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राहुल से मिलने के बाद कांग्रेस शासित राज्यों के मुखिया ने कहा आप जो चाहे करें

राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद से उन्हें मनाने का दौर जारी है. लोकसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री राहुल गांधी से मिले. जानें राहुल गांधी से मिलने के बाद अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत के दौरान क्या कुछ कहा.......

राहुल से मिलने के बाद कांग्रेस शासित राज्यों के मुखिया
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Published : Jul 1, 2019, 9:17 PM IST

नई दिल्लीः राहुल के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद से कांग्रेस शासित प्रदेशों के नेता राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर बने रहने की जद्दोजहद कर रहे हैं.

आपको बता दें कि, हार के सवा महीने बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़, पुडुचेरी और पंजाब के मुख्यमंत्री राहुल गांधी से मिले और उनसे कहा आप जो चाहे करें. लगभग डेढ़ घंटे की बैठक के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बात की.

मीडिया से बातचीत के दौरान गहलोत ने कहा, राहुल गांधी ने हमारी बात गौर से सुना. हम चुनाव हार गए क्योंकि सामने नरेंद्र मोदी ने झूठ की राजनीति की. सेना का इस्तेमाल किया. धर्म की राजनीति की, और हम उसके शिकार हो गए.

राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद अशोक गहलोत ने दिया बयान, देखें वीडियो

गहलोत ने आगे कहा, राहुल गांधी ने जमकर मेहनत की है. लेकन हार हमारी किस्मत में थी.

राजस्थान के सीएम ने राहुल गांधी से मिलने के बाद कहा, 'दूसरों ने देशभक्ति के नाम पर देश को गुमराह किया. मोदी जी ने सेना के पीछे छिपी राजनीति की, धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह किया. उन्होंने विकास, अर्थव्यवस्था और रोजगार के बारे में बात नहीं की.'

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अशोक गहलोत ने पीएम पर निशाना साधा

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने रिपोर्ट में कहा, कि उन्होंने और मध्यप्रदेश के सीएम ने राहुल गांधी से मुलाकात में इस्तीफे की पेशकश की.

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अशोक गहलोत ने राहुल गांधी से मुलाकात के बाद बयान दिया

बता दें राहुल को मनाने पहुंचे कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री यह बताने में असमर्थ थे कि राहुल गांधी उनकी बात माने या नहीं. वे यह बात बताने के लिए तैयार नहीं थे कि, इन पांचों मुख्यमंत्रियों ने मुलाकात के दौरान राहुल से समर्पण करने के लिए स्तीफे की पेशकश की या नहीं.

बताया जा रहा है कि राहुल नाराज इस बात को लेकर हैं, कि कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री ने हार की अपनी जिम्मेदारी लेकर जनता में संदेश नहीं दिया. इससे नाराज होकर राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया और अब वो इस्तीफा वापस लेने को तैयार नहीं है.

पढ़ेंः वन अधिकारी से मारपीट मामला: जावड़ेकर बोले- नहीं बख्शा जाएगा आरोपियों को

हालांकि, CM अशोक गहलोत कह रहे हैं कि, कांग्रेस वर्किंग कमेटी में ही इस्तीफे की पेशकश हुई हार के बाद यह सामान्य प्रक्रिया है. कुछ भी नया नहीं है.

साफ है राहुल को मनाने आए कांग्रेस के कद्दावर नेता बैरंग लौट गए. राहुल को अपनी दिल की सुना तो गए लेकिन राहुल ने अपने दिल का क्या सुनाया सामने नहीं आया.

नई दिल्लीः राहुल के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद से कांग्रेस शासित प्रदेशों के नेता राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर बने रहने की जद्दोजहद कर रहे हैं.

आपको बता दें कि, हार के सवा महीने बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़, पुडुचेरी और पंजाब के मुख्यमंत्री राहुल गांधी से मिले और उनसे कहा आप जो चाहे करें. लगभग डेढ़ घंटे की बैठक के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बात की.

मीडिया से बातचीत के दौरान गहलोत ने कहा, राहुल गांधी ने हमारी बात गौर से सुना. हम चुनाव हार गए क्योंकि सामने नरेंद्र मोदी ने झूठ की राजनीति की. सेना का इस्तेमाल किया. धर्म की राजनीति की, और हम उसके शिकार हो गए.

राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद अशोक गहलोत ने दिया बयान, देखें वीडियो

गहलोत ने आगे कहा, राहुल गांधी ने जमकर मेहनत की है. लेकन हार हमारी किस्मत में थी.

राजस्थान के सीएम ने राहुल गांधी से मिलने के बाद कहा, 'दूसरों ने देशभक्ति के नाम पर देश को गुमराह किया. मोदी जी ने सेना के पीछे छिपी राजनीति की, धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह किया. उन्होंने विकास, अर्थव्यवस्था और रोजगार के बारे में बात नहीं की.'

