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'सत्ता का घमंड' करने वालों के लिए सबक है महाराष्ट्र चुनाव परिणाम : शिवसेना - महाराष्ट्र चुनाव परिणाम

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का नतीजा आने के बाद शिवसेना ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि जनादेश ने एक सिरे से नकार दिया है कि दल बदलकर और विपक्षी दलों में सेंध लगाकर लगातार चुनाव जीता जा सकता है. शिवसेना ने कहा नतीजा आने से पहले फडणवीस 200 से अधिक सीटें जीतने की बात कर रहे थे. लेकिन परिणाम क्या आया सब जानते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

शिवसेना प्रमुख
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Published : Oct 25, 2019, 10:02 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव परिणाम के एक दिन बाद शिवसेना ने चुनाव में उम्मीद से कम प्रदर्शन करने पर भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि राज्य में कोई 'महा जनादेश' नहीं है. यह परिणाम वास्तव में उन लोगों के लिए सबक है, जो 'सत्ता के घमंड में चूर' थे.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने 21 अक्टूबर को मतदान से पहले 'महा जनादेश' यात्रा के दौरान कुल 288 में से 200 से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा किया था. फड़णवीस ने चुनाव परिणाम आने से एक दिन पहले 23 अक्टूबर को भगवा गठबंधन द्वारा 200 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करने का दावा किया था.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में कहा कि इस जनादेश ने यह धारणा खारिज कर दी है कि दल बदलकर और विपक्षी दलों में सेंध लगाकर बड़ी जीत हासिल की जा सकती है.

चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेसवादी पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने पहले से बेहतर प्रदर्शन किया है. सम्पादकीय में परिणामों का विश्लेषण करते हुए कहा गया कि परिणाम दर्शाते हैं कि विपक्षियों को राजनीति में खत्म नहीं किया जा सकता.

चुनावों के दौरान 'भाजपा ने राकांपा में इस प्रकार सेंध' लगाई कि लोगों को लगने लगा था कि शरद पवार की पार्टी का कोई भविष्य नहीं है.

पढ़ें ः हरियाणा : कांग्रेस के लिए ओल्ड इज गोल्ड साबित हुए हुड्डा

शिवसेना ने कहा, 'लेकिन राकांपा ने 50 सीटों का आंकड़ा पार करके वापसी की और नेतृत्वहीन कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत मिली. यह परिणाम सत्तारूढ़ों को चेतावनी है कि वे सत्ता का घमंड न करें. यह उन्हें सबक है'

मुंबई : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव परिणाम के एक दिन बाद शिवसेना ने चुनाव में उम्मीद से कम प्रदर्शन करने पर भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि राज्य में कोई 'महा जनादेश' नहीं है. यह परिणाम वास्तव में उन लोगों के लिए सबक है, जो 'सत्ता के घमंड में चूर' थे.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने 21 अक्टूबर को मतदान से पहले 'महा जनादेश' यात्रा के दौरान कुल 288 में से 200 से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा किया था. फड़णवीस ने चुनाव परिणाम आने से एक दिन पहले 23 अक्टूबर को भगवा गठबंधन द्वारा 200 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करने का दावा किया था.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में कहा कि इस जनादेश ने यह धारणा खारिज कर दी है कि दल बदलकर और विपक्षी दलों में सेंध लगाकर बड़ी जीत हासिल की जा सकती है.

चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेसवादी पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने पहले से बेहतर प्रदर्शन किया है. सम्पादकीय में परिणामों का विश्लेषण करते हुए कहा गया कि परिणाम दर्शाते हैं कि विपक्षियों को राजनीति में खत्म नहीं किया जा सकता.

चुनावों के दौरान 'भाजपा ने राकांपा में इस प्रकार सेंध' लगाई कि लोगों को लगने लगा था कि शरद पवार की पार्टी का कोई भविष्य नहीं है.

