नई दिल्ली: रेमन मैग्सेसे अवार्ड विजेता संदीप पांडे ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार हर वो आवाज दबा देना चाहती है जो उसके खिलाफ होती है. उन्होंने कहा देश में लोकतंत्र महज एक शब्द बनकर रह गया है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश में कोई भी सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है उसे खामोश कर दिया जाता है. उन्होंने आगे कहा कि जहां तक लोकतंत्र का सवाल है वो सिर्फ सरकार के हाथों का खिलौना बनकर रह गई है.
जम्मू कश्मीर को लेकर पांडे ने केंद्र सरकार की जमकर निंदा की. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाकर सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने जम्मू कश्मीर को दो हिस्सो में बांट कर गलती की है. हम इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे.
पांडे ने आगे कहा कि शेख अब्दुल्ला को सरकार ने नजरबंद कर लिया है वो तो धर्मनिरपेक्ष हैं. वो बड़ी बेचैनी के साथ जिंदगी गुजार रहे हैं. उनके कारण ही कश्मीर भारत से जुढ़ा है न कि पाकिस्तान से. उन्होंने वहां भूमि सुधार आंदोलन चलाया, जिससे वहां का लोगों का विकास हुआ.
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 ही कश्मीर को विकासशील बनाती है. कश्मीर पहले से ही भारत के अन्य राज्यों से अधिक विकासशील था. गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे अन्य राज्य कश्मीर से काफी पीछे हैं.
अयोध्या में नजरबंद किए जाने पर संदीप पांडे ने कहा कि इस बात को लेकर वो खुद हैरान है. वो 11 तारीख को कश्मीर के समर्थन में होने वाले कैंडिल मार्च को पुलिस ने उनसे आगे बढ़ाने की मांग की. जिसके बाद उन्होंने 16 अगस्त को कैंडिल मार्च निकालने का फैसला लेकिन प्रदर्शन निकालने से पहले ही उनको पुलिस ने नजरबंद कर लिया.
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें लगता है कि अब अगर आप भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से अलग सोच रखते हैं तो आप किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते.
पांडे ने बताया कि कश्मीर की विधाान सभा में 22 सीटें हुआ करती थी, क्योंकि यह माना जाता था कि अगर कभी पाक अधिकृत कश्मीर (POK) भारत में शामिल होगा तो वहां के विधायक भी कश्मीर विधान सभा में शामिल होंगे.
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बकौल पांडे अब जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाकर सरकार ने इस बात का दावा खत्म कर दिया है कि POK पर भारत का अधिकार है, ये कश्मीर के लोगों की भावना के खिलाफ है.