नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से चार सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है. कोर्ट ने ममता बनर्जी की सरकार को राज्य में भाजपा कार्यकर्ता दुलाल की मौत से संबंधित मामले में पक्षकार बनाया गया है. मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश एस बोबेड़े की अध्यक्षता वाली कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता की याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा है, हालांकि कोर्ट ने तुरंत सीबाआई जांच का आदेश देने से मना कर दिया है.
गौरतलब है कि वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया ने सुप्रीम कोर्ट में समाचार पत्रों के रिपोर्ट के आधार पर जनहित याचिका दायर की थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा नेता की हत्या का एफआईआर दर्ज नहीं किया गया था न ही शव का पोस्टमार्टम किया गया था. आरोपी का सत्ताधारी पार्टी से संपर्क था.
याचिका में कहा गया कि बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) के दबाव के कारण मामले का सही तरीके से जांच नहीं किया गया.
पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले में 73 लोगों की गवाही हुई, लेकिन कुछ भी नहीं पता चला.
उन्होंने पूछा कि यदि समाचार पत्र की रिपोर्टों पर आधारित एक जनहित याचिका न्यायालय का मनोरंजन हो सकता है.
सिब्बल ने कहा कि जज साहब आपको यह तय करना होगा कि समाचार पत्रों की रिपोर्ट के आधार पर किसी राजनीतिक दल के सदस्य द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार किया जाना चाहिए या नहीं.
CJI ने उन्हें जवाब दिया कि विपक्षी दल भी इस मंच का उपयोग कर रहे हैं.
अधिवक्ता भाटिया ने दुलाल कुमार के परिवार से भी सुरक्षा मांगी, जिसके लिए सीजेआई ने उन्हें राज्य में आयुक्त से संपर्क करने का निर्देश दिया.
गौरतलब है कि जून, 2018 में भाजपा दुलाल कुमार का शव पुरुलिया जिले में एक ट्रांसमिशन टावर पर लटका हुआ पाया गया था.