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सरकार जल्द लागू करे ऋण माफी योजना : उच्चतम न्यायालय

उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को जल्द से जल्द ऋण माफी योजना लागू करने को कहा है. न्यायालय ऋण माफी की अवधि के दौरान ब्याज पर छूट की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.

SC on LOAN WAIVER
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Published : Oct 14, 2020, 7:31 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज ऋण माफी की अवधि के दौरान ब्याज पर छूट की मांग वाली याचिकाओं की सुनवाई को टाल दिया. सुनवाई के दौरन न्यायालय ने यह भी कहा कि उसे यह उम्मीद है कि सरकार दो नवंबर तक अपनी ऋण माफी योजना लागू कर देगी.

बता दें कि, सरकार ने दो करोड़ रुपये तक के ऋणों के लिए ब्याज माफ करने पर सहमति व्यक्त की थी. केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को सूचित किया कि इसे 15 नवंबर तक लागू किया जाएगा और वह इसे पहले लागू करने की कोशिश कर रहे हैं.

इस पर न्यायालय ने फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार ने पहले ही निर्णय ले लिया है, तो एक साधारण छूट योजना को प्रभावित करने में पूरे एक महीने का समय क्यों लगेगा. सरकार ने अभी तक किसी भी बैंक या आरबीआई को कोई आदेश जारी नहीं किया है. सरकार ने केवल एक शपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें कहा गया है कि वह कुछ विशेष श्रेणियों में दो करोड़ तक के ऋण के लिए छूट का भार वहन करेगी.

पढ़ें-कर माफी योजना सबका विश्वास का लाभ उठाने से अभी तक दूर हैं बड़े करदाता

इस बीच याचिकाकर्ताओं के वकील ने अदालत को सूचित किया कि बैंकों ने पहले ही ब्याज पर बकाया वसूलना शुरू कर दिया है और इसे रोकना होगा.

अदालत ने कहा कि उन्हें एनपीए या नॉन पर्फामिंग लोन के रूप में वर्गीकृत नहीं किए जाने के लिए प्रावधान लाए गए हैं. वहीं सरकार ने छूट को लेकर एक रोडमैप तैयार किया है, जिसे जल्द लागू किया जाएगा. बैंकों ने न्यायालय को बताया कि सरकार द्वारा तैयार किए गए रोडमैप को लागू करने की प्रक्रिया चल रही है और उन्हें आरबीआई से हरी झंडी का इंतजार है. मामले पर अगली सुनवाई दो नवंबर को होगी.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज ऋण माफी की अवधि के दौरान ब्याज पर छूट की मांग वाली याचिकाओं की सुनवाई को टाल दिया. सुनवाई के दौरन न्यायालय ने यह भी कहा कि उसे यह उम्मीद है कि सरकार दो नवंबर तक अपनी ऋण माफी योजना लागू कर देगी.

बता दें कि, सरकार ने दो करोड़ रुपये तक के ऋणों के लिए ब्याज माफ करने पर सहमति व्यक्त की थी. केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को सूचित किया कि इसे 15 नवंबर तक लागू किया जाएगा और वह इसे पहले लागू करने की कोशिश कर रहे हैं.

इस पर न्यायालय ने फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार ने पहले ही निर्णय ले लिया है, तो एक साधारण छूट योजना को प्रभावित करने में पूरे एक महीने का समय क्यों लगेगा. सरकार ने अभी तक किसी भी बैंक या आरबीआई को कोई आदेश जारी नहीं किया है. सरकार ने केवल एक शपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें कहा गया है कि वह कुछ विशेष श्रेणियों में दो करोड़ तक के ऋण के लिए छूट का भार वहन करेगी.

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इस बीच याचिकाकर्ताओं के वकील ने अदालत को सूचित किया कि बैंकों ने पहले ही ब्याज पर बकाया वसूलना शुरू कर दिया है और इसे रोकना होगा.

अदालत ने कहा कि उन्हें एनपीए या नॉन पर्फामिंग लोन के रूप में वर्गीकृत नहीं किए जाने के लिए प्रावधान लाए गए हैं. वहीं सरकार ने छूट को लेकर एक रोडमैप तैयार किया है, जिसे जल्द लागू किया जाएगा. बैंकों ने न्यायालय को बताया कि सरकार द्वारा तैयार किए गए रोडमैप को लागू करने की प्रक्रिया चल रही है और उन्हें आरबीआई से हरी झंडी का इंतजार है. मामले पर अगली सुनवाई दो नवंबर को होगी.

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