ETV Bharat / bharat

CAB पारित होना साहसिक कदम, सभी को इसका स्वागत करना चाहिए : RSS

नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) संसद में पारित हो चुका है और यह विधेयक राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बन जाएगा. विधेयक के पारित होने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इसका स्वागत करते हुए इसे साहसिक कदम बताया है. इसके लिए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को बधाई दी है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

etv bharat
भैयाजी जोशी (फाइल फोटो)
author img

By

Published : Dec 12, 2019, 5:24 PM IST

नागपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने संसद से नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी0 पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बधाई देते हुए इसे साहसिक कदम बताया.

जोशी ने यहां पत्रकारों से कहा कि सभी को अपनी राजनीतिक मजबूरियों से ऊपर उठकर विधेयक का स्वागत करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि आरएसएस का हमेशा से यह पक्ष रहा है कि जो हिन्दू दूसरे देशों से प्रताड़ना के बाद भारत आते हैं, उन्हें घुसपैठिया नहीं बल्कि शरणार्थी के रूप में देखा जाना चाहिए.

इस विधेयक में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है और यह राज्यसभा से बुधवार को पारित हो चुका है. लोकसभा से यह विधेयक सोमवार को पारित हो गया था.

जोशी ने इस विधेयक के पारित होने को ‘साहसिक कदम’ बताया और भाजपा नीत केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को धन्यवाद दिया.

उन्होंने कहा, 'आरएसएस का हमेशा यह पक्ष रहा है कि जो हिन्दू दूसरे देशों में उत्पीड़न की वजह से भारत आते हैं, उन्हें घुसपैठिया नहीं बल्कि शरणार्थी माना जाना चाहिए और यह जरूरी है कि इन शरणार्थियों को सम्मानजनक जीवन तथा समान अधिकार मिले. लेकिन काफी समय बीत गया और शरणार्थियों को लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ी.'

जोशी ने कहा कि मौजूदा सरकार ने बेहतरीन कदम उठाया है. उन्होंने कहा, 'जब देश का विभाजन हुआ था, तब धार्मिक आधार पर विभाजन की मांग की जा रही थी. हालांकि, भारत को धार्मिक देश बनाने का कोई विचार नहीं था. लेकिन, इस मुद्दे पर देश का विभाजन हो गया था और नेताओं ने तब इसे स्वीकार कर लिया था.'

उन्होंने कहा कि अगर धार्मिक आधार पर विभाजन नहीं हुआ होता, तो उसके बाद कई घटनाएं नहीं हुई होतीं.

पढ़ें-नागरिकता संशोधन विधेयक : CM सोनोवाल ने प्रदर्शनकारियों से अफवाह न फैलाने को कहा

जोशी ने कहा, 'इसके बाद, पाकिस्तान और बांग्लादेश ने खुद को इस्लामिक देशों के रूप में घोषित किया और ऐसा संदेह था कि वहां रहने वाले अल्पसंख्यकों को क्या स्थान मिलेगा...क्योंकि समझौते के अनुसार, यह कहा गया था कि अल्पसंख्यकों को किसी भी अन्याय का सामना नहीं करना पड़ेगा.'

उन्होंने कहा कि समय-समय पर की गई जनगणना को देखा जाए तो अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं की संख्या में भारी कमी आई.

उन्होंने कहा, 'सवाल उठता है कि ये लोग कहां गए और यह सामने आया कि उनमें से कई भारत आए थे.'

जोशी ने कहा कि इन देशों में उत्पीड़ित हिन्दुओं के पास भारत से अलग जाने के लिए ऐसी कोई जगह नहीं थी, जहां वे सम्मान और सुरक्षा के साथ जीवन व्यतीत कर सकते थे और इसलिए वे भारत आते रहे.

उन्होंने कहा कि हालांकि, कानून में प्रावधानों की कमी के कारण, ये लोग कई वर्षों तक भारत की नागरिकता से वंचित रहे.

जोशी ने कहा, 'इस बात की जरूरत थी कि इन शरणार्थियों के पास हमारे देश में सम्मानजनक जीवन और आम अधिकार हो. लेकिन बहुत समय बीत गया और इन शरणार्थियों को इंतजार करना पड़ा. फिलहाल वर्तमान सरकार ने एक बहुत अच्छा कदम उठाया है और अब पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों को भारत में सम्मानजनक स्थान मिलेगा.'

