नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्ट्रर (एनआरसी) के विरोध में तमाम विपक्षी पार्टियों समेत अब कई राज्य सरकारें भी खड़ी हो गई हैं, तो वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) से जुड़े तमाम लोग सीएए को एक उत्सव की तरह मना रहे हैं.
देश की राजधानी दिल्ली में विहिप के द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें संघ के वरिष्ठ प्रचारक और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार भी पहुंचे थे.
ईटीवी भारत ने इंद्रेश कुमार से विशेष बातचीत की, जिसमें संघ प्रचारक ने तमाम विपक्षी पार्टियों को चेताया कि वह सीएए और एनआरसी का विरोध कर बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं और निकट भविष्य में उन्हें इसके लिए पछताना पड़ेगा.
देश के मुसलमानों से अपील करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि सीएए में कहीं ऐसी बात नहीं है कि देश के मुसलमानों को यहां की नागरिकता नहीं होगी. इसलिए जो मुसलमान देश में रह रहे हैं, वह यही के नागरिक हैं और किसी भी भारतीय मुसलमान पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. वह किसी भी भड़काने वाले की बात में ना आए और ना ही उन विपक्षी पार्टियों की बात में आएं जो कि देश को बांटना चाहती हैं और हिंसा फैलाना चाहती हैं.
संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि पूरे विश्व में 55 इस्लामिक देश हैं. उन सभी को मुसलमानों के हितों की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए और अगर किसी भी देश में मुसलमानों को प्रताड़ित किया जा रहा है, तो उन्हें शरण भी देनी चाहिए. अगर इस्लामिक देश अपने ही देश में रह रहे बहुसंख्यकों को संरक्षण नहीं दे पा रहे हैं तो यह उनके लिए शर्म की बात है.
पाकिस्तान में सिखों के धार्मिक स्थल ननकाना साहिब पर हुए हमले और सिखों पर लगातार हो रहे अत्याचार पर प्रतिक्रिया देते हुए इंद्रेश कुमार ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पर भी निशाना साधा जो आए दिन पाकिस्तान और उसके प्रधानमंत्री की हिमायत करते दिखते हैं.
इंद्रेश कुमार ने कहा है कि आज जब पाकिस्तान में सिखों पर हमले हो रहे हैं हत्याएं हो रही हैं तो अमरिंदर सिंह को इसका विरोध करना चाहिए, लेकिन वह शांत बैठे हैं. उसी प्रकार कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी इस तरह शांत बैठे हैं जैसे कि उन्हें लकवा मार गया हो.
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