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कर्नाटक : कोरोना लॉकडाउन से बदली यौनकर्मियों की जिंदगी

कर्नाटक के हासन शहर में कोरोना लॉकडाउन के कारण यौनकर्मियों का जीवन पूरी तरह बदल गया है. यहां 1400 से अधिक यौनकर्मियों ने मिलकर घरेलू उत्पाद बनाने के लिए एक संगठन बनाया है. ये सभी अब देह व्यापार छोड़कर घरेलू उत्पाद बना रही हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 10, 2020, 8:20 PM IST

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सांकेतिक चित्र

हासन : कोरोना लॉकडाउन का असर यौनकर्मियों पर भी पड़ा है. कर्नाटक के हासन शहर में कोरोना लॉकडाउन के कारण यौनकर्मियों का जीवन पूरी तरह बदल गया है.

हासन में यौनकर्मियों को रेड ब्यूटीज के नाम से बुलाया जाता है. पिछले तीन दशकों से यहां के रेड लाइट एरिया में 1400 से अधिक यौनकर्मी महिलाएं काम करती थीं. जिससे उनके परिवार की आजीविका चलती थी.

कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन की घोषणा के बाद 1400 से अधिक यौनकर्मियों के सामने आजीविका संकट पैदा हो गया. इसके बाद इन यौनकर्मियों ने मिलकर घरेलू उत्पाद बनाने के लिए एक संगठन बनाया. वर्तमान में ये महिलाएं घरेलू उत्पाद बना रही हैं और राज्य सरकार सीधे उनका उत्पाद खरीदती है.

ईटीवी भारत ने इससे पहले इन यौनकर्मियों के पीछे की कहानी और लॉकडाउन में उनकी समस्याओं को लोगों तक पहुंचाया था. लॉकडाउन में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इनकी मदद की. जिसके कारण इनकी जिंदगियां बदल गईं.

पढ़ें : सोना तस्करी मामले में स्वप्ना सुरेश के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि युवतियों के सौदे के कारण बाद में वे यौनकर्मी (सेक्स वर्कर) बन जाती हैं.

हासन : कोरोना लॉकडाउन का असर यौनकर्मियों पर भी पड़ा है. कर्नाटक के हासन शहर में कोरोना लॉकडाउन के कारण यौनकर्मियों का जीवन पूरी तरह बदल गया है.

हासन में यौनकर्मियों को रेड ब्यूटीज के नाम से बुलाया जाता है. पिछले तीन दशकों से यहां के रेड लाइट एरिया में 1400 से अधिक यौनकर्मी महिलाएं काम करती थीं. जिससे उनके परिवार की आजीविका चलती थी.

कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन की घोषणा के बाद 1400 से अधिक यौनकर्मियों के सामने आजीविका संकट पैदा हो गया. इसके बाद इन यौनकर्मियों ने मिलकर घरेलू उत्पाद बनाने के लिए एक संगठन बनाया. वर्तमान में ये महिलाएं घरेलू उत्पाद बना रही हैं और राज्य सरकार सीधे उनका उत्पाद खरीदती है.

ईटीवी भारत ने इससे पहले इन यौनकर्मियों के पीछे की कहानी और लॉकडाउन में उनकी समस्याओं को लोगों तक पहुंचाया था. लॉकडाउन में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इनकी मदद की. जिसके कारण इनकी जिंदगियां बदल गईं.

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सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि युवतियों के सौदे के कारण बाद में वे यौनकर्मी (सेक्स वर्कर) बन जाती हैं.

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