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अशोक गहलोत ने पीएम पर निशाना साधा

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने रिपोर्ट में कहा, कि उन्होंने और मध्यप्रदेश के सीएम ने राहुल गांधी से मुलाकात में इस्तीफे की पेशकश की.

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अशोक गहलोत ने राहुल गांधी से मुलाकात के बाद बयान दिया

बता दें राहुल को मनाने पहुंचे कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री यह बताने में असमर्थ थे कि राहुल गांधी उनकी बात माने या नहीं. वे यह बात बताने के लिए तैयार नहीं थे कि, इन पांचों मुख्यमंत्रियों ने मुलाकात के दौरान राहुल से समर्पण करने के लिए स्तीफे की पेशकश की या नहीं.

बताया जा रहा है कि राहुल नाराज इस बात को लेकर हैं, कि कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री ने हार की अपनी जिम्मेदारी लेकर जनता में संदेश नहीं दिया. इससे नाराज होकर राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया और अब वो इस्तीफा वापस लेने को तैयार नहीं है.

पढ़ेंः वन अधिकारी से मारपीट मामला: जावड़ेकर बोले- नहीं बख्शा जाएगा आरोपियों को

हालांकि, CM अशोक गहलोत कह रहे हैं कि, कांग्रेस वर्किंग कमेटी में ही इस्तीफे की पेशकश हुई हार के बाद यह सामान्य प्रक्रिया है. कुछ भी नया नहीं है.

साफ है राहुल को मनाने आए कांग्रेस के कद्दावर नेता बैरंग लौट गए. राहुल को अपनी दिल की सुना तो गए लेकिन राहुल ने अपने दिल का क्या सुनाया सामने नहीं आया.

Intro:लोकसभा चुनाव में भारी हार के बाद कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री को राहुल गांधी से मिलने का अवसर मिल गया. राहुल को बनाने की जद्दोजहद में लगे कांग्रेस शासित राज्यों की मुखिया अलग अलग हर तरकीब करके थक चुके थे . राहुल उनसे मिलने को तैयार नहीं थे. हार के सवा महीने बाद राजस्थान ,मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ ,पांडिचेरी और पंजाब के मुख्यमंत्री राहुल गांधी से मिले और उनसे कहा आप जो चाहे शो करें. लगभग डेढ़ घंटे की बैठक के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने हमारी बात गौर से सुना. हम चुनाव हार गए क्योंकि सामने नरेंद्र मोदी ने झूठ की राजनीति की. सेना का इस्तेमाल किया. धर्म की राजनीति की . हम उसके शिकार हो गए.

गहलोत ने कहा राहुल गांधी ने जमकर मेहनत की लेकिन चुनाव हार हमारी किस्मत में थी. राहल को मनाने पहुंचे कांग्रेस शासित राज्य के मुख्यमंत्री यह बताने में असमर्थ थे कि राहुल ने उनकी बात माने या नहीं. वह यह बताने को तैयार नहीं हुए क्या इन पांचों ने राहुल के सामने समर्पण करने के लिए इस्तीफे की पेशकश की या नहीं .बताया जाता है कि राहुल नाराज इस बात को लेकर के हैं कि कांग्रेस शासित राज्य की मुख्यमंत्री ने हार की अपनी जिम्मेदारी लेकर जनता में संदेश नहीं दिया. इससे नाराज होकर राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया और अब वो इस्तीफा वापस लेने को तैयार नहीं है.


Body:कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अंदर इस बात को लेकर भारी निराशा है कि राहुल गांधी गुमसुम है और वह अपना इस्तीफा देने के बाद किसी से मिलने तक को तैयार नहीं है .कांग्रेसमें एक बात को लेकर तो आम सहमति है कि गांधी नेहरू परिवार के अलावा उन्हें दूसरा कोई स्वीकार नहीं .लेकिन यदि राहुल गांधी इस बात पर अडिग रहते हैं कि वह इस्तीफा वापस नहीं लेंगे ऐसी स्थिति में कांग्रेस की मुश्किलें और बढ़ सकती है. किसी एक नाम पर आम सहमति हो इसकी संभावना दूर-दूर तक नहीं दिखती. ऐसे में एकता राहुल गांधी यह कह रहे थे कि कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री इस भारी हार के बाद इस्तीफे की पेशकश करते तो पार्टी में आम कार्यकर्ता में एक संदेश जाता लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब अशोक गहलोत यह कह कर कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी में ही इस्तीफे की पेशकश हुई हार के बाद यह सामान्य प्रक्रिया है. कुछ भी नया नहीं है. मतलब साफ है कि सबा महीने बाद में अब इस बात में कोई सत्यता नहीं नजर आती कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे. अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करेंगे. वे राहुल को मनाने आए. राहुल माने या नहीं यह बताने में भी कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता असमर्थ थे . साफ है राहुल को मनाने आए कांग्रेस के कद्दावर नेता बैरंग लौट गए. राहुल को अपनी दिल की सुना तो गए लेकिन राहुल ने अपने दिल का क्या सुनाया सामने नहीं आया.


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