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ओडिशा : भारत-चीन तनाव पर शंकराचार्य निश्चलानंद सरवती ने जताया दुख - शहीदों को श्रद्धांजलि

भारत-चीनी सैनिकों की झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. जिसपर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरवती ने दुख जताया है. साथ ही शासन से शहीदों के परिवारों की मदद करने को कहा है.

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निश्चलानंद सरवती ने जताया दुख
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Published : Jun 19, 2020, 5:34 PM IST

भुवनेश्वर : लद्दाख के गलवान घाटी में सीमा पर भारत-चीनी सैनिकों की झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, जिसको लेकर ओडिशा के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरवती ने दुख जताया है. उन्होनें कहा, 'शहीद तेरी मौत ही तेरे वतन की ज़िंदगी है'.

निश्चलानंद सरवती ने जताया दुख

शंकराचार्य निश्चलानंद सरवती ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. साथ ही कहा कि शासन को उनके परिवार की मदद करनी चाहिए.

शंकराचार्य ने बताया कि जब पहले युद्ध होता थे, तब राजा भी युद्ध में शामिल होते थे. उनको वेदना होती थी कि हम भी मारे जा सकते हैं. राजा आदेश नहीं देते थे वह युद्ध में शामिल होते थे.

पढ़े: लद्दाख के शहीदों को श्रद्धांजलि : बिहार में सिपाही जयकिशोर के सम्मान में उमड़ा जनसैलाब

उन्होनें कहा कि चीन भारत को दुर्बल ना समझे. चीन सावधान हो जाए भारत के साथ खिलवाड़ ना करे.

भुवनेश्वर : लद्दाख के गलवान घाटी में सीमा पर भारत-चीनी सैनिकों की झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, जिसको लेकर ओडिशा के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरवती ने दुख जताया है. उन्होनें कहा, 'शहीद तेरी मौत ही तेरे वतन की ज़िंदगी है'.

निश्चलानंद सरवती ने जताया दुख

शंकराचार्य निश्चलानंद सरवती ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. साथ ही कहा कि शासन को उनके परिवार की मदद करनी चाहिए.

शंकराचार्य ने बताया कि जब पहले युद्ध होता थे, तब राजा भी युद्ध में शामिल होते थे. उनको वेदना होती थी कि हम भी मारे जा सकते हैं. राजा आदेश नहीं देते थे वह युद्ध में शामिल होते थे.

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उन्होनें कहा कि चीन भारत को दुर्बल ना समझे. चीन सावधान हो जाए भारत के साथ खिलवाड़ ना करे.

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