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श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के एलान की टाइमिंग पर सीपीआई ने उठाए सवाल - सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा

पीएम मोदी द्वारा किए गए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के एलान ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के साथ एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह आने वाली दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने फायदे के लिए यह कदम उठा रही है.

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सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा
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Published : Feb 5, 2020, 11:57 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 8:46 AM IST

नई दिल्ली : भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना से संबंधित राजपत्र अधिसूचना जारी की है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज संसद में पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट का एलान कर दिया.

पीएम मोदी द्वारा किए गए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ऐलान ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के साथ एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह आने वाली दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने फायदे के लिए यह कदम उठा रही है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा

पढ़ें : श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्टियों के नाम आए सामने, के. पारासरन होंगे अध्यक्ष

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने कहा कि अब घोषणा क्यों ? प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी बाद में भी ऐलान कर सकते थे सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया था, लेकिन जब दिल्ली में अगले कुछ दिनों में चुनाव हो रहे हैं, तो ऐसी घोषणा बाद में की जा सकती है.

उन्होंने दावा किया कि घोषणा दिल्ली चुनाव को ध्यान में रखते हुए की गई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भी घोषणा के समय पर सवाल उठाया है.
साथ ही एआईएमआईएम प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी कहा कि संसद का सत्र 11 फरवरी को समाप्त होगा, यह घोषणा 8 फरवरी के बाद हो सकती है, लेकिन ऐसा लगता है कि भाजपा दिल्ली चुनाव के लिए चिंतित है.

इस बीच, राजा ने जम्मू -कश्मीर में हाउस अरेस्ट में वर्तमान में राजनीतिक नेताओं की तत्काल रिहाई की भी मांग की. राजा ने कहा, जम्मू-कश्मीर में नेताओं को छह महीने से अधिक समय हो गया है, फिर भी वे गिरफ्तार हैं. ऐसा क्यों? यदि जम्मू-कश्मीर में शांति बनी हुई है, तो वे अभी भी गिरफ्तारी पर क्यों चल रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला अभी भी हिरासत में हैं.

उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार ने कश्मीर मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ले लिया है. यदि कश्मीर में शांति बनी हुई है तो हमें (भारतीय राजनेताओं) को जाने की अनुमति नहीं है ... इसके विपरीत सरकार विदेशी दूतों और यूरोपीय संघ के सदस्यों की यात्रा की व्यवस्था कर रही है.'

नई दिल्ली : भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना से संबंधित राजपत्र अधिसूचना जारी की है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज संसद में पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट का एलान कर दिया.

पीएम मोदी द्वारा किए गए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ऐलान ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के साथ एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह आने वाली दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने फायदे के लिए यह कदम उठा रही है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा

पढ़ें : श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्टियों के नाम आए सामने, के. पारासरन होंगे अध्यक्ष

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने कहा कि अब घोषणा क्यों ? प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी बाद में भी ऐलान कर सकते थे सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया था, लेकिन जब दिल्ली में अगले कुछ दिनों में चुनाव हो रहे हैं, तो ऐसी घोषणा बाद में की जा सकती है.

उन्होंने दावा किया कि घोषणा दिल्ली चुनाव को ध्यान में रखते हुए की गई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भी घोषणा के समय पर सवाल उठाया है.
साथ ही एआईएमआईएम प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी कहा कि संसद का सत्र 11 फरवरी को समाप्त होगा, यह घोषणा 8 फरवरी के बाद हो सकती है, लेकिन ऐसा लगता है कि भाजपा दिल्ली चुनाव के लिए चिंतित है.

इस बीच, राजा ने जम्मू -कश्मीर में हाउस अरेस्ट में वर्तमान में राजनीतिक नेताओं की तत्काल रिहाई की भी मांग की. राजा ने कहा, जम्मू-कश्मीर में नेताओं को छह महीने से अधिक समय हो गया है, फिर भी वे गिरफ्तार हैं. ऐसा क्यों? यदि जम्मू-कश्मीर में शांति बनी हुई है, तो वे अभी भी गिरफ्तारी पर क्यों चल रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला अभी भी हिरासत में हैं.

उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार ने कश्मीर मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ले लिया है. यदि कश्मीर में शांति बनी हुई है तो हमें (भारतीय राजनेताओं) को जाने की अनुमति नहीं है ... इसके विपरीत सरकार विदेशी दूतों और यूरोपीय संघ के सदस्यों की यात्रा की व्यवस्था कर रही है.'

Intro:New Delhi: The announcement for Sri Ram Janambhumi Teertha Khestra Trust being made by Prime Minister Narendra Modi in the Parliament on Weednesday raised a big controversy with the Communist Party of India (CPI) alleging the BJP of taking its advantage in the coming Delhi Assembly election.


Body:"Why the announcement now! Prime Minister Narendra Modi could claim that the decision was taken keeping in mind Supreme Court's order, but when Delhi is having election in next few days, such announcement could be done later," said D Raja, CPI national general secretary while talking to ETV Bharat.

He claimed that the announcement was made keeping in mind the Delhi election.

In fact, Congress and other opposition parties too have raised question on the timing of the announcements.

The AIMIM chief and Lok Sabha MP Asaduddin Owaisi said that the session of the Parliament will end on February 11, "the announcement could have come after February 8...seems like BJP is worried over Delhi election."


Conclusion:Meanwhile, Raja also demanded immediate release of political leaders currently in "house arrest" in Jammu & Kashmir.

"It's more than six months the political leaders in J&K are still in house arrest. Why so? If peace have come to J&K, why they are still under house arrest," said Raja, a former MP.

He said that Former J&K Chief Minister and sitting Lok Sabha MP Farooq Abdullah is still in custody.

"This government has taken the Kashmir issue at the international platform. If peace has prevailed in Kashmir why we (Indian politicians) are not allowed to visit...on the contrary Government is arranging visit of foreign envoys and European Union members," said Raja.

In the Lok Sabah, Congress boycott the proceedings of the House for a short time after they did not get any reply from the Government on J&K and the release of political leaders.

end.
Last Updated : Feb 29, 2020, 8:46 AM IST
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