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RTI (संशोधन) विधेयक : राज्यसभा में बिल पास, विपक्ष का भारी विरोध बेअसर

लोक सभा के बाद राज्यसभा में भी सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम में संशोधन विधेयक को पारित कर दिया गया.

राज्यसभा में RTI (संशोधन) विधेयक पास
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Published : Jul 25, 2019, 7:52 PM IST

Updated : Jul 25, 2019, 9:42 PM IST

नई दिल्ली: सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम में संशोधन का रास्ता साफ हो गया है. आज राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच विधेयक को पारित कर दिया गया. लोकसभा में इसे पहले ही पारित कर दिया गया है.

इससे पहले केंद्र सरकार ने आरटीआई कानून में संशोधन के लिए लाए गए एक विधेयक को मूल कानून को कमजोर करने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. गुरुवार को सत्ता पक्ष ने राज्यसभा में कहा कि प्रस्तावित संशोधन इस कानून को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए लाए गए हैं.

राज्यसभा में RTI (संशोधन) विधेयक पास

प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने सूचना का अधिकार संशोधन विधेयक 2019 सदन में चर्चा के लिए रखा. उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य केवल सुनी-सुनायी बातों और अपनी अवधारणाओं के आधार पर इसका विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि सदस्य चर्चा के दौरान अपनी बात रख सकते हैं.

इस दौरान कांग्रेस के नेतृत्व में ज्यादातर विपक्षी दलों के सदस्य विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग पर अड़े रहे. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, माकपा, भाकपा, आप, एमडीएमके आदि दलों के सदस्य आसन के समक्ष आकर लगातार नारेबाजी करते रहे. इस दौरान कुछ सदस्य कागज फाड़कर हवा में उछालते भी देखे गए. उपसभापति हरिवंश ने हंगामे पर अप्रसन्नता जताते हुए कहा कि सदस्यों को चर्चा में भाग लेना चाहिए और उसके बाद उन्हें मत देकर विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के बारे में फैसला करना चाहिए. उन्होंने कहा कि दर्शक दीर्घा में स्कूली बच्चे बैठे हैं और हंगामे से उनके मन में क्या छवि बनेगी.

विधेयक पर चर्चा की शुरूआत करते हुए भाजपा के विनय सहस्त्रबुद्धे ने सवाल किया कि विपक्षी सदस्य इस विधेयक का विरोध क्यों कर रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या यह विरोध सिर्फ समय व्यतीत करने के लिए तो नहीं है.

अन्नाद्रमुक के नवनीत कृष्णन ने कहा कि विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार द्वारा लाया गया संशोधन सही कदम है.

शिवसेना के अनिल देसाई ने कहा कि यह विधेयक मूल कानून को कमजोर करने के लिए नहीं बल्कि यह उसे मजबूत बनाने के लिए है.

वाईएसआर कांग्रेस के विजय साई रेड्डी ने कहा कि आरटीआई कानून आने से प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है. उन्होंने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इस विधेयक में कुछ भी गलत नहीं है और आयुक्तों के अधिकार पूरी तरह से सुरक्षित हैं.

पढ़ें- आरटीआई बिल के खिलाफ एक बार फिर नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन

भाजपा के शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि एक पार्टी ने देश में आपातकाल लागू किया था और अपनी आवाज उठाने वालों को जेल में डाल दिया था. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार मूल कानून के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं कर रही है और उसका मकसद कानून को मजबूत बनाना है. उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा कि इनका काम नियंत्रित सदन को अनियंत्रित करने का है.

शुक्ला ने कहा कि समय समय पर कानून की समीक्षा करने की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम सिर्फ सरकार के कार्यों का विरोध करना भर है.

नई दिल्ली: सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम में संशोधन का रास्ता साफ हो गया है. आज राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच विधेयक को पारित कर दिया गया. लोकसभा में इसे पहले ही पारित कर दिया गया है.

इससे पहले केंद्र सरकार ने आरटीआई कानून में संशोधन के लिए लाए गए एक विधेयक को मूल कानून को कमजोर करने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. गुरुवार को सत्ता पक्ष ने राज्यसभा में कहा कि प्रस्तावित संशोधन इस कानून को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए लाए गए हैं.

