नई दिल्लीः नीति आयोग की संचालन परिषद की पांचवी बैठक पीएम की अध्यक्षता में संपन्न हुई. जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बैठक में कहा, उभरती पंचायती राज व्यवस्था राज्य में बदलाव की अग्रदूत बनेगी जहां जमीनी लोकतंत्र के माध्यम से लोगों का सशक्तीकरण एक बहुत बड़ी उपलब्धि रहा है.
मलिक ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में नीति आयोग की संचालन परिषद की पांचवीं बैठक में आये लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में उथल-पुथल के दौर में आम नागरिक परेशान हो रहे हैं और विकास तथा सक्षम शासन पर ध्यान दे रहे हैं.
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक जीत ने जम्मू कश्मीर के लोगों को उम्मीद दी है कि केंद्र सरकार शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कदम उठाएगी और राज्य को त्वरित विकास और समृद्धि के पथ पर लौटाएगी.
उन्होंने कहा, 'राज्य में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के माध्यम से लोगों का सशक्तीकरण सबसे बड़ी उपलब्धियों में शामिल रहा है. '
मलिक ने कहा कि राज्य में लंबे समय के बाद पिछले साल अक्टूबर में शहरी निकायों के चुनाव हुए थे और नवंबर-दिसंबर में अब तक के दूसरे पंचायत चुनाव हुए थे.
उन्होंने कहा, 'हमें विश्वास है कि उभरती पंचायती राज व्यवस्था भविष्य में जम्मू कश्मीर में बदलाव का अग्रदूत बनेगी.
राज्यपाल ने कहा कि मुख्यधारा के दलों और हुर्रियत द्वारा चुनाव के बहिष्कार के आह्वान और आतंकवादी संगठनों द्वारा जान से मारने की धमकी के बावजूद लोगों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के चुनाव के लिए वोट डाले.
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उन्होंने कहा, 'मतदान प्रतिशत 74 रहा. इसी राज्य में दो साल पहले एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव नहीं हो सका था। इस चुनाव में किसी की जान नहीं गयी.
राज्यपाल ने कहा, 'आज राज्य में जीवंत पंचायती राज और नगर निकाय व्यवस्था है.'
मलिक ने कहा, 'जन आकांक्षाओं का यह उत्थान हमें भविष्य के लिए उम्मीद देता है.'
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर पिछले 30 साल से सशस्त्र आतंकवाद से पीड़ित है जिसमें अधिकतर बाहरी तत्व हैं।
मलिक ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई आतंकियों के दरवाजे पर पहुंच गयी है जो अब बैकफुट पर हैं.
उन्होंने बताया कि पिछले साल कई आतंकवादियों को मार गिराने के बाद इस साल 110 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया गया। नये आतंकियों की भर्ती तेजी से कम हो रही है.
मलिक ने आगे कहा कि राज्य 20 जून से 27 जून तक सप्ताह भर लंबा 'बैक टू द विलेज सप्ताह आयोजित कर रहा है. राज्य के सभी राजपत्रित अधिकारी दो दिनों तक पंचायत में रहेंगे.'