लखनऊ : आगराः थाना सिकंदरा क्षेत्र के रुनकता में गुरुवार दोपहर जेसीबी से तालाब की खुदाई के दौरान मिट्टी की ढांग गिरने से मलबे में कुछ बच्चे दब गए. हादसे से अफरा-तफरी मच गई. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई. रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ और आठ बच्चों को निकाल कर एम्बुलेंस से अस्पताल भिजवाया गया, जहां तीन बच्चों की मौत हो गई है. आशंका है कि मलबे में अभी और बच्चे दबे हुए हैं, जिसके लिए बचाव अभियान जारी है. वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना की जानकारी होने पर तत्काल ही आगरा के उच्च अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ितों की हर संभव मदद करने और राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही उन्होंने इस घटना पर शोक व्यक्त किया है.
अवैध खनन से हुआ हादसा
स्थानीय लोगों का आरोप है कि अन्नू प्रधान और मिट्टी के ठेकेदार भोला सिकरवार चौकी के बिल्कुल पीछे अवैध रूप से मिट्टी खुदाई करा रहे थे. बताया जाता है कि शाम करीब 4:30 बजे आस-पड़ोस के 10 से 12 बच्चे पास में खड़े होकर खुदाई देखने में लगे. उसी दौरान जिस जगह बच्चे खड़े थे, वहां की मिट्टी अचानक से धंस गई, जिससे बच्चे मिट्टी के नीचे दब गए. आनन-फानन में क्षेत्रीय लोगों ने फावड़े से मिट्टी हटाकर बच्चों को निकालने की कोशिश की. लोगों ने करीब आठ बच्चों को मिट्टी के नीचे से निकाल लिया और एंबुलेंस की मदद से अस्पताल भेज दिया गया.
तीन बच्चों की मौत, अन्य गंभीर
बता दें कि एंबुलेंस से तत्काल 8 बच्चों को अस्पताल भेज दिया, जिसमें 3 बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो गई. मौत की सूचना मिलते ही बच्चों के परिजनों में चीख-पुकार मच गई है. एक तरफ उन्हें अपने बच्चों के जाने का गम है, वहीं दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन के खिलाफ भी उनका गुस्सा है.
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पुलिस ने नहीं की थी कार्रवाई
स्थानीय निवासी ताराचंद ने बताया कि कल उन्होंने रुनकता चौकी प्रभारी को बोला था, कि इस खुदाई को रुकवा दीजिए. नहीं तो कोई बड़ा हादसा हो जाएगा, लेकिन चौकी प्रभारी ने उनकी एक भी न सुनी. पुलिस की लापरवाही की सजा इन बच्चों के परिवारी जनों को भुगतनी पड़ रही है.