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केरल : सबरीमाला सन्निधाम मकरवक्किलु के लिए पूरी तरह से तैयार

सबरीमाला सन्निधाम मकरवक्किलु के लिए पूरी तरह से तैयार है. मकरविलक्कु पूजा से पहले शुद्धि अनुष्ठान वैदिक प्रमुख कंदरारू राजीवुआर के नेतृत्व में पुजारियों द्वारा किया गया. 13 जनवरी को उचा पूजा (दोपहर की पूजा) के समय बिंब शुद्धि क्रिया (देवता की शुद्धि) भी की गई थी.

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Published : Jan 14, 2021, 3:11 PM IST

सबरीमाला : केरल का सबरीमाला अय्यप्पा मंदिर गुरुवार को मकरविलक्कू के लिए तैयार कर लिया गया है. मकरविलक्कु-मकरसंक्रमा की विशेष पूजा गुरुवार को मंदिर के गर्भगृह में सुबह 8.14 बजे की गई. महादेव आराधना में थिरुवभरणम् के साथ देवता अय्यप्पा का अभिषेक करने के बाद शाम 6.40 पर मकर ज्योति दर्शन होता है. सबरीमाला में उसके लिए सभी व्यवस्थाएं पूरी हैं.

'मकर ज्योति' को इस साल केवल कुछ तीर्थयात्रियों द्वारा ही देखा जाएगा, जो कि सन्निधाम आए हैं. कोविड प्रोटोकॉल के तहत इस साल का मकरविलक्कू त्योहार पर बहुत अधिक भीड़ नहीं होगी. ऑनलाइन प्रणाली में पंजीकृत 5000 से अधिक तीर्थयात्रियों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. श्रद्धालुओं को पिछले वर्षों की तरह मकर ज्योति दर्शन के लिए पांचालिमेडु, परुंथुपारा और पुलमेडु में शिविर लगाने की अनुमति नहीं है. मकर संक्रांति पूजा के दौरान त्रावणकोर पैलेस से लाया गया घी अय्यप्पा देवता के अभिषेक के लिए इस्तेमाल किया जाता है. मकरविलक्कु पूजा से पहले शुद्धि अनुष्ठान वैदिक प्रमुख कंदरारू राजीवुआर के नेतृत्व में पुजारियों द्वारा किया गया. 13 जनवरी को उचा पूजा (दोपहर की पूजा) के समय बिंब शुद्धि क्रिया (देवता की शुद्धि) भी की गई थी.

शाम तक पहुंचेगा जुलूस

मकरविलक्कु पर देवता पर सुशोभित होने वाले 'थिरुवभरणम' (पवित्र आभूषण) को लेकर जुलूस 14 जनवरी को मकरविलक्कू के पंडाल वलियाकोयिक्कल धर्मशाला मंदिर से शुरू हुआ. यह जुलूस वलियानावतोमोम, चेरियनवट्टोम से होकर गुजरेगा और नीली माला तक जाएगा. गुरुवार शाम को 5.30 बजे तक ऐप्पामेडिमु से होकर सारामुखी पहुंच जाएगा. सर्वमूर्ति से देवस्वाम बोर्ड के अधिकारी औपचारिक रूप से तिरुवभरणम प्राप्त करते हैं और इसे सन्निधाम में ले जाते हैं. पंडालम पैलेस से लाया गया थिरुवभरणम आज शाम 5.30 बजे तक अय्यप्पा सन्निधाम पहुंच जाएगा.

यह भी पढ़ें-पोंगल उत्सव : मदुरै पहुंचे राहुल गांधी, जल्लीकट्टू कार्यक्रम में हुए शामिल

6.40 तक मकर ज्योति के दर्शन होंगे

थिरुवभरण पेदाकम (थिरुवभरणम ले जाने वाला डिब्बा) देवसोम मंत्री कडकम्पल्ली सुरेन्द्रन, त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड के अध्यक्ष एन वासु और बोर्ड के साथ अन्य उच्च अधिकारियों को 18 चरणों के ऊपर ध्वज पद का पास प्राप्त होगा. इसके बाद थिरुवभरण पादकम जिसे श्रीकोविल (गर्भगृह) में औपचारिक रूप से ले जाया जाता है. थानथ्री (वैदिक प्रमुख) कंदरारु राजीवारू और मंदिर मालशांति (प्रमुख पुजारी) वीके जयराज पोट्टि द्वारा प्राप्त किया जाएगा. शाम 6.30 बजे महा दीपदान किया जाएगा. दीपराधना के बाद कुछ ही मिनटों में 6.40 तक मकर ज्योति देखी जाएगी.

