नई दिल्ली : यूरोप नीति अध्ययन केंद्र में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमारी सरकार के सत्ता में आने के बाद, हमने वार्ता की आवश्यकता के बारे में बार-बार बात की थी. हम एक उचित और संतुलित मुक्त व्यापार समझौता चाहते हैं.
मैं मानता हूं कि यूरोप के साथ एफटीए एक आसान समझौता नहीं है. इसको लेकर यूरोप से वार्तालाप जारी है.
क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी को लेकर एस जयशंकर ने कहा कि हमने देखा कि हमारी कई प्रमुख चिंताओं का समाधान नहीं किया गया था. हमें एक कॉल लेना था, चाहे व्यापार समझौते में प्रवेश करना हो अगर हमारी प्रमुख चिंताओं को दूर नहीं किया जाता है.
दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग लोग संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की कमी और प्रासंगिकता की ओर इशारा कर रहे हैं, यह कुछ ऐसा है जिसे संयुक्त राष्ट्र को गंभीरता से लेना चाहिए.
हम एक या दो देशों के हित को नहीं दे सकते जो अपने सतत लाभ के लिए इतिहास के एक पल को रोकना चाहते हैं. हम इस ग्रिडलॉक को जितनी देर तक रोकने की कोशिश कर सकते हैं, यह संयुक्त राष्ट्र को नुकसान पहुंचाता रहेगा.