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महात्मा गांधी को भारत रत्न देने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई नहीं करेगा सुप्रीम कोर्ट - याचिकाकर्ता अनिल दत्ता शर्मा

उच्चतम न्यायालय ने महात्मा गांधी को 'भारत रत्न' देने को लेकर दायर जनहित याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता अनिल दत्ता शर्मा से वह इस संबंध में केन्द्र सरकार को अपना प्रतिवेदन देने को कहा है.

महात्मा गांधी  ( फाइल फोटो)
महात्मा गांधी ( फाइल फोटो)
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Published : Jan 17, 2020, 4:08 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने महात्मा गांधी को 'भारत रत्न' देने को लेकर दायर जनहित याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इंकार कर दिया.न्यायालय ने कहा कि देश की जनता राष्ट्रपिता को किसी औपचारिक सम्मान से परे उच्च सम्मान देती है.

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने याचिकाकर्ता अनिल दत्ता शर्मा से कहा कि वह इस संबंध में केन्द्र सरकार को अपना प्रतिवेदन दें.

पीठ ने कहा, 'महात्मा गांधी राष्ट्रपिता हैं और जनता उन्हें किसी औपचारिक सम्मान से भी ज्यादा उच्च स्थान पर रखती है.'

पीठ ने कहा कि राष्ट्रपिता को भारत रत्न से सम्मानित करने का सरकार को निर्देश देने का मुद्दा न्याययोग्य विषय नहीं है.

हालांकि, पीठ ने कहा कि वह महात्मा गांधी को आधिकारिक अलंकरण से सम्मानित करने के लिए याचिकाकर्ता की भावनाओं से सहमत है.

पढ़ें- गोवा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्मण कार्य को SC की हरी झंडी

पीठ ने इसके साथ ही गोवा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्मण कार्य को SC की हरी झंडीयाचिका का निबटारा करते हुए कहा, 'हम आपको इस संबंध में केन्द्र को प्रतिवेदन देने की अनुमति देंगे.'

शर्मा ने अपनी याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया था कि महात्मा गांधी के राष्ट्र के प्रति योगदान के लिये उन्हें आधिकारिक अलंकरण से सम्मानित करने का सरकार को निर्देश दिया जाए.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने महात्मा गांधी को 'भारत रत्न' देने को लेकर दायर जनहित याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इंकार कर दिया.न्यायालय ने कहा कि देश की जनता राष्ट्रपिता को किसी औपचारिक सम्मान से परे उच्च सम्मान देती है.

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने याचिकाकर्ता अनिल दत्ता शर्मा से कहा कि वह इस संबंध में केन्द्र सरकार को अपना प्रतिवेदन दें.

पीठ ने कहा, 'महात्मा गांधी राष्ट्रपिता हैं और जनता उन्हें किसी औपचारिक सम्मान से भी ज्यादा उच्च स्थान पर रखती है.'

पीठ ने कहा कि राष्ट्रपिता को भारत रत्न से सम्मानित करने का सरकार को निर्देश देने का मुद्दा न्याययोग्य विषय नहीं है.

हालांकि, पीठ ने कहा कि वह महात्मा गांधी को आधिकारिक अलंकरण से सम्मानित करने के लिए याचिकाकर्ता की भावनाओं से सहमत है.

पढ़ें- गोवा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्मण कार्य को SC की हरी झंडी

पीठ ने इसके साथ ही गोवा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्मण कार्य को SC की हरी झंडीयाचिका का निबटारा करते हुए कहा, 'हम आपको इस संबंध में केन्द्र को प्रतिवेदन देने की अनुमति देंगे.'

शर्मा ने अपनी याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया था कि महात्मा गांधी के राष्ट्र के प्रति योगदान के लिये उन्हें आधिकारिक अलंकरण से सम्मानित करने का सरकार को निर्देश दिया जाए.

Intro:A PIL seeking Bharat Ratna for Mahatma Gandhi was heard today by the bench comprising of the Chief Justice Of India, SA Bobde, Justice Surya Kant and Justice BR Gavai. The petitioner prayed that Gandhi should be awarded Bharat Ratna for his contribution in building the nation.


Body:CJI Bobde said that Mahatma Gandhi is beyond such recognitions and if the PIL was for a justiciable cause. CJI said that the bench shares the sentiment of the petitioner but the application wasn't proper and couldn't be made as it is.

The bench gave liberty to the petitioner to withdraw his case and make an appropriate representation before the Central government.


Conclusion:
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