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गुर्जर आरक्षण पर उग्र आंदोलन की चेतावनी, सरकार ने लिए अहम फैसले

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Published : Oct 29, 2020, 11:08 PM IST

Updated : Oct 30, 2020, 6:22 AM IST

गुर्जर आरक्षण मामले को लेकर गहलोत सरकार की ओर से 3 बड़ी घोषणाएं की गई हैं. गुरुवार को मंत्री अशोक चांदना और रघु शर्मा ने कहा कि सरकार टेबल पर बैठकर वार्ता करनी चाहती है और यह आंदोलन वार्ता से ही समाप्त होगा.

अशोक गहलोत
अशोक गहलोत

जयपुर : गुर्जर आरक्षण मामले को लेकर सरकार ने 3 बड़ी घोषणा की है. गुरुवार को सरकार और गुर्जर प्रतिनिधिमंडल की एक वार्ता होनी थी, लेकिन गुर्जर प्रतिनिधिमंडल से कोई भी व्यक्ति वार्ता के लिए जयपुर नहीं पहुंचा. ऐसे में सरकार की ओर से एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जहां अशोक गहलोत सरकार के दो मंत्री अशोक चांदना और रघु शर्मा ने मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि सरकार टेबल पर बैठकर वार्ता करना चाहती है और यह आंदोलन वार्ता से ही समाप्त होगा.

बैठक में लिए गए तीन बड़े निर्णय
मामले को लेकर मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि सरकार की ओर से गुर्जर आरक्षण समिति की मांगों को लेकर सरकार की ओर से एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें तीन बड़े निर्णय लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि गुर्जर आंदोलन के दौरान घायल हुए कैलाश गुर्जर, मान सिंह गुर्जर और बद्री गुर्जर की मौत हो गई थी. जिसके मद्देनजर सामाजिक स्तर पर सहायता जुटाकर मंत्री अशोक चांदना की ओर से प्रत्येक परिवार को 5 लाख की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.

मंत्री अशोक चांदना का बयान

अति पिछड़ा वर्ग के जिन 1252 अभ्यर्थियों का प्रोबेशन पूर्ण हो चुका है उन सभी अभ्यर्थियों को प्रोबेशन पूरा होने पर रेगुलर पे स्केल दिया जाएगा. साथ ही राज्य सरकार की ओर से अति पिछड़ा वर्ग हेतु आरक्षण से संबंधित प्रावधान को नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए पहले भी भारत सरकार को पत्र लिखा गया है. ऐसे में एक बार फिर से आरक्षण प्रावधान को नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा केंद्र को पत्र लिखा जाएगा. वहीं, मंत्री रघु शर्मा ने यह भी कहा कि प्रतिनिधिमंडल यदि वार्ता करना चाहता है तो सरकार पूरी तरीके से तैयार है. इससे पहले भी वार्ता के माध्यम से ही मामला हल करने की कोशिश की गई थी.

आंदोलन की चेतावनी
गौरतलब है कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने 1 नवंबर से आंदोलन की चेतावनी दे रखी है. सरकार की ओर से वार्ता के निमंत्रण पर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में यह साफ कर दिया था कि अब वह सरकार से किसी तरह की टेबल टॉक नहीं करेंगे. उनकी सिर्फ जो मांगे हैं वह पूर्ण रूप से चाहिए.

मंत्री रघु शर्मा का बयान

विजय बैंसला ने यह भी साफ कर दिया था कि इस बार गुर्जर अगर पटरी पर बैठे तो नियुक्ति पत्र लेकर ही उठेंगे. गुर्जर संघर्ष समिति की ओर से दी गई चेतावनी के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बुधवार देर रात को अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर गुर्जर संघर्ष समिति की मांगों को समाधान को लेकर निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री से मिले निर्देश के बाद ही गुरुवार को मंत्रिमंडल सब कमेटी की बैठक पहले तो 4:00 बजे बुलाई गई थी, लेकिन 52 गुर्जर संघर्ष समिति के प्रतिनिधि के नहीं आने पर यह बैठक खेल मंत्री अशोक चांदना के निवास पर हुई.

इससे पहले गुर्जर समाज के लोगों के साथ बैठक आयोजित हुई. बैठक में गुर्जर समाज की मांगों को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान समाज के लोगों ने गुर्जर समाज को पांच फीसदी आरक्षण देने समेत अन्य मांगों के बारे में भी पुलिस अधिकारियों को बताया.