पढ़ें ः हरियाणा : कांग्रेस के लिए ओल्ड इज गोल्ड साबित हुए हुड्डा

शिवसेना ने कहा, 'लेकिन राकांपा ने 50 सीटों का आंकड़ा पार करके वापसी की और नेतृत्वहीन कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत मिली. यह परिणाम सत्तारूढ़ों को चेतावनी है कि वे सत्ता का घमंड न करें. यह उन्हें सबक है'

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MH-POLL-SAAMANA
Maha poll results a rap on knuckles of arrogant rulers: Sena
         Mumbai, Oct 25 (PTI) A day after the poll results in
Maharashtra, where the BJP put up a below-par performance, the
Shiv Sena on Friday took a dig at its senior ally, saying
there was no "maha janadesh" and the outcome was in fact a rap
on the knuckles for those high on "arrogance of power".
         Chief Minister Devendra Fadnavis had toured over 200
constituencies, out of the total 288, during his 'Maha
Janadesh Yatra' (massive mandate march) ahead of the October
21 polling. On the eve of results on October 24, Fadnavis had
talked about the saffron alliance winning 200-plus seats.
         In an editorial in its mouthpiece "Saamana", the Sena,
which also saw a drop in its 2014 tally, said the mandate has
rejected the notion that elections can be swept by engineering
defections and splitting opposition parties.
         Analysing the poll results, which saw main opposition
parties the NCP and Congress improving their tally, the
editorial said the outcome shows opponentscan'tbe finished
in politics.
         The Marathi daily said the "BJP broke the NCP" in such
a manner in run-up to elections that people wondered if the
Sharad Pawar-led party had any future.
         "But the NCP bounced back crossing the 50-seat mark,
while a leaderless Congress won 44 seats. The results were a
warning to rulers not to show arrogance of power... its a rap
on their knuckles," said the Uddhav Thackeray-led party.
         "The BJP tally came down from 122 (in 2014) to 105 (in
2019), whereas the Shiv Sena's tally also saw a decrease (from
63 to 56).
         "Twenty-five seats have gone to other smaller parties.
This shows people have said beware...if you show arrogance of
power...," the editorial said.
         The polls did not deliver "maha janadesh" (massive
mandate), the newspaper said.
         The Sena organ said the mandate has rejected the BJP's
thinking that elections can be swept by engineering defections
and splitting opposition parties.
         People have also taught a lesson to turncoats, it
said, referring to large-scale desertions from the NCP-
Congress to the ruling camp.
         Referring to the shock bypoll defeat of Udayanraje
Bhosale, who defected to the BJP after winning the Satara Lok
Sabha seat on NCP ticket in May, the Sena said "the Satara
"gaadi" (seat of power) has respect because of Chhatrapati
Shivaji Maharaj.
         The people of Satara, where bypoll was held along with
assembly elections, have shown they will not allow political
opportunism in the name of Shivaji Maharaj, the editorial
said.
         This is a personal defeat of Bhosale, a direct
descendant of the legendary 17th century Maratha warrior king,
the party said.
         The editorial wondered how the NCP-Congress got so
many seats despite the BJP and the Shiv Sena firming up a pre-
poll alliance.
         "Prime Minister Narendra Modi and Union Home Minister
Amit Shah addressed several rallies on Article 370. Modi
addressed a rally in Satara for Udayanraje.
         "Chief Minister Fadnavis declared that since
Udayanraje is now in the BJP, Chhatrapati Shivaji's blessings
are with the BJP. Still Satara defeated Udayanraje," it said.
         The Sena said Pawar proved more powerful than the BJP
chief minister.
         "There is a lesson to be learnt from this defeat (in
Satara, where the NCP won). Fadnavis said he was a powerful
wrestler but Sharad Pawar proved more powerful.
         "Maharashtra doesn't accept arrogance of power," the
editorial said and added, "Our feet were always on the
ground."
         The BJP-Sena combine bagged around 160 seats in
Maharashtra, way below their expectation of crossing the 200-
mark. PTI MR
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