नई दिल्लीः राहुल के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद से कांग्रेस शासित प्रदेशों के नेता राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर बने रहने की जद्दोजहद कर रहे हैं.
आपको बता दें कि, हार के सवा महीने बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़, पुडुचेरी और पंजाब के मुख्यमंत्री राहुल गांधी से मिले और उनसे कहा आप जो चाहे करें. लगभग डेढ़ घंटे की बैठक के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बात की.
मीडिया से बातचीत के दौरान गहलोत ने कहा, राहुल गांधी ने हमारी बात गौर से सुना. हम चुनाव हार गए क्योंकि सामने नरेंद्र मोदी ने झूठ की राजनीति की. सेना का इस्तेमाल किया. धर्म की राजनीति की, और हम उसके शिकार हो गए.
गहलोत ने आगे कहा, राहुल गांधी ने जमकर मेहनत की है. लेकन हार हमारी किस्मत में थी.
राजस्थान के सीएम ने राहुल गांधी से मिलने के बाद कहा, 'दूसरों ने देशभक्ति के नाम पर देश को गुमराह किया. मोदी जी ने सेना के पीछे छिपी राजनीति की, धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह किया. उन्होंने विकास, अर्थव्यवस्था और रोजगार के बारे में बात नहीं की.'
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने रिपोर्ट में कहा, कि उन्होंने और मध्यप्रदेश के सीएम ने राहुल गांधी से मुलाकात में इस्तीफे की पेशकश की.
बता दें राहुल को मनाने पहुंचे कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री यह बताने में असमर्थ थे कि राहुल गांधी उनकी बात माने या नहीं. वे यह बात बताने के लिए तैयार नहीं थे कि, इन पांचों मुख्यमंत्रियों ने मुलाकात के दौरान राहुल से समर्पण करने के लिए स्तीफे की पेशकश की या नहीं.
बताया जा रहा है कि राहुल नाराज इस बात को लेकर हैं, कि कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री ने हार की अपनी जिम्मेदारी लेकर जनता में संदेश नहीं दिया. इससे नाराज होकर राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया और अब वो इस्तीफा वापस लेने को तैयार नहीं है.
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हालांकि, CM अशोक गहलोत कह रहे हैं कि, कांग्रेस वर्किंग कमेटी में ही इस्तीफे की पेशकश हुई हार के बाद यह सामान्य प्रक्रिया है. कुछ भी नया नहीं है.
साफ है राहुल को मनाने आए कांग्रेस के कद्दावर नेता बैरंग लौट गए. राहुल को अपनी दिल की सुना तो गए लेकिन राहुल ने अपने दिल का क्या सुनाया सामने नहीं आया.