राज्यसभा में RTI (संशोधन) विधेयक पास

प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने सूचना का अधिकार संशोधन विधेयक 2019 सदन में चर्चा के लिए रखा. उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य केवल सुनी-सुनायी बातों और अपनी अवधारणाओं के आधार पर इसका विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि सदस्य चर्चा के दौरान अपनी बात रख सकते हैं.

इस दौरान कांग्रेस के नेतृत्व में ज्यादातर विपक्षी दलों के सदस्य विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग पर अड़े रहे. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, माकपा, भाकपा, आप, एमडीएमके आदि दलों के सदस्य आसन के समक्ष आकर लगातार नारेबाजी करते रहे. इस दौरान कुछ सदस्य कागज फाड़कर हवा में उछालते भी देखे गए. उपसभापति हरिवंश ने हंगामे पर अप्रसन्नता जताते हुए कहा कि सदस्यों को चर्चा में भाग लेना चाहिए और उसके बाद उन्हें मत देकर विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के बारे में फैसला करना चाहिए. उन्होंने कहा कि दर्शक दीर्घा में स्कूली बच्चे बैठे हैं और हंगामे से उनके मन में क्या छवि बनेगी.

विधेयक पर चर्चा की शुरूआत करते हुए भाजपा के विनय सहस्त्रबुद्धे ने सवाल किया कि विपक्षी सदस्य इस विधेयक का विरोध क्यों कर रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या यह विरोध सिर्फ समय व्यतीत करने के लिए तो नहीं है.

अन्नाद्रमुक के नवनीत कृष्णन ने कहा कि विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार द्वारा लाया गया संशोधन सही कदम है.

शिवसेना के अनिल देसाई ने कहा कि यह विधेयक मूल कानून को कमजोर करने के लिए नहीं बल्कि यह उसे मजबूत बनाने के लिए है.

वाईएसआर कांग्रेस के विजय साई रेड्डी ने कहा कि आरटीआई कानून आने से प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है. उन्होंने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इस विधेयक में कुछ भी गलत नहीं है और आयुक्तों के अधिकार पूरी तरह से सुरक्षित हैं.

पढ़ें- आरटीआई बिल के खिलाफ एक बार फिर नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन

भाजपा के शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि एक पार्टी ने देश में आपातकाल लागू किया था और अपनी आवाज उठाने वालों को जेल में डाल दिया था. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार मूल कानून के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं कर रही है और उसका मकसद कानून को मजबूत बनाना है. उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा कि इनका काम नियंत्रित सदन को अनियंत्रित करने का है.

शुक्ला ने कहा कि समय समय पर कानून की समीक्षा करने की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम सिर्फ सरकार के कार्यों का विरोध करना भर है.

