नई दिल्लीः शिवसेना की देश में बुर्का को बैन करने की मांग पर सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक फायदा लेने के लिए शिवसेना ने यह बयान दिया है. हालांकि, शिवसेना नेता संजय राउत अपने बयान पर डटे हैं और उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा में अगर कुछ भी आड़े आए उसे हटा देना चाहिए.
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि ट्रिपल तलाक और बुर्का कोई धार्मिक मुद्दा नहीं है. उन्होंने कहा कि इसे धर्म से मत जोड़िए.
उन्होंने आगे कहा, इस को चुनाव से जोड़कर न देखा जाए, श्रीलंका सरकार ने निर्णय लिया तो भारत में भी इसकी जरूरत पड़ सकती है. श्रीलंका लोकतांत्रिक देश है फिर भी वहां हमला हुआ.
यह भी पढ़ेंः शिवसेना बोली, 'रावण की लंका में बुर्का पर बैन, राम की भूमि पर कब होगा'
उन्होंने कहा कि अगर किसी भी धर्म की परंपरा से देश की सुरक्षा को खतरा होता है तो उस पर बैन होना चाहिए.
हालांकि राउत के इस बयान पर विपक्ष सहित मुस्लिम संगठनों के नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है बावजूद इसके, राउत अपने बयान से वापस नही हटे हैं और उनका कहना है कि अगर कोई चीज राष्ट्रीय सुरक्षा में आड़े आये तो उसे हटा दिया जाना चाहिए.
शिव सेना नेता संजय राउत ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नवीन डोवाल के बेटे की सुरक्षा बढ़ाई गई, क्योंकि उन पर खतरा था. देश को अगर किसी चीज से खतरा हो तो पहले राष्ट्र की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए, इसलिए श्रीलंका और पूर्व में कनाडा, अमेरिका और कई देशों ने बुर्का पर प्रतिबंध लगाया है,
ऐसा नहीं कि बुर्का पहनी हर महिला आतंकवादी हो, लेकिन यह सुनिश्चतित किया जाना चाहिए कि इसका सही इस्तेमाल हो रहा है.
राउत ने कहा, विरोध करने वाले हर चीज का विरोध करते हैं कांग्रेस तो ट्रिपल तलाक का भी विरोध करती मगर वो मुस्लिम महिलाओं के हक में है.
शिवसेना नेता ने प्रधानमंत्री की अयोध्या रैली पर कहा कि अगर वो रामलला के दर्शन नही कर रहे तो आचार संहिता का कुछ सोचकर ही नही कर रहे होंगे.