नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले के आरोपी और सांसद इंजीनियर रशीद की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए एनआईए को नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 30 जनवरी को करने का आदेश दिया.
इंजीनियर रशीद ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जमानत की मांग की है. इंजीनियर रशीद ने याचिका दायर कर पटियाला हाउस कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें पटियाला हाउस कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था. याचिका में हाईकोर्ट से मांग की गई है कि उसकी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई की जाए. बता दें कि 24 दिसंबर 2024 को पटियाला हाउस कोर्ट ने इंजीनियर रशीद की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था. उसके पहले इंजीनियर रशीद ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर संसद के शीतकालीन सत्र में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी.
राशिद इंजीनियर को 2016 में किया गया था गिरफ्तार: बता दें कि राशिद इंजीनियर ने 28 अक्टूबर 2024 को तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था. 10 सितंबर 2024 को पटियाला हाउस कोर्ट ने राशिद इंजीनियर को जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के लिए 2 अक्टूबर 2024 तक अंतरिम जमानत दी थी. उसके बाद से कोर्ट राशिद इंजीनियर की दो बार अंतरिम जमानत बढ़ाई थी. राशिद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की है. रशीद इंजीनियर को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था.
टेरर फंडिंग का आरोप: पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को कोर्ट ने हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया.1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.
क्या है पूरा मामला: एनआईए के मुताबिक हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया. इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया. इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था.