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कोरोना इलाज के नियमों में बदलाव, सात से 10 दिनों में मिल सकती है राहत

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के ठीक होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज पॉलिसी में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बदलाव किए हैं. मंत्रालय ने कोरोना रोगियों को तीन श्रेणियों में बांटा है. अब 14 दिन के बजाए 7 से 10 दिनों में ही छुट्टी मिल जाएगी. हालांकि कुछ शर्तों को लागू भी किया गया है. जानें विस्तार से पूरी खबर.

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अब कोरोना मरीज को इन शर्तों पर किया जाएगा अस्पताल से डिस्चार्ज
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Published : May 9, 2020, 12:40 PM IST

हैदराबाद : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना मरीजों को लेकर एक नई पॉलिसी जारी की है. यह पॉलिसी संक्रमित मरीजों के अस्पताल से डिस्चार्ज होने को लेकर है. नए बदलावों के तहत हल्के मामलों में डिस्चार्ज से पहले की टेस्टिंग को खत्म कर दिया गया है. मरीज को कोई लक्षण ना दिखने और हालात सामान्य लगने पर 10 दिनों में अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है.

डिस्चार्ज होने के बाद, पेशेंट को अब 14 के बजाय सात दिनों के लिए होम आइसोलेशन में रहना होगा.

गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के मरीजों को तीन श्रेणियों में बांटा है-

⦁ हल्के या बहुत हल्के मामले

⦁ थोड़े गंभीर मामले

⦁ गंभीर मामले

हल्के या बहुत हल्के मामले : लक्षण दिखने के 10 दिन बाद और तीन दिनों से अगर बुखार न हो. बिना किसी आरटी पीसीआर (RT PCR) टेस्ट किए ही छुट्टी मिल जाएगी. कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों को कोविड केयर फैसिलिटी में रखा जाएगा, जहां उन्हें रेगुलर टेंप्रेचर चेक और पल्स ऑक्सिमेट्री मॉनिटरिंग से गुजरना होगा. अगर तीन दिन तक बुखार न आया हो तो मरीज को 10 दिनों के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है. उससे पहले जांच की जरूरत नहीं होगी. डिस्चार्ज के वक्त मरीज को होम आइसोलेशन में रहना होगा.

थोड़े गंभीर मामले : ऐसे लक्षण वाले मरीजों को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में ऑक्सीजन बेड्स पर रखा जाएगा. उन्हें बॉडी टेम्प्रेचर और ऑक्सीजन सैचुरेशन जांच से गुजरना होगा. अगर तीन दिनों में बुखार उतर जाता है और मरीज का अगले चार दिन तक सैचुरेशन लेवल केवल 95 % से ज्यादा रहता है तो मरीज को 10 दिन के बाद छोड़ा जा सकता है. मगर बुखार, सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन की जरूरत नहीं होनी चाहिए. ऐसे मरीजों की डिस्चार्ज से पहले जांच नहीं होगी.

गंभीर मरीजों के लिए दिशानिर्देश : ऐसे मरीज, जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, उन्हें क्लिनिकल सिम्पटम्स दूर होने के बाद ही डिस्चार्ज किया जाएगा. लगातार तीन दिनों तक ऑक्सीजन सैचुरेशन मेंटेन रखने वाले मरीजों को ही अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी. इसके अलावा एचआईवी या अन्य गंभीर बीमारियों वाले मरीज क्लिनिकल रिकवरी और RT-PCR टेस्ट में नेगेटिव आने के बाद ही डिस्चार्ज होंगे.

अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद :

एक बार मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाए, तो उसे सात दिनों तक होम आइसोलेशन में रहना होगा. अगर बुखार, खांसी सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई दें तो मरीज को कोविड केयर सेंटर या स्टेट हेल्पलाइन या फिर 1075 से संपर्क करना होगा.

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स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देश

भारत में कोरोना :

भारत में कोरोना वायरस से मामले 60,000 को छूने वाले हैं. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में 3320 और लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है. संक्रमण से बीते 24 घंटे में 95 लोगों की मौत हुई है. देश में संक्रमितों की संख्या 59,662 हो गई है.

हैदराबाद : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना मरीजों को लेकर एक नई पॉलिसी जारी की है. यह पॉलिसी संक्रमित मरीजों के अस्पताल से डिस्चार्ज होने को लेकर है. नए बदलावों के तहत हल्के मामलों में डिस्चार्ज से पहले की टेस्टिंग को खत्म कर दिया गया है. मरीज को कोई लक्षण ना दिखने और हालात सामान्य लगने पर 10 दिनों में अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है.

डिस्चार्ज होने के बाद, पेशेंट को अब 14 के बजाय सात दिनों के लिए होम आइसोलेशन में रहना होगा.

गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के मरीजों को तीन श्रेणियों में बांटा है-

⦁ हल्के या बहुत हल्के मामले

⦁ थोड़े गंभीर मामले

⦁ गंभीर मामले

हल्के या बहुत हल्के मामले : लक्षण दिखने के 10 दिन बाद और तीन दिनों से अगर बुखार न हो. बिना किसी आरटी पीसीआर (RT PCR) टेस्ट किए ही छुट्टी मिल जाएगी. कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों को कोविड केयर फैसिलिटी में रखा जाएगा, जहां उन्हें रेगुलर टेंप्रेचर चेक और पल्स ऑक्सिमेट्री मॉनिटरिंग से गुजरना होगा. अगर तीन दिन तक बुखार न आया हो तो मरीज को 10 दिनों के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है. उससे पहले जांच की जरूरत नहीं होगी. डिस्चार्ज के वक्त मरीज को होम आइसोलेशन में रहना होगा.

थोड़े गंभीर मामले : ऐसे लक्षण वाले मरीजों को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में ऑक्सीजन बेड्स पर रखा जाएगा. उन्हें बॉडी टेम्प्रेचर और ऑक्सीजन सैचुरेशन जांच से गुजरना होगा. अगर तीन दिनों में बुखार उतर जाता है और मरीज का अगले चार दिन तक सैचुरेशन लेवल केवल 95 % से ज्यादा रहता है तो मरीज को 10 दिन के बाद छोड़ा जा सकता है. मगर बुखार, सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन की जरूरत नहीं होनी चाहिए. ऐसे मरीजों की डिस्चार्ज से पहले जांच नहीं होगी.

गंभीर मरीजों के लिए दिशानिर्देश : ऐसे मरीज, जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, उन्हें क्लिनिकल सिम्पटम्स दूर होने के बाद ही डिस्चार्ज किया जाएगा. लगातार तीन दिनों तक ऑक्सीजन सैचुरेशन मेंटेन रखने वाले मरीजों को ही अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी. इसके अलावा एचआईवी या अन्य गंभीर बीमारियों वाले मरीज क्लिनिकल रिकवरी और RT-PCR टेस्ट में नेगेटिव आने के बाद ही डिस्चार्ज होंगे.

अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद :

एक बार मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाए, तो उसे सात दिनों तक होम आइसोलेशन में रहना होगा. अगर बुखार, खांसी सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई दें तो मरीज को कोविड केयर सेंटर या स्टेट हेल्पलाइन या फिर 1075 से संपर्क करना होगा.

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स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देश

भारत में कोरोना :

भारत में कोरोना वायरस से मामले 60,000 को छूने वाले हैं. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में 3320 और लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है. संक्रमण से बीते 24 घंटे में 95 लोगों की मौत हुई है. देश में संक्रमितों की संख्या 59,662 हो गई है.

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