नई दिल्ली : पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि सिर्फ लॉकडाउन कोरोना महामारी से लड़ाई के लिए पर्याप्त नहीं है.
कोरोना वायरस और उससे संबधित मुद्दों पर गुरुवार को लाइव वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल ने कहा कि लॉकडाउन से हम कोविड-19 को नहीं हरा सकते.
राहुल ने जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह बहुत धीमी है. प्रति एक लाख लोगों में सिर्फ 199 की जांच की जा रही है. यह प्रक्रिया तेज करने की जरूरत है.
राहुल ने और क्या कुछ कहा...
- देश में इमरजेंसी जैसे हालात.
- राज्यों को पैसा दे केंद्र सरकार.
- कोरोना टेस्टिंग की संख्या बढ़े.
- रैंडम टेस्टिंग की संख्या बढ़े.
- लॉकडाउन से वायरस हारा नहीं है.
- जिला स्तर पर काम करने की जरूरत है.
- सांसद निधि रोकना बड़ा मुद्दा नहीं है.
- गोदाम से सामान लोगों तक नहीं मिल रहे हैं.
- प्रवासी मजदूरों का दूसरे राज्यों में फंसना बड़ा मुद्दा है
- कोरोना का कंट्रोल नहीं किया जा सकता. इसे बस मैनेज किया जा सकता है.
- जीवन सबसे जरूरी चीज है. लेकिन अर्थतंत्र को भी देखना होगा.
- 20 फीसदी सबसे अधिक गरीब लोगों को मदद मिले. उन्हें डायरेक्ट पैसा दिया जाए.
- सरकार चाहे तो कांग्रेस की न्याय योजना का नाम बदलकर इस्तेमाल कर लें.
⦁ लोगों तक खाने का सामान नहीं पहुंचा पा रहा है.
⦁ हॉट स्पॉट इलाकों को ढूंढ़ना चाहिए.
⦁ सरकार ने दो जोन चुने.
⦁ लॉकडाउन से कोरोना से नहीं लड़ा जा सकता.
⦁ इससे बड़ा आर्थिक नुकसान होगा.
⦁ सरकार को रणनीति बना कर काम करना होगा.
⦁ लोगों को इन हालात में छोड़ा नहीं जा सकता.
⦁ कोविड को काबू नहीं पाया जा सकता.
⦁ अप्रवासी मुद्दे को लेकर कई गलतियां की गईं.
⦁ लॉकडाउन के कारण अप्रवासी लोग फंसे.
⦁ लॉकडाउन के कारण फंसे लोगों की मदद की जाए.
⦁ भारत दुनिया इकलौता ऐसा देश है, जिसने अप्रवासी लोगों की परवाह के बिना लॉकडाउन घोषित कर दिया.
⦁ मुख्यमंत्रियों को अधिक ताकत देने की जरूरत.
⦁ एक लाख लोगों में से केवल 199 लोगों का हो रहा टेस्ट.
⦁ कोविड- 19 से लड़ने एकमात्र तरीका टेस्टिंग है.