पढ़ें-CAB : PM मोदी ने असम के लोगों को आश्वस्त किया, जानें विरोध के कारण

जोशी ने कहा कि सभी को राजनीतिक मजबूरियों से ऊपर उठकर इस विधेयक का स्वागत करना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'गृह मंत्री ने कई बार कहा है कि इस विधेयक से हमारे देश में मुस्लिम समुदाय को कोई खतरा नहीं है और किसी के अधिकारों का हनन नहीं होगा.'

इस विधेयक के पारित होने के बाद कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध प्रदर्शनों पर जोशी ने कहा, 'कुछ राज्यों में अशांति देखी गई है, लेकिन मुझे विश्वास है कि केंद्र पूर्वोत्तर में अफवाहों को रोकने और वहां के लोगों के संदेहों को दूर करने के लिए कदम उठाएगा.'

जोशी ने यह भी उम्मीद जताई कि भारतीय नागरिकता पाने वाले शरणार्थी शांति से रह सकेंगे.

नागपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने संसद से नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी0 पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बधाई देते हुए इसे साहसिक कदम बताया.

जोशी ने यहां पत्रकारों से कहा कि सभी को अपनी राजनीतिक मजबूरियों से ऊपर उठकर विधेयक का स्वागत करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि आरएसएस का हमेशा से यह पक्ष रहा है कि जो हिन्दू दूसरे देशों से प्रताड़ना के बाद भारत आते हैं, उन्हें घुसपैठिया नहीं बल्कि शरणार्थी के रूप में देखा जाना चाहिए.

इस विधेयक में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है और यह राज्यसभा से बुधवार को पारित हो चुका है. लोकसभा से यह विधेयक सोमवार को पारित हो गया था.

जोशी ने इस विधेयक के पारित होने को ‘साहसिक कदम’ बताया और भाजपा नीत केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को धन्यवाद दिया.

उन्होंने कहा, 'आरएसएस का हमेशा यह पक्ष रहा है कि जो हिन्दू दूसरे देशों में उत्पीड़न की वजह से भारत आते हैं, उन्हें घुसपैठिया नहीं बल्कि शरणार्थी माना जाना चाहिए और यह जरूरी है कि इन शरणार्थियों को सम्मानजनक जीवन तथा समान अधिकार मिले. लेकिन काफी समय बीत गया और शरणार्थियों को लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ी.'

जोशी ने कहा कि मौजूदा सरकार ने बेहतरीन कदम उठाया है. उन्होंने कहा, 'जब देश का विभाजन हुआ था, तब धार्मिक आधार पर विभाजन की मांग की जा रही थी. हालांकि, भारत को धार्मिक देश बनाने का कोई विचार नहीं था. लेकिन, इस मुद्दे पर देश का विभाजन हो गया था और नेताओं ने तब इसे स्वीकार कर लिया था.'

उन्होंने कहा कि अगर धार्मिक आधार पर विभाजन नहीं हुआ होता, तो उसके बाद कई घटनाएं नहीं हुई होतीं.

पढ़ें-नागरिकता संशोधन विधेयक : CM सोनोवाल ने प्रदर्शनकारियों से अफवाह न फैलाने को कहा

जोशी ने कहा, 'इसके बाद, पाकिस्तान और बांग्लादेश ने खुद को इस्लामिक देशों के रूप में घोषित किया और ऐसा संदेह था कि वहां रहने वाले अल्पसंख्यकों को क्या स्थान मिलेगा...क्योंकि समझौते के अनुसार, यह कहा गया था कि अल्पसंख्यकों को किसी भी अन्याय का सामना नहीं करना पड़ेगा.'

उन्होंने कहा कि समय-समय पर की गई जनगणना को देखा जाए तो अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं की संख्या में भारी कमी आई.

उन्होंने कहा, 'सवाल उठता है कि ये लोग कहां गए और यह सामने आया कि उनमें से कई भारत आए थे.'

जोशी ने कहा कि इन देशों में उत्पीड़ित हिन्दुओं के पास भारत से अलग जाने के लिए ऐसी कोई जगह नहीं थी, जहां वे सम्मान और सुरक्षा के साथ जीवन व्यतीत कर सकते थे और इसलिए वे भारत आते रहे.

उन्होंने कहा कि हालांकि, कानून में प्रावधानों की कमी के कारण, ये लोग कई वर्षों तक भारत की नागरिकता से वंचित रहे.

जोशी ने कहा, 'इस बात की जरूरत थी कि इन शरणार्थियों के पास हमारे देश में सम्मानजनक जीवन और आम अधिकार हो. लेकिन बहुत समय बीत गया और इन शरणार्थियों को इंतजार करना पड़ा. फिलहाल वर्तमान सरकार ने एक बहुत अच्छा कदम उठाया है और अब पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों को भारत में सम्मानजनक स्थान मिलेगा.'

