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राष्ट्रगान का सम्मान : हर दिन एक मिनट के लिए रुक जाता है तेलंगाना का ये शहर - राष्ट्रगान के लिए निकालते हैं रोज एक मिनट

तेलंगाना के एक कस्बे में लोगों का जीवन ठीक आठ बजे एक मिनट के लिए रुक जाता है. सभी लोग ठीक इस समय राष्ट्रगान के लिए स्थिर हो जाते हैं. साल 2017 से सभी लोगों की यही दिनचर्या है.

राष्ट्रगान के लिए खड़े लोग. (IANS)
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Published : May 28, 2019, 11:29 PM IST

हैदराबाद: तेलंगाना के एक कस्बे जम्मीकुंटा में जीवन हर दिन सुबह 8 बजे एक मिनट ठहर सा जाता है, क्योंकि यहां लोग राष्ट्रगान गाने के लिए हर रोज एक मिनट रुक जाते हैं. 15 अगस्त 2017 से लोग हर दिन इसे नित क्रिया की तरह ही कर रहे हैं. ये कस्बा हैदराबाद से 140 किलोमीटर दूर स्थित करीमनगर जिले में स्थित स्थित है

jammikunta etv bharat
जम्मीकुंटा की पहचान है ये गांधी चौक. (सौ: फेसबुक@jammikunta)

लोकल पुलिस इंस्पेक्टर की यह एक पहल है. इसका उद्देश्य लोगों में देशभक्ति की भावना जगाना है.

हर रोज सुबह के ठीक 7.58 बजे लोगों को सचेत करने के लिए शहर के 16 स्थानों पर सार्वजनिक संबोधन की व्यवस्था की गई है. यहां से तेलुगू और हिंदी में घोषणा की जाती है और दो सेकंड बाद राष्ट्रगान बजना शुरू होता है.

jammikunta etv bharat
राष्ट्रगान के लिए खड़े लोग. (IANS)

इस दौरान वाहनों का आवागमन रुक जाता है और लोग पैदल चलना बंद कर देते हैं. सभी कुछ चंद सेकेंड के लिए थम जाता है. राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने के लिए ऑफिस जाने वाले लोग, श्रमिक और स्कूली बच्चे 52 सेकंड तक रुकते हैं.

जैसे ही राष्ट्रगान खत्म होता है देशभक्ति गाने बजाए जाते हैं, लेकिन लोग फिर आगे बढ़ जाते हैं और अपनी दिनचर्या में व्यस्त हो जाते हैं.

पिछले दो वर्षो में शहर की पुलिस ने वॉलिंटियर्स की मदद से नागरिकों को राष्ट्रगान के प्रति सम्मान करने का प्रशिक्षण दिया है. लोग अब इसके आदी हो गए हैं. हर दिन वे इसके लिए तैयार रहते हैं.

jammikunta etv bharat
राष्ट्रगान के लिए खड़े लोग. (सौ: फेसबुक@jammikunta)

दो साल पहले जम्मीकुंटा पुलिस इंस्पेक्टर पिंगिली प्रशांत रेड्डी ने लोगों में देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने के लिए इस अभ्यास की शुरुआत की और उनका ये प्रयास सफल भी हुआ.

रेड्डी ने कहा, 'जब सर्वोच्च न्यायालय ने सिनेमाघरों में हर शो से पहले राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य कर दिया, तो मैंने सोचा कि क्यों न शहर स्तर पर भी यही काम किया जाए. इस विचार को समाज के सभी वर्गो के लोगों का अच्छा समर्थन मिला.'

करीमनगर जिले के पुलिस अधीक्षक कमलासन रेड्डी सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके विचार की सराहना की. साथ ही उन्होंने जल्द से जल्द विभिन्न स्थानों पर 16 लाउड स्पीकर लगाए.

jammikunta etv bharat
राष्ट्रगान के लिए खड़े लोग. (सौ: फेसबुक@jammikunta)

पुलिस अधिकारी को लगता है कि नागरिकों में देशभक्ति और गर्व की भावना पैदा करने के अलावा, राष्ट्रगान के साथ दिन की शुरुआत करना उन्हें दिन भर सक्रिय रखने में मददगार हो सकता है.

जम्मीकुंटा के इस अभ्यास से प्रेरित होकर, 2018 में पेद्दापल्ली जिले के गोदावरीखानी शहर में इसी तरह की पहल की गई. वहां पर भी लोगों को ऐसा करने में सफलता हासिल हुई.

गोदावरीखानी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड ट्रेड ने स्थानीय अधिकारियों की मदद से 25 जगहों पर सार्वजनिक संबोधन की व्यवस्था प्रणाली स्थापित की और पूरे शहर में 111 राष्ट्रीय ध्वज फहराए गए.

(आईएएनएस इनपुट)

हैदराबाद: तेलंगाना के एक कस्बे जम्मीकुंटा में जीवन हर दिन सुबह 8 बजे एक मिनट ठहर सा जाता है, क्योंकि यहां लोग राष्ट्रगान गाने के लिए हर रोज एक मिनट रुक जाते हैं. 15 अगस्त 2017 से लोग हर दिन इसे नित क्रिया की तरह ही कर रहे हैं. ये कस्बा हैदराबाद से 140 किलोमीटर दूर स्थित करीमनगर जिले में स्थित स्थित है

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जम्मीकुंटा की पहचान है ये गांधी चौक. (सौ: फेसबुक@jammikunta)

लोकल पुलिस इंस्पेक्टर की यह एक पहल है. इसका उद्देश्य लोगों में देशभक्ति की भावना जगाना है.

हर रोज सुबह के ठीक 7.58 बजे लोगों को सचेत करने के लिए शहर के 16 स्थानों पर सार्वजनिक संबोधन की व्यवस्था की गई है. यहां से तेलुगू और हिंदी में घोषणा की जाती है और दो सेकंड बाद राष्ट्रगान बजना शुरू होता है.

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राष्ट्रगान के लिए खड़े लोग. (IANS)

इस दौरान वाहनों का आवागमन रुक जाता है और लोग पैदल चलना बंद कर देते हैं. सभी कुछ चंद सेकेंड के लिए थम जाता है. राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने के लिए ऑफिस जाने वाले लोग, श्रमिक और स्कूली बच्चे 52 सेकंड तक रुकते हैं.

जैसे ही राष्ट्रगान खत्म होता है देशभक्ति गाने बजाए जाते हैं, लेकिन लोग फिर आगे बढ़ जाते हैं और अपनी दिनचर्या में व्यस्त हो जाते हैं.

पिछले दो वर्षो में शहर की पुलिस ने वॉलिंटियर्स की मदद से नागरिकों को राष्ट्रगान के प्रति सम्मान करने का प्रशिक्षण दिया है. लोग अब इसके आदी हो गए हैं. हर दिन वे इसके लिए तैयार रहते हैं.

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राष्ट्रगान के लिए खड़े लोग. (सौ: फेसबुक@jammikunta)

दो साल पहले जम्मीकुंटा पुलिस इंस्पेक्टर पिंगिली प्रशांत रेड्डी ने लोगों में देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने के लिए इस अभ्यास की शुरुआत की और उनका ये प्रयास सफल भी हुआ.

रेड्डी ने कहा, 'जब सर्वोच्च न्यायालय ने सिनेमाघरों में हर शो से पहले राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य कर दिया, तो मैंने सोचा कि क्यों न शहर स्तर पर भी यही काम किया जाए. इस विचार को समाज के सभी वर्गो के लोगों का अच्छा समर्थन मिला.'

करीमनगर जिले के पुलिस अधीक्षक कमलासन रेड्डी सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके विचार की सराहना की. साथ ही उन्होंने जल्द से जल्द विभिन्न स्थानों पर 16 लाउड स्पीकर लगाए.

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राष्ट्रगान के लिए खड़े लोग. (सौ: फेसबुक@jammikunta)

पुलिस अधिकारी को लगता है कि नागरिकों में देशभक्ति और गर्व की भावना पैदा करने के अलावा, राष्ट्रगान के साथ दिन की शुरुआत करना उन्हें दिन भर सक्रिय रखने में मददगार हो सकता है.

जम्मीकुंटा के इस अभ्यास से प्रेरित होकर, 2018 में पेद्दापल्ली जिले के गोदावरीखानी शहर में इसी तरह की पहल की गई. वहां पर भी लोगों को ऐसा करने में सफलता हासिल हुई.

गोदावरीखानी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड ट्रेड ने स्थानीय अधिकारियों की मदद से 25 जगहों पर सार्वजनिक संबोधन की व्यवस्था प्रणाली स्थापित की और पूरे शहर में 111 राष्ट्रीय ध्वज फहराए गए.

(आईएएनएस इनपुट)

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