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रक्षा मंत्री ने सियाचिन में सेना के जवानों और उनके कुलियों की मौत पर जताया शोक

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Published : Nov 19, 2019, 12:50 PM IST

रक्षा मंत्री ने सियाचिन में सेना के जवानों और उनके कुलियों की मौत पर शोक जताया है. बता दें, सेना के चार जवानों समेत छह लोगों की जान गई है.

राजनाथ सिंह.

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सियाचिन ग्लेशियर पर हिमस्खलन की चपेट में आने से सेना के जवानों और उनके कुलियों की मौत पर मंगलवार को शोक जताया. सियाचिन ग्लेशियर के उत्तरी हिस्से में सोमवार को दोपहर बाद हुए हिमस्खलन की चपेट में आने के कारण सेना के चार जवानों और दो कुलियों की मौत हो गई थी

सिंह ने ट्वीट किया, 'सियाचिन में हिमस्खलन की चपेट में आने से जवानों और कुलियों की मौत से गहरा दुख पहुंचा है. मैं उनके साहस और राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा के लिए उन्हें सलाम करता हूं. उनके परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं.'

rajnath singh
राजनाथ सिंह का ट्वीट.

अधिकारियों ने बताया कि सेना के छह कर्मियों समेत आठ लोगों का एक समूह दोपहर बाद तीन बजे 19 हजार फुट की ऊंचाई पर हुए हिमस्खलन की चपेट में आ गया था.

उन्होंने बताया कि पास की चौकी से राहत एवं बचाव दल मौके पर पहुंच गए थे. इस घटना में सेना के दो जवान बच गए. अधिकारी ने बताया, 'हिमस्खलन के कारण बर्फ में दबे सभी आठ लोगों को बाहर निकाल लिया गया. उनमें से सात गंभीर रूप से घायल थे.'

पढ़ें: सियाचिन में हिमस्खलन, सेना के चार जवानों समेत छह की मौत

अधिकारी ने बताया कि सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के बाजवूद हाइपोथर्मिया (अत्यधिक सर्दी) की वजह से चार सैनिकों एवं दो नागरिकों की मौत हो गयी.

सियाचिन ग्लेशियर काराकोरम पर्वत श्रृंखला पर 20 हजार फीट की ऊंचाई पर है और यह दुनिया का सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र है. सर्दियों के मौसम में यहां जवानों का सामना अक्सर बर्फीले तूफान से होता है. पारा भी यहां जवानों का दुश्मन बनता है और इलाके में तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है.

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सियाचिन ग्लेशियर पर हिमस्खलन की चपेट में आने से सेना के जवानों और उनके कुलियों की मौत पर मंगलवार को शोक जताया. सियाचिन ग्लेशियर के उत्तरी हिस्से में सोमवार को दोपहर बाद हुए हिमस्खलन की चपेट में आने के कारण सेना के चार जवानों और दो कुलियों की मौत हो गई थी

सिंह ने ट्वीट किया, 'सियाचिन में हिमस्खलन की चपेट में आने से जवानों और कुलियों की मौत से गहरा दुख पहुंचा है. मैं उनके साहस और राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा के लिए उन्हें सलाम करता हूं. उनके परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं.'

rajnath singh
राजनाथ सिंह का ट्वीट.

अधिकारियों ने बताया कि सेना के छह कर्मियों समेत आठ लोगों का एक समूह दोपहर बाद तीन बजे 19 हजार फुट की ऊंचाई पर हुए हिमस्खलन की चपेट में आ गया था.

उन्होंने बताया कि पास की चौकी से राहत एवं बचाव दल मौके पर पहुंच गए थे. इस घटना में सेना के दो जवान बच गए. अधिकारी ने बताया, 'हिमस्खलन के कारण बर्फ में दबे सभी आठ लोगों को बाहर निकाल लिया गया. उनमें से सात गंभीर रूप से घायल थे.'

पढ़ें: सियाचिन में हिमस्खलन, सेना के चार जवानों समेत छह की मौत

अधिकारी ने बताया कि सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के बाजवूद हाइपोथर्मिया (अत्यधिक सर्दी) की वजह से चार सैनिकों एवं दो नागरिकों की मौत हो गयी.

सियाचिन ग्लेशियर काराकोरम पर्वत श्रृंखला पर 20 हजार फीट की ऊंचाई पर है और यह दुनिया का सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र है. सर्दियों के मौसम में यहां जवानों का सामना अक्सर बर्फीले तूफान से होता है. पारा भी यहां जवानों का दुश्मन बनता है और इलाके में तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 11:39 HRS IST




             
  • रक्षा मंत्री ने सियाचिन में सेना के जवानों और उनके कुलियों की मौत पर शोक जताया



नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सियाचिन ग्लेशियर पर हिमस्खलन की चपेट में आने से सेना के जवानों और उनके कुलियों की मौत पर मंगलवार को शोक जताया।



सियाचिन ग्लेशियर के उत्तरी हिस्से में सोमवार को दोपहर बाद हुए हिमस्खलन की चपेट में आने के कारण सेना के चार जवानों और दो कुलियों की मौत हो गई थी।



सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘ सियाचिन में हिमस्खलन की चपेट में आने से जवानों और कुलियों की मौत से गहरा दुख पहुंचा है। मैं उनके साहस और राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा के लिए उन्हें सलाम करता हूं। उनके परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।’’



अधिकारियों ने बताया कि सेना के छह कर्मियों समेत आठ लोगों का एक समूह दोपहर बाद तीन बजे 19 हजार फुट की ऊंचाई पर हुए हिमस्खलन की चपेट में आ गया था।



उन्होंने बताया कि पास की चौकी से राहत एवं बचाव दल मौके पर पहुंच गए थे। इस घटना में सेना के दो जवान बच गए।



अधिकारी ने बताया, ‘‘हिमस्खलन के कारण बर्फ में दबे सभी आठ लोगों को बाहर निकाल लिया गया। उनमें से सात गंभीर रूप से घायल थे।’’



अधिकारी ने बताया कि सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के बाजवूद हाइपोथर्मिया (अत्यधिक सर्दी) की वजह से चार सैनिकों एवं दो नागरिकों की मौत हो गयी।



सियाचिन ग्लेशियर काराकोरम पर्वत श्रृंखला पर 20 हजार फीट की ऊंचाई पर है और यह दुनिया का सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र है।



सर्दियों के मौसम में यहां जवानों का सामना अक्सर बर्फीले तूफान से होता है। पारा भी यहां जवानों का दुश्मन बनता है और इलाके में तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है।


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