साथ ही समाज के लोगों ने कहा कि सरकार के पास गुर्जर समाज की मांगों को पूरा करने के लिए अब सिर्फ दो दिन ही बचे हैं. यदि दो दिन में मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन होना तय है. बयाना के पुलिस अधिकारियों ने सीएलजी बैठक के बहाने गुर्जर समाज में आंदोलन को लेकर चल रही चर्चाओं और तैयारियों का फीडबैक लिया.

गुर्जर आरक्षण.

मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन होना तय...

बैठक के दौरान गुर्जर समाज के श्रीराम बैंसला ने कहा कि सरकार गुर्जर समाज को ना तो 5 फीसदी आरक्षण दे रही है, ना तीन मृतकों को शहीद का दर्जा और परिजनों को सुविधा दे रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि समाज को देवनारायण योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है. बैंसला ने कहा कि अब सरकार के पास समझौते की पालना करने के लिए सिर्फ 2 दिन का समय बचा है. यदि इन 2 दिनों में उन्होंने हमारी मांग पूरी कर ली तो ठीक है अन्यथा आंदोलन होना तय है.

सरकार मांगों को जल्द पूरा करे...

पूर्व सरपंच यादराम गुर्जर ने कहा कि गुर्जर समाज के लोगों के खिलाफ पुलिस ने तमाम मुकदमे दर्ज कर रखे हैं, जिनको अभी तक वापस नहीं लिया गया है. साथ ही यादराम गुर्जर ने कहा कि 3 शहीदों के परिजनों को सरकार की ओर से अभी तक ना तो आर्थिक सहायता दी गई है और ना ही किसी को सरकारी नौकरी. ऐसे में सरकार 5 फीसदी आरक्षण के साथ ही इन तमाम मांगों को जल्द से जल्द पूरा करे.

सरकार के पास 31 अक्टूबर तक का समय

गौरतलब है कि गुर्जर समाज ने सरकार को 31 अक्टूबर तक मांग पूरी नहीं करने पर 1 नवंबर से आंदोलन करने की चेतावनी दी है. सरकार ने गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति को वार्ता के लिए जयपुर आने का निमंत्रण दिया, जिसे गुर्जर समाज के नेताओं ने ठुकरा दिया है. ऐसे में अब स्थानीय पुलिस प्रशासन गुर्जर समाज के लोगों के साथ बैठक कर आंदोलन की तैयारियों का फीडबैक लेने का प्रयास कर रहा है.

जयपुर : गुर्जर आरक्षण मामले को लेकर सरकार ने 3 बड़ी घोषणा की है. गुरुवार को सरकार और गुर्जर प्रतिनिधिमंडल की एक वार्ता होनी थी, लेकिन गुर्जर प्रतिनिधिमंडल से कोई भी व्यक्ति वार्ता के लिए जयपुर नहीं पहुंचा. ऐसे में सरकार की ओर से एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जहां अशोक गहलोत सरकार के दो मंत्री अशोक चांदना और रघु शर्मा ने मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि सरकार टेबल पर बैठकर वार्ता करना चाहती है और यह आंदोलन वार्ता से ही समाप्त होगा.

बैठक में लिए गए तीन बड़े निर्णय
मामले को लेकर मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि सरकार की ओर से गुर्जर आरक्षण समिति की मांगों को लेकर सरकार की ओर से एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें तीन बड़े निर्णय लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि गुर्जर आंदोलन के दौरान घायल हुए कैलाश गुर्जर, मान सिंह गुर्जर और बद्री गुर्जर की मौत हो गई थी. जिसके मद्देनजर सामाजिक स्तर पर सहायता जुटाकर मंत्री अशोक चांदना की ओर से प्रत्येक परिवार को 5 लाख की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.

मंत्री अशोक चांदना का बयान

अति पिछड़ा वर्ग के जिन 1252 अभ्यर्थियों का प्रोबेशन पूर्ण हो चुका है उन सभी अभ्यर्थियों को प्रोबेशन पूरा होने पर रेगुलर पे स्केल दिया जाएगा. साथ ही राज्य सरकार की ओर से अति पिछड़ा वर्ग हेतु आरक्षण से संबंधित प्रावधान को नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए पहले भी भारत सरकार को पत्र लिखा गया है. ऐसे में एक बार फिर से आरक्षण प्रावधान को नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा केंद्र को पत्र लिखा जाएगा. वहीं, मंत्री रघु शर्मा ने यह भी कहा कि प्रतिनिधिमंडल यदि वार्ता करना चाहता है तो सरकार पूरी तरीके से तैयार है. इससे पहले भी वार्ता के माध्यम से ही मामला हल करने की कोशिश की गई थी.

