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भाजपा कार्यकर्ता की मौत मामला : सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा है. ममता बनर्जी की सरकार को राज्य में भाजपा कार्यकर्ता की मौत से संबंधित मामले में पक्षकार बनाया गया है. बता दें सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता गौरव भाटिया की याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा है.

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ममता बनर्जी
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Published : Jan 27, 2020, 2:29 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 3:34 AM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से चार सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है. कोर्ट ने ममता बनर्जी की सरकार को राज्य में भाजपा कार्यकर्ता दुलाल की मौत से संबंधित मामले में पक्षकार बनाया गया है. मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश एस बोबेड़े की अध्यक्षता वाली कर रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता की याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा है, हालांकि कोर्ट ने तुरंत सीबाआई जांच का आदेश देने से मना कर दिया है.

गौरतलब है कि वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया ने सुप्रीम कोर्ट में समाचार पत्रों के रिपोर्ट के आधार पर जनहित याचिका दायर की थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा नेता की हत्या का एफआईआर दर्ज नहीं किया गया था न ही शव का पोस्टमार्टम किया गया था. आरोपी का सत्ताधारी पार्टी से संपर्क था.

याचिका में कहा गया कि बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) के दबाव के कारण मामले का सही तरीके से जांच नहीं किया गया.

पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले में 73 लोगों की गवाही हुई, लेकिन कुछ भी नहीं पता चला.

उन्होंने पूछा कि यदि समाचार पत्र की रिपोर्टों पर आधारित एक जनहित याचिका न्यायालय का मनोरंजन हो सकता है.

सिब्बल ने कहा कि जज साहब आपको यह तय करना होगा कि समाचार पत्रों की रिपोर्ट के आधार पर किसी राजनीतिक दल के सदस्य द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार किया जाना चाहिए या नहीं.

CJI ने उन्हें जवाब दिया कि विपक्षी दल भी इस मंच का उपयोग कर रहे हैं.

अधिवक्ता भाटिया ने दुलाल कुमार के परिवार से भी सुरक्षा मांगी, जिसके लिए सीजेआई ने उन्हें राज्य में आयुक्त से संपर्क करने का निर्देश दिया.

गौरतलब है कि जून, 2018 में भाजपा दुलाल कुमार का शव पुरुलिया जिले में एक ट्रांसमिशन टावर पर लटका हुआ पाया गया था.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से चार सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है. कोर्ट ने ममता बनर्जी की सरकार को राज्य में भाजपा कार्यकर्ता दुलाल की मौत से संबंधित मामले में पक्षकार बनाया गया है. मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश एस बोबेड़े की अध्यक्षता वाली कर रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता की याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा है, हालांकि कोर्ट ने तुरंत सीबाआई जांच का आदेश देने से मना कर दिया है.

गौरतलब है कि वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया ने सुप्रीम कोर्ट में समाचार पत्रों के रिपोर्ट के आधार पर जनहित याचिका दायर की थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा नेता की हत्या का एफआईआर दर्ज नहीं किया गया था न ही शव का पोस्टमार्टम किया गया था. आरोपी का सत्ताधारी पार्टी से संपर्क था.

याचिका में कहा गया कि बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) के दबाव के कारण मामले का सही तरीके से जांच नहीं किया गया.

पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले में 73 लोगों की गवाही हुई, लेकिन कुछ भी नहीं पता चला.

उन्होंने पूछा कि यदि समाचार पत्र की रिपोर्टों पर आधारित एक जनहित याचिका न्यायालय का मनोरंजन हो सकता है.

सिब्बल ने कहा कि जज साहब आपको यह तय करना होगा कि समाचार पत्रों की रिपोर्ट के आधार पर किसी राजनीतिक दल के सदस्य द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार किया जाना चाहिए या नहीं.

CJI ने उन्हें जवाब दिया कि विपक्षी दल भी इस मंच का उपयोग कर रहे हैं.

अधिवक्ता भाटिया ने दुलाल कुमार के परिवार से भी सुरक्षा मांगी, जिसके लिए सीजेआई ने उन्हें राज्य में आयुक्त से संपर्क करने का निर्देश दिया.

गौरतलब है कि जून, 2018 में भाजपा दुलाल कुमार का शव पुरुलिया जिले में एक ट्रांसमिशन टावर पर लटका हुआ पाया गया था.

Intro:The Supreme Court bench led by the Chief Justice of India, SA Bobde, issued notice to the West Bengal government, ruled by the Trinamool Congress Party(TMC) , in response to a petition filed by the BJP leader and senior advocate Gaurav Bhatia seeking CBI investigation into the killing of BJP worker Dulal Kumar. The court directed the state to file a reply in 4 weeks and refused to allow CBI investigation as of now.


Body:Senior Advoacate Gaurav Bhatia, who had filed a PIL based on newspapers report, said that no FIR was registered, no post mortem was conducted and the ruling party has close association with the accused. He said that there is a political pressure of the ruling party TMC in the case due to which the case hasn't been investigated properly.

Senior Advocate Kapil Sibal, who appeared for the West Bengal government, contended that 73 wittnesses had been examined in the case and nothing was found. He also asked if a PIL based on newspapers reports can be entertained by the court. One day my lords you have to decide whether PILs filed by a political party member based on newspapers reports should be entertained or not, said Sibal. CJI countered him saying that opposition parties are also using this forum.

Bhatia also asked for security to the family of Kumar, to which CJI directed him to approach the commissioner in the state.


Conclusion:Dulal Kumar was a BJP worker who was found hanging from power transmission tower in Purulia district in june,2018.
Last Updated : Feb 28, 2020, 3:34 AM IST
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