नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिलने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव अपनी पार्टी के हालात सुधारें, अभी गठबंधन पर यह स्थाई ब्रेक नहीं है. वहीं इस पर अखिलेश ने भी प्रतिक्रिया दी है.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, 'यदि गठबंधन टूट गया है, तो मैं इस पर गहराई से विचार करूंगा और अगर उप-चुनाव में गठबंधन नहीं होता है, तो समाजवादी पार्टी चुनाव की तैयारी करेगी. सपा भी अकेले सभी 11 सीटों पर लड़ेगी.'
दरअसल, मायावती ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में सपा का बेस यानी यादवों के वोट ही उन्हें (सपा को) नहीं मिले. खुद डिंपल यादव और उनके बड़े नेता चुनाव हार गए. यह चिंता का विषय है.
मायावती ने कहा, 'जब से सपा-बसपा गठबंधन हुआ, तब से अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल ने मुझे काफी सम्मान दिया. मैंने भी राष्ट्रहित के लिए सारे मतभेद भुलाकर उन्हें सम्मान दिया था. हमारे रिश्ते केवल राजनीतिक नहीं थे. मैंने उन्हें परिवार की तरह पूरा आदर दिया और यह सम्मान हर सुख-दुख की घड़ी में बना रहेगा. लेकिन राजनीतिक हालात को दरकिनार नहीं किया जा सकता.'
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लोकसभा चुनाव के नतीजों का हवाला देते हुए बसपा प्रमुख ने कहा, 'लोकसभा के जो नतीजे सामने आए, इससे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि लोकसभा चुनाव में सपा का बेस वोट पूरी तरह गठबंधन के साथ खड़ा नहीं रहा. बसपा और सपा का बेस वोट जुड़ने से इन उम्मीदवारों को कभी नहीं हारना चाहिए था. सपा का बेस वोट खुद उनसे छिटक गया है तो बसपा को उनका वोट कैसे मिला होगा.'