आंदोलन की चेतावनी
गौरतलब है कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने 1 नवंबर से आंदोलन की चेतावनी दे रखी है. सरकार की ओर से वार्ता के निमंत्रण पर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में यह साफ कर दिया था कि अब वह सरकार से किसी तरह की टेबल टॉक नहीं करेंगे. उनकी सिर्फ जो मांगे हैं वह पूर्ण रूप से चाहिए.

मंत्री रघु शर्मा का बयान

विजय बैंसला ने यह भी साफ कर दिया था कि इस बार गुर्जर अगर पटरी पर बैठे तो नियुक्ति पत्र लेकर ही उठेंगे. गुर्जर संघर्ष समिति की ओर से दी गई चेतावनी के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बुधवार देर रात को अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर गुर्जर संघर्ष समिति की मांगों को समाधान को लेकर निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री से मिले निर्देश के बाद ही गुरुवार को मंत्रिमंडल सब कमेटी की बैठक पहले तो 4:00 बजे बुलाई गई थी, लेकिन 52 गुर्जर संघर्ष समिति के प्रतिनिधि के नहीं आने पर यह बैठक खेल मंत्री अशोक चांदना के निवास पर हुई.

इससे पहले गुर्जर समाज के लोगों के साथ बैठक आयोजित हुई. बैठक में गुर्जर समाज की मांगों को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान समाज के लोगों ने गुर्जर समाज को पांच फीसदी आरक्षण देने समेत अन्य मांगों के बारे में भी पुलिस अधिकारियों को बताया.

साथ ही समाज के लोगों ने कहा कि सरकार के पास गुर्जर समाज की मांगों को पूरा करने के लिए अब सिर्फ दो दिन ही बचे हैं. यदि दो दिन में मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन होना तय है. बयाना के पुलिस अधिकारियों ने सीएलजी बैठक के बहाने गुर्जर समाज में आंदोलन को लेकर चल रही चर्चाओं और तैयारियों का फीडबैक लिया.

गुर्जर आरक्षण.

मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन होना तय...

बैठक के दौरान गुर्जर समाज के श्रीराम बैंसला ने कहा कि सरकार गुर्जर समाज को ना तो 5 फीसदी आरक्षण दे रही है, ना तीन मृतकों को शहीद का दर्जा और परिजनों को सुविधा दे रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि समाज को देवनारायण योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है. बैंसला ने कहा कि अब सरकार के पास समझौते की पालना करने के लिए सिर्फ 2 दिन का समय बचा है. यदि इन 2 दिनों में उन्होंने हमारी मांग पूरी कर ली तो ठीक है अन्यथा आंदोलन होना तय है.

सरकार मांगों को जल्द पूरा करे...

पूर्व सरपंच यादराम गुर्जर ने कहा कि गुर्जर समाज के लोगों के खिलाफ पुलिस ने तमाम मुकदमे दर्ज कर रखे हैं, जिनको अभी तक वापस नहीं लिया गया है. साथ ही यादराम गुर्जर ने कहा कि 3 शहीदों के परिजनों को सरकार की ओर से अभी तक ना तो आर्थिक सहायता दी गई है और ना ही किसी को सरकारी नौकरी. ऐसे में सरकार 5 फीसदी आरक्षण के साथ ही इन तमाम मांगों को जल्द से जल्द पूरा करे.

सरकार के पास 31 अक्टूबर तक का समय

गौरतलब है कि गुर्जर समाज ने सरकार को 31 अक्टूबर तक मांग पूरी नहीं करने पर 1 नवंबर से आंदोलन करने की चेतावनी दी है. सरकार ने गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति को वार्ता के लिए जयपुर आने का निमंत्रण दिया, जिसे गुर्जर समाज के नेताओं ने ठुकरा दिया है. ऐसे में अब स्थानीय पुलिस प्रशासन गुर्जर समाज के लोगों के साथ बैठक कर आंदोलन की तैयारियों का फीडबैक लेने का प्रयास कर रहा है.

Last Updated : Oct 30, 2020, 6:22 AM IST
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