श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में ऐहतियाती तौर पर लगाईं गईं पाबंदियां शनिवार को हटा ली गईं, फिर भी आम जन-जीवन प्रभावित रहा. हालांकि शुक्रवार को पांबदिया लगा दिया जाती हैं ताकि जुमे के दिन नमाज के लिए एकत्रित होने वाली भीड़ का निहित स्वार्थी तत्व फायदा न उठा सकें.
पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि शुक्रवार को जुमे की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से अदा की गई.
अधिकारी ने कहा कि हालांकि पाबंदियों में ढील दी गई है, फिर भी अधिकतर बाजार और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान शनिवार को बंद रहे, जबकि पूरी घाटी में सार्वजनिक परिवहन भी बंद रहा.
उन्होंने कहा कि शहर के कुछ हिस्सों में निजी वाहन चलते हुए दिखाई दिए.
अधिकारी ने कहा कि सरकारी दफ्तर खुले लेकिन सार्वजनिक परिवहन नहीं होने के चलते उनमें लोगों की मौजूदगी बेहद कम रही.
सरकारी स्कूलों को फिर से खोलने के प्रयास नाकाम रहे क्योंकि बच्चों के माता-पिता सुरक्षा चिंताओं के चलते उन्हें स्कूल नहीं भेज पा रहे.
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अधिकारी ने कहा कि पूरी घाटी में लैंडलाइन फोन सेवाएं बहाल कर दी गईं लेकिन टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं 34 दिन से निलंबित हैं.
शीर्ष और दूसरी पंक्ति के अलगाववादी नेता ऐहतियातन हिरासत में हैं, जबकि तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों - फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित मुख्यधारा के नेताओं को भी हिरासत में या नजरबंद रखा गया है.