नई दिल्ली: पुडुचेरी में मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच अधिकार क्षेत्र को लेकर जारी विवाद में एक नया मोड़ आ गया है. सर्वोच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री वी.नारायणसामी को नोटिस जारी किया और निर्देश दिया कि वित्तीय प्रभाव या भूमि स्थानांतरण से संबंधित मंत्रिमंडल का कोई भी निर्णय सुनवाई की अगली तिथि तक लागू नहीं किया जाएगा.
न्यायमूर्ति एम.आर.शाह व इंदु मल्होत्रा की पीठ ने कहा कि सात जून को प्रस्तावित मंत्रिमंडल की बैठक में लिए जाने वाले वित्तीय प्रभाव या भूमि हस्तांतरण से संबंधित किसी भी निर्णय को लागू नहीं किया जा सकता है. मंत्रिमंडल निर्णय ले सकता है, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सकता.
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शीर्ष अदालत में मामले की अगली सुनवाई की तिथि 21 जून है. अदालत ने मुख्यमंत्री को एक पक्ष के रूप में पेश होने और उन्हें नोटिस भेजने का आदेश जारी किया.
शीर्ष अदालत ने 28 मई को पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी की याचिका पर सुनवाई पर सहमति जताई. इस याचिका में केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनिक नियंत्रण पर स्पष्टता की मांग की गई है.
बेदी ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि शीर्ष अदालत द्वारा मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर नोटिस जारी करने से पुडुचेरी के सरकारी अधिकारी बंधन में फंस गए हैं. मद्रास उच्च न्यायालय ने बेदी के अधिकारों पर प्रतिबंध लगाया था.
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बेदी के वकील गगन गुप्ता ने याचिका में तर्क दिया, 'केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के प्रशासनिक कामकाज के संबंध में यथास्थिति बनाई रखी जाए, जो कि 30 अप्रैल के आदेश (मद्रास उच्च न्यायालय आदेश) से प्रभावित हो रही है.'
किरण बेदी के मई 2016 में पद संभालने के बाद से बेदी व नारायणसामी प्रशासनिक मुद्दे को लेकर आपस में भिड़े हुए हैं.