पढ़ें-CAB : PM मोदी ने असम के लोगों को आश्वस्त किया, जानें विरोध के कारण

जोशी ने कहा कि सभी को राजनीतिक मजबूरियों से ऊपर उठकर इस विधेयक का स्वागत करना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'गृह मंत्री ने कई बार कहा है कि इस विधेयक से हमारे देश में मुस्लिम समुदाय को कोई खतरा नहीं है और किसी के अधिकारों का हनन नहीं होगा.'

इस विधेयक के पारित होने के बाद कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध प्रदर्शनों पर जोशी ने कहा, 'कुछ राज्यों में अशांति देखी गई है, लेकिन मुझे विश्वास है कि केंद्र पूर्वोत्तर में अफवाहों को रोकने और वहां के लोगों के संदेहों को दूर करने के लिए कदम उठाएगा.'

जोशी ने यह भी उम्मीद जताई कि भारतीय नागरिकता पाने वाले शरणार्थी शांति से रह सकेंगे.

ZCZC
PRI GEN NAT
.NAGPUR BOM7
MH-CITIZENSHIP-LD RSS
RSS lauds Citizenship Bill passage, calls it 'courageous step'
         (Eds: Adding quotes)
         Nagpur,Dec 12 (PTI) RSS general secretary Bhaiyyaji
Joshi on Thursday congratulated Prime Minister Narendra Modi
and Union Home Minister Amit Shah for the passage of the
Citizenship (Amendment) Bill in Parliament and described it as
a "courageous step".
         Talking to reporters here, Joshi said all should rise
above their political compulsions and welcome the bill.
         He said the stand of the Rashtriya Swayamsevak
Sangh (RSS) has always been that a Hindu who comes to India
because of persecution in another country cannot be termed as
an intruder, but a refugee.
         The bill, which seeks to provide Indian citizenship to
non-Muslim refugees from Pakistan, Afghanistan and Bangladesh,
was passed by the Rajya Sabha on Wednesday. The Lok Sabha
passed it on Monday.
         Joshi dubbed it as a "courageous step" and thanked the
BJP-led central government, the prime minister and the Home
minister for taking the initiative.
         "When the country was partitioned, there was a demand
for division on religious grounds. However, India did not have
any such idea of forming a 'religious country'. But, the
country was partitioned over this issue and the leaders then
had accepted it," he said.
         If partition had not taken place on religious grounds,
then many incidents thereafter would not have happened, the
RSS general secretary said.
         "Subsequently,Pakistan and Bangladesh declared
themselves as Islamic states and there were doubts then about
what place the minorities residing there will get...because as
per the agreement, it was said that the minorities will not
face any injustice," said Joshi.
         Unfortunately, this did not happen and the Hindus
residing there in large numbers "became target of
persecution", he said.
         Looking at the census conducted from time-to-time, the
number ofHindus residing in Afghanistan, Pakistan and
Bangladesh came down drastically, he said.
         "The question arises where these people went, and it
comes to fore that many of them came to India," he said.
         The Hindus persecuted in these countries had no other
place to go than India, where they could live a life of
respect and security and hence, they kept coming to India.
         "However,due to lack of provisions in the law, these
people were deprived of the citizenship of India for many
years. There was a huge need that these persecuted people may
not be called as 'intruders', but termed as refugees, and this
was out stand from quite sometime," Joshi said.
         "There is a need for these refugees to have a
respectable life and common rights in our country. But, a lot
of time passed and these refugees had to wait," Joshi said.
         But, the present government has taken a "very good
step" and the minority communities from Pakistan, Bangladesh
and Afghanistan will get a respectable place in India,he said.
         The bill provides an "assurance" (of a respectable
life) to the refugees who come to India, he added.
         "I feel this bill has assured the minorities coming
from these countries, and we welcome them and express our
happiness for them. Now, their refugee status will end and
they will live as citizens and will get benefits of the
citizens' rights in the country," he said.
         Joshi said all should rise above political compulsions
and welcome this bill.
         "The Home minister has repeatedly said that the bill
does not pose any threat to the Muslim community in our
country and no one's rights will be curtailed," he said.
         On protests in some northeastern states following the
passage of the bill, Joshi said, "Some states have certainly
witnessed unrest, but I am confident that the Centre will take
steps to check rumours in the north-east and clear doubts of
the people there. They will keep living as earlier."
          Joshi also expressed hope that the refugees who get
Indian citizenship will be able to live peacefully. PTI CLS
GK
GK
12121415
NNNN
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.