नई दिल्ली: भारत के जल पुरुष से नवाजे गए रमन मैग्सेसे अवार्ड के विनर राजेंद्र सिंह ने कहा कि जल शक्ति का ठीक से उपयोग करने के लिए जनशक्ति को जुड़ना बहुत ही जरुरी है. शिवा सरकार जो रिवर बेसिन मैनेजमेंट बिल लेकर आ रही है वो सब एक दिखावा है. इसमें पानी को निजी कंपनियों के हाथ में सौंप दिया जाएगा
भारत के जल पुरुष से नवाजे गए रमन मैग्सेसे अवार्ड के विनर राजेंद्र सिंह ने बाढ़ सूखे की स्थिति जो बनी हुई है उससे निपटने के लिए सबको साथ मिलकर काम करना होगा.
उन्होंने कहा कि 2019 का जो साल है वह बाढ़ और सुखाड़ का साल है. सिंह ने कहा कि अब तक आधा से ज्यादा भाग सूखाड़ में था और बाढ़ में है. उन्होंने कहा कि ऐसे हालात तब आते हैं जब पानी के साथ मिट्टी बह जाती है और वह मिट्टी नदी में जम जाती है इस वजह से नदी का कद ऊंचा ऊठ जाता है फिर नदी में पानी की जगह रेत बहती है और पानी गांवो और शहरों में भर जाता है. इस वजह से बाढ़ आ जाती है.
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राजेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने राजस्थान के लोगों से मिलकर ऐसा काम किया जिसमें राजस्थान के कई गांवों में पानी नहीं था और जिन गांवों में पानी था उसे लेकर उन गांव में पानी पहुंचाया गया जहां पानी नहीं पहुंच पा रहा था. लोगों को भी वैंसा ही काम करना चाहिए.
राजेंद्र सिंह ने आरोप लगाया सरकार जो रिवर बेसिन मैनेजमेंट बिल लेकर आ रही है इसमें पानी का मालिकाना हक निजी कंपनियों को दिया जा सकता है मगर उससे पहले ही 18 गांव में फ्रांस की दो निजी कंपनियों ने पानी का मालिकाना हक लेकर वहां पर पानी का निजीकरण की शुरुआत कर दी है जो एक तरह से देश के लिए बहुत ही खतरनाक स्थिति है अगर इस पर कोई सख्त कदम नहीं उठाए गए तो पानी भी निजी कंपनियों के हाथ में चला जाएगा.