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चिन्मयानंद को जमानत देने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के लिए विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट - sc on chinmayanand

मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ को वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्साल्वेस ने बताया कि चिन्मयानंद को इस महीने की शुरुआत में उच्च न्यायालय द्वारा जमानत देने के आदेश को इस याचिका में चुनौती दी गई है. पीठ ने कहा कि याचिका को सूचीबद्ध करने के बारे में वह अगले हफ्ते विचार करेगी. पढे़ं पूरा विवरण...

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चिन्मयानंद
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Published : Feb 20, 2020, 12:51 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 10:45 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कहा कि बलात्कार के एक मामले में भाजपा के पूर्व सांसद स्वामी चिन्मयानंद को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने के संबंध में वह अगले हफ्ते विचार करेगा.

मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ को वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्साल्वेस ने बताया कि चिन्मयानंद को इस महीने की शुरुआत में उच्च न्यायालय द्वारा जमानत देने के आदेश को इस याचिका में चुनौती दी गई है.

पीठ ने कहा कि याचिका को सूचीबद्ध करने के बारे में वह अगले हफ्ते विचार करेगी.

चिन्मयानंद को पिछले वर्ष 20 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. उसका न्यास शाहजहांपुर लॉ कॉलेज का संचालन करता है. उसी कॉलेज में पीड़िता पढ़ती थी. चिन्मयानंद ने कथित तौर पर उसका बलात्कार किया था.

पढे़ं : शाहजहांपुर जेल से स्वामी चिन्मयानंद रिहा

लॉ की 23 वर्षीय छात्रा ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर डाली थी, उसके बाद पिछले वर्ष अगस्त में कुछ दिन तक उसका कोई पता नहीं लगा था जिसके बाद शीर्ष अदालत ने इस मामले में दखल दिया था.

शीर्ष अदालत के निर्देश पर गठित उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल ने चिन्मयानंद को गिरफ्तार किया था. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने तीन फरवरी को उसे जमानत दे दी थी.

पीड़ित छात्रा के खिलाफ भी शिकायत मिली थी कि उसने और उसके दोस्तों ने कथित तौर पर चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपये की उगाही करने की कोशिश की थी. उसने पूर्व मंत्री के मालिश करवाते वीडियो सार्वजनिक करने की भी कथित धमकी दी थी. इसके बाद एसआईटी ने छात्रा को भी गिरफ्तार कर लिया था.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कहा कि बलात्कार के एक मामले में भाजपा के पूर्व सांसद स्वामी चिन्मयानंद को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने के संबंध में वह अगले हफ्ते विचार करेगा.

मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ को वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्साल्वेस ने बताया कि चिन्मयानंद को इस महीने की शुरुआत में उच्च न्यायालय द्वारा जमानत देने के आदेश को इस याचिका में चुनौती दी गई है.

पीठ ने कहा कि याचिका को सूचीबद्ध करने के बारे में वह अगले हफ्ते विचार करेगी.

चिन्मयानंद को पिछले वर्ष 20 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. उसका न्यास शाहजहांपुर लॉ कॉलेज का संचालन करता है. उसी कॉलेज में पीड़िता पढ़ती थी. चिन्मयानंद ने कथित तौर पर उसका बलात्कार किया था.

पढे़ं : शाहजहांपुर जेल से स्वामी चिन्मयानंद रिहा

लॉ की 23 वर्षीय छात्रा ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर डाली थी, उसके बाद पिछले वर्ष अगस्त में कुछ दिन तक उसका कोई पता नहीं लगा था जिसके बाद शीर्ष अदालत ने इस मामले में दखल दिया था.

शीर्ष अदालत के निर्देश पर गठित उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल ने चिन्मयानंद को गिरफ्तार किया था. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने तीन फरवरी को उसे जमानत दे दी थी.

पीड़ित छात्रा के खिलाफ भी शिकायत मिली थी कि उसने और उसके दोस्तों ने कथित तौर पर चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपये की उगाही करने की कोशिश की थी. उसने पूर्व मंत्री के मालिश करवाते वीडियो सार्वजनिक करने की भी कथित धमकी दी थी. इसके बाद एसआईटी ने छात्रा को भी गिरफ्तार कर लिया था.

Last Updated : Mar 1, 2020, 10:45 PM IST
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