सबरीमाला : केरल का सबरीमाला अय्यप्पा मंदिर गुरुवार को मकरविलक्कू के लिए तैयार कर लिया गया है. मकरविलक्कु-मकरसंक्रमा की विशेष पूजा गुरुवार को मंदिर के गर्भगृह में सुबह 8.14 बजे की गई. महादेव आराधना में थिरुवभरणम् के साथ देवता अय्यप्पा का अभिषेक करने के बाद शाम 6.40 पर मकर ज्योति दर्शन होता है. सबरीमाला में उसके लिए सभी व्यवस्थाएं पूरी हैं.

'मकर ज्योति' को इस साल केवल कुछ तीर्थयात्रियों द्वारा ही देखा जाएगा, जो कि सन्निधाम आए हैं. कोविड प्रोटोकॉल के तहत इस साल का मकरविलक्कू त्योहार पर बहुत अधिक भीड़ नहीं होगी. ऑनलाइन प्रणाली में पंजीकृत 5000 से अधिक तीर्थयात्रियों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. श्रद्धालुओं को पिछले वर्षों की तरह मकर ज्योति दर्शन के लिए पांचालिमेडु, परुंथुपारा और पुलमेडु में शिविर लगाने की अनुमति नहीं है. मकर संक्रांति पूजा के दौरान त्रावणकोर पैलेस से लाया गया घी अय्यप्पा देवता के अभिषेक के लिए इस्तेमाल किया जाता है. मकरविलक्कु पूजा से पहले शुद्धि अनुष्ठान वैदिक प्रमुख कंदरारू राजीवुआर के नेतृत्व में पुजारियों द्वारा किया गया. 13 जनवरी को उचा पूजा (दोपहर की पूजा) के समय बिंब शुद्धि क्रिया (देवता की शुद्धि) भी की गई थी.

शाम तक पहुंचेगा जुलूस

मकरविलक्कु पर देवता पर सुशोभित होने वाले 'थिरुवभरणम' (पवित्र आभूषण) को लेकर जुलूस 14 जनवरी को मकरविलक्कू के पंडाल वलियाकोयिक्कल धर्मशाला मंदिर से शुरू हुआ. यह जुलूस वलियानावतोमोम, चेरियनवट्टोम से होकर गुजरेगा और नीली माला तक जाएगा. गुरुवार शाम को 5.30 बजे तक ऐप्पामेडिमु से होकर सारामुखी पहुंच जाएगा. सर्वमूर्ति से देवस्वाम बोर्ड के अधिकारी औपचारिक रूप से तिरुवभरणम प्राप्त करते हैं और इसे सन्निधाम में ले जाते हैं. पंडालम पैलेस से लाया गया थिरुवभरणम आज शाम 5.30 बजे तक अय्यप्पा सन्निधाम पहुंच जाएगा.

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6.40 तक मकर ज्योति के दर्शन होंगे

थिरुवभरण पेदाकम (थिरुवभरणम ले जाने वाला डिब्बा) देवसोम मंत्री कडकम्पल्ली सुरेन्द्रन, त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड के अध्यक्ष एन वासु और बोर्ड के साथ अन्य उच्च अधिकारियों को 18 चरणों के ऊपर ध्वज पद का पास प्राप्त होगा. इसके बाद थिरुवभरण पादकम जिसे श्रीकोविल (गर्भगृह) में औपचारिक रूप से ले जाया जाता है. थानथ्री (वैदिक प्रमुख) कंदरारु राजीवारू और मंदिर मालशांति (प्रमुख पुजारी) वीके जयराज पोट्टि द्वारा प्राप्त किया जाएगा. शाम 6.30 बजे महा दीपदान किया जाएगा. दीपराधना के बाद कुछ ही मिनटों में 6.40 तक मकर ज्योति देखी जाएगी.

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