नई दिल्ली : निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक विनय शर्मा ने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका खारिज करने के फैसले को मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी. विनय शर्मा ने यह याचिका अपने वकील ए.पी. सिंह के जरिये दायर की है.
बता दें, इस याचिका में शर्मा के वकील ने वकील ए.पी. सिंह ने मौत की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील करने का आग्रह किया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गत एक फरवरी को विनय की क्षमादान याचिका को खारिज कर दिया था.
केंद्र की अपील पर शीर्ष अदालत ने चारों दोषियों को जारी किया नोटिस
इस बीच दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय ने निर्भया मामले में चारों दोषियों को नोटिस जारी किया है. मामले पर सुनवाई 13 फरवरी को होगी.
केंद्र ने इन दोषियों को फांसी पर लटकाने पर रोक लगाने के खिलाफ उसकी याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी.
फांसी स्थगित करने के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ केंद्र की अपील पर उच्चतम न्यायालय ने चार दोषियों को नोटिस जारी किया.
न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने प्राधिकारियों को चारों दोषियों की मौत की सजा पर अमल के लिए नई तारीख निर्धारित करने के लिए निचली अदालत जाने की छूट भी प्रदान की.
केंद्र और दिल्ली सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इन दोषियों की मौत की सजा पर अमल ‘खुशी’ के लिए नहीं है और प्राधिकारी तो कानून के आदेश पर ही अमल कर रहे हैं.
उच्चतम न्यायालय ने कहा- फांसी की नई तारीख निर्धारित कर सकती निचली अदालत
वहीं उच्चतम न्यायालय ने कहा कि केंद्र की याचिका का लंबित होना फांसी की नई तारीख प्रदान करने को लेकर निचली अदालत के लिए अवरोधक नहीं होगा.
उच्चतम न्यायालय ने प्राधिकारों को चार दोषियों की फांसी के लिए नयी तारीख जारी करने के वास्ते निचली अदालत का रुख करने की मंजूरी दी.