सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के सिलसिले में गिरफ्तार सदफ और दारापुरी को मिली जमानत - नागरिकता संशोधन कानून
सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के सिलसिले में गिरफ्तार पूर्व आईपीएस दारापुरी और समाजिक कार्यकर्ता सदफ जाफर को और 13 अन्य को जमानत दे दी. इसके साथ ही अदालत उनसे 50-50 हजार रुपये की जमानत राशि और इतनी राशि का निजी मुचलका भरने को कहा है. पढ़ें पूरी खबर.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के सिलसिले में गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जफर, पूर्व आईपीएस अधिकारी एस आर दारापुरी और 13 अन्य को एक स्थानीय अदालत ने शनिवार को जमानत दे दी.
अपर सत्र न्यायाधीश एस एस पाण्डेय की अदालत ने सदफ, दारापुरी और 13 अन्य से 50-50 हजार रुपये की जमानत राशि और इतनी राशि का निजी मुचलका भरने को कहा है.
इससे पहले शुक्रवार को अदालत ने सदफ, दारापुरी और अन्य की जमानत याचिका पर अपना फैसला शुक्रवार को सुरक्षित कर दिया था.
अदालत ने उनकी व्यक्तिगत अर्जी पर सुनवाई की और सरकारी वकील का पक्ष भी सुना. इसके बाद फैसला सुरक्षित कर दिया. जिनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई उनमें मोहम्मद नसीम, मोहम्मद शोएब, नफीस, पवन राय अंबेडकर, शाह फ़ैज़ और मोहम्मद अजीज भी शामिल हैं.
सरकारी वकील दीपक यादव ने बताया कि हजरतगंज पुलिस ने उक्त आरोपियों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति क्षति रोकथाम कानून सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था.
आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था.
आरोपियों की ओर से व्यक्तिगत रूप से दाखिल जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए अदालत ने आरोपियों को निर्देश दिया कि वह जांच में सहयोग करें और जब बुलाया जाए तो जांच अधिकारी के समक्ष पेश हों.
अदालत ने यह निर्देश भी दिया कि आरोपी किसी अपराध में ना लिप्त हों और ना ही किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश करें.
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जमानत के आदेश में अदालत ने अभियोजन पक्ष को भी सुना और कहा कि फिलहाल आरोपियों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान आगजनी में शामिल होने को लेकर कोई स्पष्ट साक्ष्य नहीं है. पुलिस और साक्ष्य एकत्र करने की कोशिश कर रही है क्योंकि जांच अभी चल रही है.
Print Printपीटीआई-भाषा संवाददाता 21:28 HRS IST
सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के सिलसिले में गिरफ्तार सदफ और दारापुरी को मिली जमानत
लखनउ, चार जनवरी (भाषा) राजधानी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के सिलसिले में गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जफर, पूर्व आईपीएस अधिकारी एस आर दारापुरी और 13 अन्य को एक स्थानीय अदालत ने शनिवार को जमानत दे दी ।
अपर सत्र न्यायाधीश एस एस पाण्डेय की अदालत ने सदफ, दारापुरी और 13 अन्य से पचास पचास हजार रूपये की जमानत राशि और इतनी राशि का निजी मुचलका भरने को कहा है ।
इससे पहले शुक्रवार को अदालत ने सदफ, दारापुरी और अन्य की जमानत याचिका पर अपना फैसला शुक्रवार को सुरक्षित कर दिया था।
अदालत ने उनकी व्यक्तिगत अर्जी पर सुनवाई की और सरकारी वकील का पक्ष भी सुना। इसके बाद फैसला सुरक्षित कर दिया।
जिनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई उनमें मोहम्मद नसीम, मोहम्मद शोएब, नफीस, पवन राय अंबेडकर, शाह फ़ैज़ और मोहम्मद अजीज भी शामिल हैं।
सरकारी वकील दीपक यादव ने बताया कि हजरतगंज पुलिस ने उक्त आरोपियों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति क्षति रोकथाम कानून सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था।
आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।
आरोपियों की ओर से व्यक्तिगत रूप से दाखिल जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए अदालत ने आरोपियों को निर्देश दिया कि वे जांच में सहयोग करें और जब बुलाया जाए तो जांच अधिकारी के समक्ष पेश हों।
अदालत ने यह निर्देश भी दिया कि आरोपी किसी अपराध में ना लिप्त हों और ना ही किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश करें।
जमानत के आदेश में अदालत ने अभियोजन पक्ष को भी सुना और कहा कि फिलहाल आरोपियों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान आगजनी में शामिल होने को लेकर कोई स्पष्ट साक्ष्य नहीं है। पुलिस और साक्ष्य एकत्र करने की कोशिश कर रही है क्योंकि जांच अभी चल रही है।
Conclusion: