नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आनंद विहार में प्रवासी मजदूरों के एकत्र होने और निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के लोगों के शामिल होने पर चिंता व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि इन दो घटनाओं ने कोरोना वायरस के खिलाफ हमारे प्रयासों को धक्का पहुंचाया है. राष्ट्रपति भवन के बयान में यह बात कही गई है.
इस संदर्भ में कोविंद ने देश के कुछ हिस्सों में डाक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस कर्मियों पर हमलों की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की.
राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड-19 से मुकाबला करने में देश के लोगों ने अपूर्व साहस, अनुशासन और एकजुटता का प्रदर्शन किया है.
उन्होंने हालांकि आनंद विहार में प्रवासी मजदूरों के एकत्र होने और निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के लोगों के शामिल होने की दो घटनाओं पर चिंता व्यक्त की जिससे कोरोना के खिलाफ प्रयासों को धक्का पहुंचा है.
उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को भोजन और अन्य जरूरी सामग्री मिल रही है, ऐसे में सामाजिक दूरी के संकल्प का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए.
वहीं, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने अपने ट्वीट में कहा, 'आज मैंने प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों तथा उप राज्यपालों से आग्रह किया कि वे अपने राज्यों में धर्म गुरुओं से संपर्क करें और उन्हें सलाह दें कि वे अपने अनुयायियों को भीड़ भाड़ वाले धार्मिक आयोजन करने से रोकें तथा कोविड 19 संक्रमण को सीमित रखने के लिए सामाजिक व्यवहार में परस्पर दूरी अपनाएं.
उन्होंने कहा, 'मैंने राज्यपालों तथा उप राज्यपालों से कहा कि कृषि उत्पादों की कटाई, भंडारण तथा खरीद के लिए प्रबंध करने पर विशेष ध्यान दें, राजकीय एजेंसियां कृषि उपकरणों के निर्बाध आवागमन और उपलब्धता को सुनिश्चित करें जिससे किसानों को किसी कठिनाई का सामना न करना पड़े.' वेंकैया नायडू ने कहा कि वह हाल में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हुई अक्षम्य हिंसा की निन्दा करते हैं.
उन्होंने कहा कि हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह उन स्वास्थ्य कर्मियों की रक्षा करे जो व्यक्तिगत खतरा मोल ले कर भी संक्रमित रोगियों की सेवा में लगे हैं.