की यात्रा शुरू हो चुकी है. चक्रराज सुदर्शन, ठाकुर बलभद्र उसके बाद देवी सुभद्रा और अंत में महाप्रभु जगन्नाथ एक के बाद एक अपने रथों के साथ निकलना शुरू हो रहे हैं. 

08:01 July 01

पहौंडी की रस्म शुरू, रथारूढ़ किए जा रहे हैं विग्रह

रथ पर सावर भगवान बलभद्र

गुंडिचा मंदिर परिसर में पहौंडी की रस्म शुरू हो गई है. भगवान जगन्नाथ समेत तीनों विग्रहों को बारी-बारी से रथों पर आसीन किया जाएगा. इस प्रक्रिया को पहौंडी कहा जाता है.

07:47 July 01

मीडिया से बातचीत करते डीजीपी अभय

06:26 July 01

बाहु़ड़ा अथवा वापसी की रथ यात्रा

मंदिर में तैयारियां हुई शुरू

पुरी : भगवान जगन्नाथ आज गुंडिचा मंदिर से वापस श्रीमंदिर में लौटेंगे. गुंडिचा मंदिर भगवान जगन्नाथ के जन्मस्थान के रूप में भी जाना जाता है. हिंदी मास के मुताबिक आषाढ़ महीने में होने वाली भव्य रथ यात्रा के 8 दिनों के बाद 9वें दिन भगवान श्रीमंदिर लौटते हैं. गुंडिचा मंदिर को मौसीबाड़ी भी कहा जाता है. 

इस दिन महाप्रभु जगन्नाथ अपनी बहन देवी सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र के साथ गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर वापस लौटते हैं. इस यात्रा को बाहुड़ा यात्रा या रिटर्न कार फेस्टिवल भी कहा जाता है.

गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीते 23 जून की सुबह पुरी में भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथ यात्रा निकाली गई थी. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 23 जून की शाम गुंडिचा मंदिर पहुंचा था. बता दें कि इस साल कोरोना महामारी के कारण सुप्रीम कोर्ट और पुरी जिला प्रशासन के दिशानिर्देशों के तहत इस यात्रा को पूरा किया गया. 

यह भी पढ़ें: गुंडिचा मंदिर पहुंची भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा

इससे पहले हर साल होने वाली पुरी की ऐतिहासिक रथ यात्रा में लाखों की संख्या में देश-विदेश के लोग शामिल होते थे. इसकी तुलना में इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण बहुत ही कम श्रद्धालु रथ यात्रा के अनुष्ठान में शामिल हुए.

Last Updated : Jul 1, 2020, 4:46 PM IST
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