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PRI GEN NAT
.NEWDELHI PAR25
RS-LD RTI BILL (RPT)
(minor edits in para 1)
Oppn, Govt lock horns in RS over referring RTI bill to a
select committee
         New Delhi, Jul 25 (PTI) Government and the Congress-led
Opposition in the Rajya Sabha Thursday locked horns on the
issue of sending RTI (Amendment) Bill to a Select Committee of
the House, forcing four adjournments.
         As soon as the House resumed in the afternoon, Deputy
Chairman Harivansh asked the Minister of State for Personnel
Jitendra Singh to move the Right to Information (Amendment)
Bill.
         After moving it for consideration, the minister urged the
Chair to hold discussion on the bill and then decide on the
motions for its passage as well as the issue of sending the
draft law to a select committee.
         As many as five members had given notice for amendment
seeking to send the bill to a select Committee.
         The government stuck to its point that the motions for
sending the bill to select committee and passage of the draft
law would be taken up after the discussions.
         The House witnessed four brief adjournments amid the din
as Congress, DMK, CPI, CPM, TMC and AAP members remained in
the Well and raised slogans against the government.
         The opposition members also stuck to their demand to move
the motion for sending the bill to select committee before
initiating discussion on that.
         Before the stalemate, TMC leader Derek O'Brien told the
Chair that the House took up two short duration discussions
and three calling attention during this session.
         He said that as per convention, the House should take up
at least one short duration discussion in a week and therefore
sufficient time is not being given to discussing important
issues.
He also said that a short duration discussion on ministry
of MSME was listed for discussion which later vanished.
         On this, Leader of the opposition Ghulam Nabi Azad said
that the House is still short of two short duration discussion
during this session.
         He also said,"We have been passing legislation. There has
to be discussion on those."
         Parliamentary Affairs Minister Prahlad Joshi said,"I
assure that next week, we are ready to clear the backlog (of
short duration discussion)."
         On the SS Roy of TMC said that since the House has not
been formally extended till next week, the part of the
minister's statement talking about extension of the House
should be expunged.
         Prakash Javadekar said,"Conventions are relevant when the
House runs smoothly. The other House passed bills. As many as
22 bills lapsed. The House could not pass it. There is context
to it."
         Thereafter Congress leader Anand Sharma raised the issue
of scrutiny of bills before passage in the House.
         Sharma said,"We are not under obligation to blindly
endorse the bill which come from Lok Sabha. We are clear on it
that if other House has not referred the bill to standing
committee then it is our duty to send it to a committee. It
cannot be done in hurry."
         RJD leader Manoj Jha objected to Javadekar's remark on
peformance of other House.
         BJP leader Bhupender Yadava said that the issue of
sending the bill to select committee would come when it would
come up for discussion.
         The Opposition members got agitated when the Deputy
Chairman called five members for moving the motion for
referring the bill to select committee and then asked to
initate debate on the draft law.
         Congress leader P Chidambaram said that "you are confused
as the members have not moved an amendment to the bill rather
they have moved a motion to send the bill to a select
committee".
         He asked how can there be disucssion on the bill without
disposing off a motion as that motion has already been
adopted.
         While moving his motion for sending the bill to select
committe, Congress member M V Rajeev said that this is an
attempt to weeken the RTI law.
         Binoy Viswam of CPI, E Kareem CPI and K K Ragesh of CPM
also moved the motion to send the bill to a select committee.
         The Deputy Chairman called Jairam Ramesh as first speaker
on the bill. But when he could speek amid the din, Harivansh
called V P Saharsabuddhe for discussion.
         The Congress and other Opposition members kept on raising
slogans in the well and Deputy Chairman adjourned the House
for 15 minutes till 2:46 PM.
         The House again adjourned for 10 ministues and as the
stalemate continued it led to another brief adjournment. Afher
this the House adjourned for another 15 minutes.
          As the protests continued and some members threw papers
in the Well of the House, Deputy Chairman Harivansh said it
amounted to indiscipline and observed what impression was
being set especially as school children were sitting in the
Visitor's gallery to witness the proceedings.
The Deputy Chairman made repeated appeals to protesting
members to return to their seats and said they should
participate in the discussion on the Bill and vote on the
Bill to be sent to the Select Committee.
Without naming the Congress, BJP leader Shiv Pratap
Shukla recalled the days of Emergency observing that people
were jailed and said the government was not trying to dilute
the Right to Information (RTI) Act and wants to ensure its
proper implementation.
Shukla said a few days ago some people returned their
titles and, pointing towards the protesting members in the
Well, mentioned they earlier stood in support of such people
who were supporters of naxalites and terrorists.
He said some people now want to
present a view that Prime Minister must stop mob lynching. He
said this government framed a law to curb mob lynching.
Vinay Sahasrabudhhe of the BJP said what happens in
select committees is not much different from the discussion
that takes place in the House and the process will only
consume time.
I believe those sloganeering and trying to quell our
voice are attempting to snatch away our right to speak, he
said to the protesting members.
A Navaneethakrishnan of the AIADMK said his party
supports the Bill.
When asked to speak as per his turn on the Bill by the
Deputy Chairman, Manoj Kumar Jha of the RJD said he was
witnessing the killing of democracy and does not want to be a
part of it.
Anil Desai from Shiv Sena said democracy if at all being
disturbed in the House was a shameful act of the Opposition
and expressed "strong support" of his party to the Bill.
V Vijayasai Reddy of the YSRCP also supported the Bill.
In his maiden speech in the Rajya Sabha, Sasmit Patra of
the BJD termed the RTI an important ingredient of governance
and said his party has certain reservations and would seek an
assurance from the government that the changes through the
amendments will not lead of any dilution of the overall
standing and flow of the RTI Act 2005. PTI RSN KKS SKC
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NNNN
Last Updated : Jul 25, 2019, 9:42 PM IST
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